Rohit Verma

Abstract others inspirational tragedy

3.7  

Rohit Verma

Abstract others inspirational tragedy

लड़का पहल या लड़की पहल

लड़का पहल या लड़की पहल

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लड़के का पहल करना जरूरी है या लड़की का. ये सवाल सबके मन में उठता है प्रस्ताव कोई भी रखे हैं दोनों मनुष्य ही है कोई भी कर सकता है लड़की के पीछे लड़का भागे उसको जानवर की श्रेणी में डाल दिया जाता और लड़की भागे तो शाबाशी कहा जाता है . एक तरफ लड़की ने अपनी उंगली दिखा कर फोटो डाली और दूसरी तरफ लड़के ने भी ऐसा किया लड़की की फोटो पर 1000 लाइक और लड़के की फोटो पर एक भी लड़की के लाइक नहीं लड़की की फोटो को लाइक करने वाले सब लडके और लडके की फोटो लाइक करने वाले एक भी नहीं. ये सब लड़को को प्रस्ताव का गुलाम बना दिया जाता है उसी का कारण है. लड़के उंगली पर नाच कर अंधे हो रहे हैं. अंग्रेजो द्वारा बनाए नियम है इस नियम को तोड़ना ही होगा . आप किसी के लिए मत बदलो जैसे हो वैसे ही रहो चाहे लडका हो या लड़की. ये जरूरी है कि वह आपको अपनाने के लिए तैयार हो सकता

है. लड़कियों को हम लड़के जरूरत समझते है और लड़कियां इसको नादानी. आप सब कुछ खो देते हो कुछ पारिवारिक रिश्ते , कुछ दोस्त सबको पराया बना रहे है . चंद खुशियां देने के चक्कर में अपना सब कुछ लुटा रहे है. अगर आपको ज़िन्दगी में खुश रहना है सिंगल लाइफ को अपनाना होगा और इसी के साथ आगे बढ़ना है. कहते हैं जब घमंड जब बढ़ जाता है तो सर चढ़ जाता है. लड़का हो या लड़की दोनों को ही बराबर तरीके से रहना आनंद भाव से जीना सीखाता है.


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