मिलते मिलते हंसी वादियों में
मिलते मिलते हंसी वादियों में
मंसूरी की वादियों में टहलते टहलते तन्मय पता नही किस सोच में डूबा तेजी से अपने कदमों को बढ़ाए जा रहा था , कि तभी उसके सामने उसी का हम उम्र एक लड़का आकर रोने लगा "वो लोग वो लोग मेरी बीवी को मार देना चाहते हैं प्लीज उसे बचा लीजिए "मैं उसे नही बचा सकता पर आप उसे बचा सकते है ,प्लीज हमारी मदद कीजिए।"
इतने में तेज़ी भागती हुई सेजल उससे आ टकराई , उसकी नीली झील जैसी बड़ी बड़ी आंखे गोरा सुंदर मुखड़ा सफेद लिबास में लिपटी वो तन्मय के मन में झरने की तरह उतर गई , "देखिए मुझे बचा लीजिए मेरे पीछे कुछ लोग है वो मुझे मार देंगे प्लीज़ , प्लीज़ मुझे बचा लीजिए"। कहते हुए वो रो पड़ी और हाथ जोड़कर उसके सामने बैठ गई । तन्मय ने उसे उठाकर अपने पीछे कर लिए जैसे ही वो लोग सेजल की तरफ बढ़े , तन्मय ने एक ही झटके में उन सबको यूं पटक दिया जैसे वो कोई फूल पत्ती हों ।
सेजल बस बिना पलक झपकाए उसे देखे जा रही थी ।वो गुंडे कुछ ही पल में ऐसे सफाचट्ट भागे कि दूर दूर तक दिखे ही नही । तन्मय ने सेजल को घबराए हुए देखा तो उससे कहा ,"अब आप सेफ है वो जा चुके हैं , तन्मय ने पलट के देखा तो वो लड़का कही भी आस पास नही दिखा तन्मय समझ चुका था कि वो लड़का कौन है।"
रात के समय
रात का समय था , बाहर तेज बारिश हो रही थी बिजलियाँ कड़क रही थी तन्मय होटल रूम में बैड परलेटा हुआ सोने की तैयारी कर रहा था , अचानक उसने एक साया देखा और वो उसके पीछे ही चल दिया । होटल से कुछ आधा किलोमीटर की दूरी पर एक बंगले के सामने वो साया गायब हो गया तन्मय ने सुना बंगले के अंदर से कुछ आवाजें आ रही थी वो उसी दिशा में बढ़ गया , अंदर जाकर देखा तो कुछ लोग चिल्ला रहे थे और एक कमरे का दरवाजा पीट रहे थे , "सेजल ,सेजल बेटा बाहर आजा सेजल"। जो हुआ भूल जा हम कही और चले जायेंगे ये जगह छोड़ देंगे।"
तन्मय वहां पहुंचा उसने उन लोगो से पूछा क्या हुआ तो उन्होंने कहा कि "हमारी बहु को बचा लीजिए प्लीज उसने खुद को रूम में लॉक कर लिया है "
तन्मय ने दरवाजा तोड़ दिया सामने सेजल बेसुध पड़ी थी उसके हाथ से खून बह रहा था उसने अपने हाथ की नस काट ली थी ।तुरंत उसे हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया उसकी जान बच चुकी थी ।
तन्मय ने पूछा की सेजल ने ऐसा कदम क्यों उठाया तो उन लोगो ने बताया बताया कि 1 साल पहले सेजल की शादी उनके बेटे सिद्धांत से हुई थी शादी के दिन ही उनके बेटे की अंशुमान खुराना नाम के नामी बिजनेसमैन ने हत्या करा दी । क्योंकि वो सेजल को अपना बनाना चाहता था और आज भी उसके पीछे हाथ धोकर पड़ा है.
तन्मय ने सेजल के दुखो की दास्तां सुनी तो उसे बहुत गुस्सा आया उसने अंशुमान खुराना के खिलाफ सबूत ढूढना शुरू कर दिए एक दिन ऐसा की उसके काले धंधे लड़कियों को तस्करी , ड्रग सप्लाई सब धीरे धीरे पुलिस की गिरफ्त में आने लगा उसे लगा इन सबके पीछे सेजल का हाथ होगा क्योंकि एक वही थी जिसे अंशुमान के काले धंधों का पता था उसने सेजल को किडनैप करा लिया ।
सेजल बेसुध सी एक अंधेरे कमरे में पड़ी थी वहां कुछ आहट हुई , अंशुमान ने एक दम उसके नजदीक आकर उसको बालो से पकड़ कर उसका मुंह पकड़ लिया और गुस्से में बोला "तू मेरा धंधा चौपट करेगी हां तू भूल गई तेरे पति को कैसे मारा था हमने ,तड़प तड़प कर मगरमच्छों के बीच उनका भोजन बन गया था वो हाहहहाहहह " ठहाका लगाकर हंसता हुआ अंशुमान सेजल की आंखो में चुभ रहा था ।
तभी वहां उस कमरे का दरवाजा टूट गया सामने तन्मय खड़ा था उसने अंशुमान को पुलिस के हवाले कर दिया और सेजल को वहां से छुड़ा लिया । सेजल सुरक्षित अपने घर पहुंच चुकी थी , तन्मय ने सेजल को कई बार बचाया था इसलिए इस बीच उन दोनो की दोस्ती हो गई थी ।तन्मय अक्सर मंसूरी आता तो सेजल और उसके घर वालो से जरूर मिलता था एक तन्मय मसूरी आया हुआ था और वो दोनो वादियों का नजारा देखने के लिए पहाड़ों के बीचों बीच एक पहाड़ पर छोटे से पत्थर पर बैठे थे तभी सेजल ने तन्मय से पूछा ।
एक बात पूछूं आपसे "तन्मय जी "सेजल थोड़ी कसमसाई सी बोली
"हां पूछो" तन्मय ने सादगी से जवाब दे दिया ।
"जब भी मैं मुसीबत में होती थी आप वहां हमेशा पहुंच जाते थे कैसे आखिर कैसे आपको पता चल जाता था की मैं किसी परेशानी में हूं।" सेजल की आंखे कई सवालों को बयां कर रही थी ।
तन्मय ने अपने चेहरे को दोनो हाथो से ढक लिया फिर कुछ देर बाद एक लंबी सांस लेकर अपने हाथ चेहरे से हटाकर आपसे में अपनी हथेलियां रगड़ते हुए बोला "मैं तुम तक हर बार खुद नही पहुंचा बल्कि मुझे किसी ने पहुंचाया।"
मतलब मैं कुछ समझी नही तन्मय जी । सेजल की आंखो में अब भी सवाल थे "सेजल तुम्हे हर मुसीबत से बचाने वाला मैं नही बल्कि तुम्हारा पति सिद्धांत था।" तन्मय ने सादगी से सेजल को बताया।
"क्या, ये आप क्या कह रहे हैं तन्मय जी "। मुझे कुछ समझ नही आ रहा । अब सेजल दुखी हो गई थी वो अपने पति के बारे में सुनकर छटपटा उठी।
"सेजल मैं एक पैरानॉर्मल एक्सपर्ट हूं और आत्माओं को देख सकता हूं , में यहां अपना गम भुलाने आया था की तुम्हारे पति आत्मा से मैं मिला वो यहीं भटक रहा था उसने ही मुझे उस अंशुमान खुराना के बारे में बताया सुनकर मुझे बहुत गुस्सा न जाने और कितनो का घर बिगड़ा होगा उसने उस अंशुमान खुराना ने नशे में मेरी बीवी को कार का एक्सिडेंट कर दिया और मेरी बीवी के साथ साथ मेरा बच्चा भी दुनियां में आने से पहले ही।"इतना कहते कहते वो फफक फफक कर रो पड़ा ।
सेजल ने उसके हाथो को पकड़ लिया वो उसे चुप कराने लगी । तन्मय फिर आगे बोला अगर "मैं उस अंशुमान खुराना को सजा न दिलाता तो ना तो तुम्हारे पति को मुक्ति मिलती और न ही मेरे बीवी बच्चे को अब वो दोनो मुक्त हो चुके हैं तुम्हारे पति ने जाने से पहले कहा था कि मैं हमेशा तुम्हारा ध्यान रखूं।"
कुछ देर अपने मन को शांत करके वो दोनो वापस आ गए , उस दिन जैसे ही वो दोनो घर पहुंचे सेजल के ससुर ने सेजल की शादी का प्रस्ताव तन्मय के सामने ये कहकर रख दिए की वो दोनो बूढ़े हो चुके हैं कब तक जिंदा रहेंगे उनके बाद सेजल का क्या होगा तन्मय के माता पिता को भी मसूरी बुला लिया गया फिर अगले महीने का मुहूर्त निकलवा कर दोनो की शादी कर दी गई ।
दोनो अच्छे दोस्त बन कर रहते थे और एक दूसरे की जिम्मेदारियां पूरी करने लगे बीच बीच में सेजल मसूरी भी जाती थी क्योंकि वो तो एक अनाथ थी उसका परिवार वही था जो उसे अपने पति सिद्धांत से मिला था ।सिद्धांत के माता पिता ने भी सिद्धांत के जाने बाद अपनी बहू को ही अपनी इकलौती औलाद मान लिया था ।जिम्मेदारियां और फर्ज पूरे करते करते कब सेजल और तन्मय को एक दूसरे से प्यार हो गया उन्हे पता ही नही चला , पर इजहार अभी बाकी था ।
गर्मियों की छुट्टियां थी सेजल अपने मां पापा से मिलने मसूरी जाना चाहती थी , तन्मय बिना कहे ही उसकी बाते समझने लगा था या यूं कहे की उसका चेहरा पढ़ने लगा था । वो दोनो अगले ही दिन मसूरी चले गए । कुछ दिन वहां रुके और एक दिन शाम के समय वो सैर पर निकले हंसी वादियों और खुले आसमां के नीचे , कि अचानक बादलों ने अपनी छटाएं बिखेर दी बारिश होने लगी तन्मय और सेजल एक पेड़ के नीचे खड़े थे तन्मय के बेतरतीप हुए बालो से टपकती पानी बूंदे उसके खूबसूरत चेहरे को और भी खूबसूरत बना रहे थे ।
सेजल का भीगा बदन तन्मय के दिल की धड़कने बढ़ा रहा था । उसके चेहरे पर पानी की बूंदे चेहरे को हसीन बना रही थी वो दोनो एक पल को एक दूसरे की आंखो में खो से गए , एकदम से बिजली कड़की और सेजल डर से तन्मय के सीने से जा लगी तन्मय जम सा गया , सेजल की सांसे तेज हो गई उसने कस के अपनी आंखे बंद कर ली ।कुछ पल की खामोशी के बाद तन्मय ने धीरे से सेजल से कहा ।
"सेजल",तन्मय ने प्यार से कहा ।
"हम्म्" सेजल ने गले लगे हुए बंद आंखों से ही जवाब दिया ।
तन्मय ने सेजल को एक पल अपने आप से थोड़ा दूर किया और उसके दोनो के कंधो पर हाथ रख कर कहा ।सेजल बहुत दिनो से तुमसे कुछ कहना चाहता हूं "तुम मुझे गलत मत समझना "मैं सिर्फ तुम्हे अपनी जिम्मेदारी समझ कर ही तुम्हारे साथ इतने दिनो से था पर।"
इतना कहते कहते वो रुक गया उसके शब्द उसका साथ नही दे रहे थे ।
"पर,क्या तन्मय जी",। सेजल ने सादगी से उसकी आंखों में देखते हुए कहा ।
तन्मय ने सेजल का चेहरा अपने दोनो हाथो में भर लिया फिर धीरे से उसकी आंखो में प्यार से देखते हुए कहा "सेजल पता नही कब ,कैसे ? मुझे तुमसे प्यार हो गया मैं नही करना चाहता था पर दिल पर मेरा जोर नही चला तुम्हारी समझदारी , तुम्हारी फिक्र इस सबसे मुझे कब तुमसे मोहब्बत हो गई मैं जान ही नहीं पाया अब तुम्हारे बिना जी पाना बहुत मुश्किल है अगर मैं तुमसे दूर हो गया तो मेरी सांसे ही रुक जायेंगी ।"
इतना कहा ही था कि सेजल ने उसके होठों पर अपना हाथ रख दिया उसकी आंखे नम हो गई "तन्मय जी जो आप मेरे लिए महसूस करते हैं वही में भी आपके लिए महसूस करती हूं , पर कभी हिम्मत नही हुई की आपको बता सकूं ,"मैं,"मैं डरती थी कि आपको पता चलेगा तो आप क्या सोचेंगे मेरे बारे में आपको खोने से डरती थी इसलिए कभी नही कह पाई।"
इतना सुनकर तन्मय की आंखे भर आई ।
बादलों की छटा के साथ अंधेरा भी छाने लगा था , तन्मय ने सेजल के चेहरे को अपने दोनो हाथों में भरते हुए कहा "सेजल" नाम सुनते ही सेजल ने अपनी झुकी पलके उठाकर तन्मय की तरफ देखा ।
"सेजल क्या मैने कभी तुमसे कहा है कि तुम्हारे होठ बहुत खूबसूरत हैं ?"सेजल ने पलके नीचे करके न में अपना सर हिला दिया ।
तुम्हारे होठ बहुत खूबसूरत हैं "सेजल क्या तुम मुझे इन होठों को छूने का हक दोगी ? क्या मुझे अपने पति होने का हक दोगी? "सेजल ने शर्म से अपनी पलके झुका ली और हां में अपनी गर्दन हिला दी उसके होठों पर मनमोहक मुस्कान थी ।
तन्मय ने उसके होठों को अपने होठों से छू लिया सेजल की आंखे बन्द हो गई उसके हाथ तन्मय की पीठ पर चले गए और वो तन्मय की बांहों समा गई तन्मय ने भी अपनी पकड़ मजबूत कर ली, हालत के मारे दो टूटे हुए इंसान अपना दिल खो चुके थे मिलते मिलते हंसीं वादियों में.

