प्रेम और अपनत्व ने मानो एक भटकती नदी को रास्ता दिखा दिया था। प्रेम और अपनत्व ने मानो एक भटकती नदी को रास्ता दिखा दिया था।
अब अगर आपका मन सच्चा है तो शहीद होने, और देश पर मर मिटने के लिए तैयार हो जाओ। अब अगर आपका मन सच्चा है तो शहीद होने, और देश पर मर मिटने के लिए तैयार हो जाओ।
मैं तो अदिति को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था! मैं तो अदिति को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था!
और इनके ख़िलाफ़ चार्ज शीट फ़ाइल करने की तैयारी करो। ” और इनके ख़िलाफ़ चार्ज शीट फ़ाइल करने की तैयारी करो। ”
प्रभाकर उदास सा नारायण मंदिर में बैठा था, तभी कोई पूजा करके सबको प्रसाद बाँट रहा था, प्रभाकर उदास सा नारायण मंदिर में बैठा था, तभी कोई पूजा करके सबको प्रसाद बाँट रहा...
अनजाने में ही बेटी के सिखाये 'सबक' और खुद के ज़िद्दीपन पर हँस रहा था। अनजाने में ही बेटी के सिखाये 'सबक' और खुद के ज़िद्दीपन पर हँस रहा था।