Sonia Goyal

Abstract Drama Tragedy

4.5  

Sonia Goyal

Abstract Drama Tragedy

लव और साज़िश

लव और साज़िश

4 mins
235


तन्नवी लखनऊ के नामचीन हस्तियों में से दीपक मल्होत्रा और राधिका मल्होत्रा की बेटी और हर्ष मल्होत्रा की इकलौती बहन थी। वह आर.के काॅलेज से बीएससी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी और अमीर बाप की बेटी होने के कारण काफ़ी बिगडै़ल और गुस्से वाली भी थी, पर पैसों वाली होने के कारण कोई उससे पंगा नहीं लेता था।

एक दिन जब वो काॅलेज से घर जाने के लिए अपनी कार के पास आती है तो कार के टायर को पंचर हुआ देखकर तिलमिला जाती है और अपने घर पर फ़ोन करके ड्राइवर को दूसरी गाड़ी लाने के लिए कहती है। ड्राइवर तुरंत ही गाड़ी लेकर तन्नवी के काॅलेज के लिए निकल जाता है, पर रास्ते में ट्रेफिक जाम लगा होने के कारण वो वहीं अटक जाता है।

इससे तन्नवी का गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ जाता है और वो गुस्से में वहीं पर इधर-उधर घूमने लग जाती है। तभी एक लड़का अपनी गाड़ी लेकर वहां आता है और उससे उसकी परेशानी का कारण पूछता है। पहले तो तन्नवी उसकी तरफ़ देखती ही नहीं, पर जब वो लड़का उससे दोबारा पूछता है तो तन्नवी गुस्से से उसकी तरफ़ घूर कर देखने लगती है।

जैसे ही तन्नवी उस लड़के का चेहरा देखती है तो वो अपना सारा गुस्सा भूलकर एकटक उसे निहारने में लग जाती है। आखिर तन्नवी उसमें गुम हो भी क्यूं ना......वो लड़का था ही इतना हैंडसम की जो भी देखे, देखता ही रह जाए। तन्नवी के इस तरह उसे देखने से, वो लड़का उसके आगे चुटकी बजाकर कहता है, "अगर आपने मुझे अच्छे से निहार लिया हो तो बताएंगी कि आप इतनी परेशान क्यूं है......"

तन्नवी अपनी नज़र इधर-उधर घूमाते हुए, "वो मेरी गाड़ी का टायर पंचर हो गया है और मेरा ड्राइवर दूसरी गाड़ी लेकर आ रहा था, पर वो भी ट्रैफिक में फंस गया है।"

लड़का मुस्कुराते हुए, "बस इतनी सी बात..... अगर आप बुरा न मानें, तो मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूं।"

तन्नवी,"नहीं कोई बात नहीं मैं चली जाऊंगी, पर तन्नवी असल में तो उसके साथ ही रहना चाहती थी। उसे इस बात से कोई मतलब नहीं था कि वो कौन है और क्या करता है, अब बस वो उसकी ज़िद बन चुका था।"

उस लड़के ने फिर से कहा, "मैं आपको ऐसे छोड़कर नहीं जा सकता और घबराइए मत मैं कोई ऐसा-वैसा लड़का नहीं हूं, बहुत शरीफ़ हूं और हां सच मैं अपना नाम तो बताना भूल ही गया.... मेरा नाम रौनक है।"

अब तन्नवी मना नहीं करती और उसके साथ अपने घर के लिए निकल जाती है। तन्नवी उसकी सारी जानकारी निकलवा लेती है और रौनक से बार-बार किसी न किसी बहाने मिलने लगती है और धीरे-धीरे उसे अपने जाल में फंसा ही लेती है। तन्नवी के लिए रौनक उसकी ज़िद था और उसने उसे पा लिया था, इसलिए वो बहुत खुश थी।

एक दिन रौनक उसे एक सुनसान से रास्ते पर मिलने के लिए बुलाता है। तन्नवी बिना किसी दिक्कत के वहां चली जाती है। कुछ देर दोनों बातें करते हैं और फिर रौनक उसे गले से लगा लेता है। कुछ समय बाद तन्नवी को अपने पेट पर ज़ोरदार प्रहार का अहसास होता है और वो एकदम पीछे को हो जाती है।

जब वो अपने पेट की तरफ़ देखती है तो पाती है कि रौनक ने उसके पेट में चाकू से प्रहार किया था। वो दर्द से कराहती हुई नीचे गिर जाती है और सवालिया नज़रों से रौनक को देखने लगती है। रौनक जोर-जोर से हंसते हुए कहता है, "तुम्हें क्या लगा कि तुम मुझे पाना चाहती थी, इसलिए मैं तुम्हारी जिंदगी में आया.... बिल्कुल नहीं, बल्कि ये सब मेरा ही प्लान था, जिसमें तुम फंस गई।"

तन्नवी, "तुमने क्यूं किया ऐसा??"

रौनक, "शिखा याद है तुम्हें, जिसका तुम्हारे भाई और उसके दोस्तों ने रेप किया था और जान से मार दिया था... मैं उसका भाई हूं। तुम्हारे भाई के कारण मैंने न सिर्फ़ अपनी बहन को खोया, बल्कि अपने पूरे को खो दिया। हमने तुम्हारे भाई को सज़ा दिलाने की कितनी कोशिश की, पर तुम्हारे परिवार ने पैसों के दम पर उसे बचा लिया। अब तुम्हें खोने के बाद तुम्हारे परिवार को भी मेरे दुख का अहसास होगा।"

तन्नवी कुछ ही समय में अपना दम तोड़ देती है और रौनक अपने परिवार की मौत का बदला लेकर वहां से चला जाता है।

समाप्त.....


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