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Sonia Goyal

Abstract

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Sonia Goyal

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मौत का रहस्य

मौत का रहस्य

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आज की हमारी कहानी शुरू होती है कानपुर की रहने वाली अदिति शुक्ला से। अदिति कानपुर विद्या मंदिर काॅलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रही है। वह बहुत ही शांत स्वभाव की सुलझी हुई लड़की है। सभी उसके इतने अच्छे स्वभाव के कारण उसको बहुत प्यार करते हैं। अदिति अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी है। उसके पापा एक निजी बैंक में मैनेजर है और उसकी मम्मी गृहिणी है। अदिति की ग्रेजुएशन पूरी होते ही उसके मम्मी पापा ने उसके लिए लड़का देखना शुरू कर दिया। अदिति के अच्छे स्वभाव के कारण उसको काफी रिश्ते आए और आखिरकार अदिति की शादी दिल्ली के रहने वाले इशान के साथ तय हो गई। अदिति की ही तरह इशान भी घर का इकलौता लड़का था। उसके घर में इशान के इलावा उसके मम्मी पापा थे। इशान दिल्ली की ही कंपनी में साॅफ्टवेयर इंजीनियर था और अच्छा कमा लेता था। अदिति बहुत खुश थी कि उसकी शादी इतने अच्छे घर में हो रही है। लड़के वालों ने तो अदिति को देखते ही अपनी बहू मान लिया। एक महीने के बाद दोनों की शादी का मुहूर्त निकला।

अदिति लाल रंग के जोड़े में बहुत ही सुंदर लग रही थी। देखते ही देखते धूमधाम से अदिति और इशान की शादी हो गई और अदिति अपने ससुराल आ गई। उसने आते ही पूरे घर को संभाल लिया और अपने सास ससुर की सेवा में जुट गई। सब कुछ अच्छे से चल रहा था। अदिति के ससुराल वाले भी अदिति जैसी बहू पाकर बहुत खुश थे।

ऐसे ही इशान और अदिति की शादी को एक साल पूरा हो गया। कुछ दिनों बाद अदिति के घर वालों के पास उसके ससुराल वालों का फोन गया कि अदिति हम सबको छोड़कर इस दुनिया से हमेशा के लिए चली गई है। ये सुनते ही अदिति के मम्मी पापा के तो‌ पैरों तले से जमीन ही खिसक गई। उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था कि ये सब कैसे हो गया। वो दोनों कानपुर से दिल्ली के लिए निकल गए। अदिति को मृत पड़ा देख उसकी मां तो बेहोश होकर ही गिर पड़ी। सबका रो रोकर बुरा हाल था। इसी तरह अदिति की अंतिम विदाई की रस्म पूरी हुई। अदिति के मम्मी पापा भी घर वापिस आ गए। वो दोनों तो अभी भी सदमे में ही थे, फिर जैसे तैसे उन्होंने एक दूसरे को संभाला।

ऐसे ही तीन महीने गुजर गए। एक दिन अदिति के पापा ने इशान से बात की.......

अदिति के पापा:- "बेटा भगवान का लिखा कौन बदल सकता है। जो होना था हो गया। हमारा कोई बेटा नहीं है, पर हमने तो तुम्हें ही अपना बेटा माना है। इसलिए हम चाहते है कि तुम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो और दूसरी शादी कर लो।"

इशान:-" नहीं पापा मैं अदिति को धोखा नहीं दे सकता। फिर क्या हुआ जो अदिति हमें छोड़कर चली गई तो , मैं उसकी यादों के सहारे ही जिंदगी गुजार लूंगा।"

अदिति के पापा:-"बेटा सुनकर खुशी हुई कि तुम अदिति से अभी भी इतना प्यार करते हो। बेटा अदिति भी तुमसे बहुत प्यार करती थी और तुम्हें इस हालत में देखकर उसकी आत्मा को कभी शांति नहीं मिलेगी। कम से कम अदिति की आत्मा की शांति के लिए ही मान जाओ।"

इशान:- "पापा अगर मेरे ऐसा करने से ही अदिति की आत्मा को शांति मिलेगी तो ठीक है मैं दूसरी शादी करने के लिए तैयार हूं।"

अदिति के पापा:- "धन्यवाद बेटा।"

इशान:-" पर पापा मेरी एक शर्त है।"

अदिति के पापा:- "कैसी शर्त बेटा??"

इशान:-" पापा मैं शादी तभी करूंगा जब वो ‌लड़की बिल्कुल अदिति जैसी होगी।"

अदिति के पापा:- "तो समझो तुम्हारी शर्त पूरी हो गई।"

इशान:- "वो कैसे??"

अदिति के पापा:- "बेटा अदिति की मौसी की बेटी तन्नवी बिल्कुल अदिति की परछाई है।"

इशान:- "तन्नवी..... पर मैंने तो इससे पहले कभी उसके बारे में नहीं सुना।"

अदिति के पापा:- "वो इसलिए बेटा क्यूंकि तुम्हारी शादी के समय वो अपनी पढ़ाई के लिए दूसरे शहर गई हुई थी और परीक्षा के कारण वो तुम्हारी शादी में आ नहीं पाई थी। पर अब वो पढ़ाई पूरी करके वापिस आ गई है।"

इशान:- "पर क्या वो और ‌उसके घर वाले इस शादी के लिए राजी होंगे??"

अदिति के पापा:- "तुम चिंता मत करो, मैंने सबसे बात कर ली है और किसी को कोई दिक्कत नहीं है।"

इशान:- "तो ठीक है, मैं भी मम्मी पापा से बात कर लेता हूं।"

फिर इशान ने अपने मम्मी पापा को सारी‌ बात बता ‌दी। उसके मम्मी पापा भी इस शादी के लिए मान गए। कुछ दिनों के बाद सादे तरीके से इशान और तन्नवी की शादी हो गई। जैसा कि अदिति के पापा ने कहा था तन्नवी बिल्कुल ही अदिति की परछाई थी। वो अपने सास ससुर की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ती थी। धीरे-धीरे इशान ने भी तन्नवी को पूरे दिल से स्वीकार कर लिया। सब बहुत खुश थे। एक दिन इशान के परिवार को उनके रिश्तेदार के यहां से शादी का न्यौता आया। सब वहां जाने के लिए तैयार हो गए, पर तन्नवी की तबीयत कुछ ठीक न होने के कारण उसने सबसे कहा.......

तन्नवी:-"मैं आप सबके साथ नहीं जा पाऊंगी। मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं लग रही। आप सब चले जाइए।"

इशान:- "तो ठीक है, मैं भी तुम्हारे पास रूक जाता हूं। मम्मी पापा चले जाएंगे।"

तन्नवी:- "नहीं नहीं, अगर आप नहीं जाओगे तो मुझे लगेगा कि मेरी वजह से आपका जाना कैंसिल हो गया। आप जाइए मेरी चिंता मत कीजिए, मैं ठीक हूं बस थोड़ा सिर में दर्द है। दवाई लेकर सो जाऊंगी तो ठीक हो जाऊंगी।"

इशान:- "चलो ठीक है, पर अगर किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे फोन कर देना।"

तन्नवी:-"ठीक है।"

फिर सब शादी के लिए चले जाते हैं। तन्नवी भी दरवाजा बंद करके अंदर आ जाती है और घर की तालाशी लेने लग जाती है।अब आप लोग सोच रहे होंगे कि तन्नवी अपने ही घर की इस तरह से तालाशी क्यूं ले रही है तो वो आपको कुछ ही समय में पता चल जाएगा।तालाशी लेते-लेते उसके हाथ में कुछ पेपर लग जाते हैं। जब वो उन पेपरों को पढ़ती है तो कुछ समय के लिए वहीं स्थिर हो जाती है। फिर जैसे तैसे वो खुद को संभालती है और खुद से कहती है.......

तन्नवी:- "ये कैसे हो सकता है?? इतनी बड़ी बात किसी को भी पता कैसे नहीं चली। मुझे इस बात की तह तक पहुंचना होगा।"        तन्नवी उन पेपरों की फोटो खींच कर उन पेपरों को वापिस उसी जगह पर रख देती है। तन्नवी अभी बाकी की तालाशी ले ही रही होती है कि तभी डोर बैल बजती है। तन्नवी जल्दी से सब सही करके दरवाजा खोलती है तो देखती है कि सामने इशान खड़ा था। तन्नवी उससे पूछती है.....

तन्नवी:- "अरे आप इतनी जल्दी वापिस कैसे आ गए??"

इशान:- बस तुम्हारी चिंता हो रही थी तो वहां मन नहीं लगा। इसलिए मैं वापिस आ गया।"इतना कहकर दोनों अंदर चले‌ जाते हैं। इशान तन्नवी से पूछता है......

इशान:- "कैसी तबीयत है तुम्हारी??"

तन्नवी:- "अब ठीक है। मैंने दवाई ली थी, बस सोने ही जा रही थी।"

इशान:-" अच्छा ठीक है। चलो आराम कर लो।"

फिर तन्नवी और इशान सोने चले जाते हैं। अगले दिन इशान के ऑफिस जाने के बाद तन्नवी भी बाजार जाने का बोलकर घर से निकल जाती है और काफी समय बाद घर वापिस आती है। घर वापिस आकर वो सीधे अपने रूम में जाती है और इशान का इंतजार करने लगती है। जैसे ही इशान घर आता है तो तन्नवी सबको खाना खिलाती है। फिर सब सोने के लिए अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। रूम में जाकर तन्नवी इशान से कहती है......

तन्नवी:-"मुझे आपसे कुछ पूछना है??"

इशान:- "हां ‌पूछो।"

तन्नवी:- "दीदी की प्रेंग्नेंसी की इतनी बड़ी बात आपने हम सबसे क्यूं छुपाई??"

इशान:-" मैं और अदिति सबको बताने ही वाले थे कि सबने सोचा एक पार्टी ओरग्नाइज़ करके सबको सरप्राइज देंगे।"

तन्नवी:-" अच्छा, सच में सबको सरप्राइज ही देना था या इतने समय में ये पता करना था कि दीदी के पेट में जो बच्चा है वो लड़का है या लड़की??"

इशान:-" ये क्या बकवास कर रही हो, तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो कि मैं इन सब घटिया बातों के बारे में सोचूंगा।"

इशान के इतना कहते ही तन्नवी वो ‌पेपर इशान के मुंह पर दे मारती है और कहती है......

तन्नवी:- "अगर ऐसा है तो ये सब क्या है??"

 इशान जैसे ही उन पेपरों को पढ़ता है तो वो भी कुछ समय के लिए स्थिर रह जाता है। तभी तन्नवी बोलती है.....

तन्नवी:- "क्यूं अब क्या हुआ?? इतने ‌चुप क्यूं हो गए?? यहीं सोच रहे हो ना कि मुझे ये सब कैसे पता लगा तो सुनो, मैंने ये शादी ही इसलिए की थी ताकि मैं पता लगा सकूं कि आखिर दीदी की मौत कैसे हुई। क्यूंकि जब आप लोगों ने बोला कि दीदी की मौत तबीयत खराब की वजह से हुई है तो मुझे यकीन नहीं हुआ, क्यूंकि ‌मेरी एक दिन पहले ही दीदी से बात हुई थी और वो बिल्कुल ठीक थी। इसलिए मैंने आपसे शादी की और मेरा शक बिल्कुल सही निकला। मेरी दीदी मरी नहीं, बल्कि आप लोगों ने मिलकर उन्हें मार दिया। वो भी सिर्फ इसलिए क्यूंकि उनका होने वाला बच्चा लड़की था और आप लोगों को लड़का चाहिए था। इसलिए आप लोगों ने दीदी का अर्वोशन करवा दिया। जबकि डाॅक्टर ने आपको अच्छे से बताया था कि अर्वोशन करने से दीदी की जान को खतरा है। पर आप लोगों ने बिना उनकी परवाह किए उनका अर्वोशन करवा दिया। जिससे उनकी जान चली गई और बड़ी सफाई से सबको ये बोल दिया कि तबीयत खराब होने की वजह से उनकी जान चली गई।"

अभी तन्नवी बोल ही रही थी कि इशान बोल पड़ा.......

इशान:-"भगवान के लिए चुप हो जाओ तन्नवी। मैं कसम खाकर कहता हूं मुझे इस बारे में कुछ भी नहीं पता। मैं तो अदिति को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था , फिर भला ‌मैं उसकी जान कैसे ले सकता हूं। अदिति की मौत के दो दिन पहले ही मुझे ऑफिस के काम से शहर के बाहर जाना पड़ा था। तुम चाहो तो ऑफिस से पता कर सकती हो। पर जिसने भी ये सब किया है, मैं उनको छोड़ूंगा नहीं।"तन्नवी इशान की बातों पर यकीन कर लेती है और इशान से कहती है......

तन्नवी:- "मुझे माफ़ कर दीजिए। मुझे लगा आपने ही ‌दीदी की जान ली है। असली गुनहगारों को पकड़ने के लिए मेरे पास एक प्लान है।"  फिर तन्नवी पूरा प्लान इशान को बता देती है। इशान भी तन्नवी के इस प्लान में उसका साथ देता है।

अगले दिन वो दोनों इशान के मम्मी पापा से कहते हैं कि तन्नवी प्रेंग्नेंट है। ये सुनकर सब बहुत खुश होते हैं। उसके सास ससुर उसका बहुत ध्यान रखते हैं। तन्नवी और इशान को समझ में नहीं आता कि ये सब किया किसने। ऐसे ही एक महीना गुजर जाता है और इशान घर में सबसे कहता है.......

इशान:- "मुझे ऑफिस के काम से दो दिनों के लिए बाहर जाना पड़ेगा। तो आप दोनो तन्नवी का ख्याल रखना।"

अगले दिन इशान घर से चला जाता है। थोड़ी देर बाद तन्नवी के पेट में अचानक दर्द उठता है, वो सोचती है कि ऐसे कैसे अचानक दर्द हो सकता है। वो अपनी सास को इस बारे में बताती है तो उसके ‌सास ससुर उसे अस्पताल ले जाते हैं। कुछ टेस्ट करवाकर वो उसे घर ले आते हैं और उससे कहते हैं कि तन्नवी तुम्हें इस बच्चे को गिराना पड़ेगा, क्यूंकि ये लड़की है और हमें लड़का चाहिए।

 तुम दोनों बहनों ने लगता है कसम ही खा रखी है कि हमें इस घर का वारिस नहीं दोगी। पहले तुम्हारी बहन अदिति की भी इसी वजह से जान गई और लगता है कि अब तुम्हें भी तुम्हारी बहन के पास पहुंचाना ही पड़ेगा। ये बोलकर दोनों तन्नवी की तरफ बढ़ने ही लगते हैं कि तभी इशान वहां पुलिस के साथ आ जाता है और उनको गिरफ्तार करवा देता है।

उनके जाने के बाद इशान अदिति को याद करके रोने लगता है, तन्नवी उसे संभालती है। अदिति के मम्मी पापा को भी जब ये बात पता लगती है तो वो भी रोने लगते हैं और तन्नवी का शुक्रिया अदा करते हैं, क्यूंकि तन्नवी की वजह से ही अदिति के गुनहगारों को सज़ा मिल पाई थी।

समाप्त......



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