माता पिता की सेवा
माता पिता की सेवा
किसी गांव में टिंवीकल नाम की लड़की थी। बहुत भोली भाली थी। मम्मी पापा की लाडली बेटी थी। कक्षा पांचवी में पढ़ती थी।वह हमेशा पढ़ाई में ध्यान देती थी। एक दिन वह सपने देख रही थी तो अचानक मां लक्ष्मी आई।वह बोली बेटी तुम अपने माता-पिता की सेवा करना और गरीबों की सेवा करना यही वरदान है। इतना कहकर वह चली गई, नींद खुली तब देखा कि वह बिस्तर में सोई हुई है। माता पिता ने उसकी शादी मोहन नाम के लड़का से कर दी। वह ससुराल चली गई।
एक दिन उसके पिताजी का तबीयत खराब हो गया मां बेचारी सेवा करते करते परेशान हो गई थी गरीबी की स्थिति में इलाज नहीं करा पा रहे थे। अचानक बेटी को पता चला कि उसकी पिताजी बीमार है तो वह दौड़ी चली आई। मां लक्ष्मी की बताई हुई बात को याद किया।तब से माता पिता की सेवा करने लगी। इस तरह इसका जीवन सुखमय जीवन जीने लगा। माता पिता की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।