लक्ष्य
लक्ष्य


जीवन क्या है?आप सभी के अनुसार जीवन की परिभाषा अलग अलग हो सकती है और होनी भी चाहिए।एक साकारात्मक व्यक्ति की जीवन के प्रति अलग परिभाषा होती है तो वहीं नाकारात्मक व्यक्ति के लिए अलग।एक युवा के लिए अलग परिभाषा होती है तो एक वृद्ध के लिए अलग।
वास्तव में जीवन की अपनी कोई परिभाषा नहीं है।इसकी हर व्यक्ति के अनुसार अलग अलग परिभाषा होती है।जीवन की जो भी परिभाषा हो पर प्रत्येक व्यक्ति को एक लक्ष्य बनाना चाहिए जिसे वह प्राप्त कर सके।
बिना लक्ष्य के व्यक्ति का जीवन ऐसा ही हो मानो बिना हार्न के गाड़ी या बिना डोर के कटी पतंग।एक बार लक्ष्य बना निर्धारित कर लेने के पश्चात उसे प्राप्त करने के लिए कई महत्वपूर्ण पड़ाव आते है जिन्हें हम बोलचाल भाषा मेंं छोटे छोटे पद कहते हैं।एक पद पूर्ण होने पर दूसरा पद प्राप्त करना चाहिए, इस तरह आप अपनी मंजिल तक पहुंच जायेंगे।अपना लक्ष्य हासिल कर लेंगे।