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Gajanan Pandey

Abstract

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Gajanan Pandey

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कोरोना से बचें

कोरोना से बचें

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आज सारा विश्व 'कोरोना ' से त्रस्त है। भारत के क ई राज्यों में इस बीमारी से ग्रसित लोग पाये गये हैं।

इस संकट की घडी में,प्रधानमंत्री जी देश को संबोधित करनेवाले हैं।

सभी में उत्सुकता है ।शर्मा परिवार के सदस्यों में भी काफी जोश है । डाइनिग टेबल पर सब मशगूल हैं। इस बात को लेकर कि माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी,अपने भाषण में क्या कहते हैं?

टीवी पर भी कोरोना के संबंध में,बराबर खबरें प्रसारित की जा रही हैं।

इधर राज्य सरकार ने भी एहतियात के तौर पर स्कूल- कालेज बंद कर दिये हैं।

शर्मा जी के परिवार में दो बच्चे- पिंकी व अनूप तीसरी व चौथी कक्षा में पढते हैं।

यह शैक्षिक वर्षात का समय है इसलिए आगामी परीक्षा की तैयारी के लिए प्रतिदिन स्कूल के शिक्षकों द्वारा व्हाटस ऐप पर विभिन्न विषयों की वर्क सीट भेजने की व्यवस्था की गई है। जो डेली बेसिस बच्चों द्वारा उसी दिन हल कर टीचर को भेज देना है।

पिंकी की मा पूनम ने उसे आवाज़ दी,' तुम्हारे लिए मैथ्स की वर्क सीट आयी है ।इसे आज ही हल करना है ।'

अब दोनों बच्चे,अपने काम में लग गये।बीच- बीच में,जहां कोई डाउट होता तो वे अपनी माँ से पूछकर- हल कर लेते।

शाम होते- होते बच्चों का सारा काम निबट गया। पूनम ने उसे स्कैन कर मोबाइल से टीचर को भेज दिया।

रात्रि के आठ बजने को है।अब सबकी निगाहें टीवी स्क्रीन पर है।

प्रधानमंत्री जी का संबोधन प्रारंभ हो गया ।सब दत्त चित्त से,उनकी बातों को सुन रहे हैं।

उन्होंने जनता से अपील की ।संकट की इस घडी में,सब साथ आए और इस वैश्विक महामारी से निबटने में सहयोग दे।

उन्होंने आगाह किया कि सोशल डिस्टेशिग यानि भीड़ से दूर रहकर,अनावश्यक रूप से घर से बाहर न निकले।

हाथों को बराबर धोना है ताकि वायरस को फैलने से रोका जा सके ।

धैर्य व दृढ संकल्प के साथ इस असामान्य स्थिति से निबटा जा सकता है।

इस महामारी से नागरिकों को बचाने के लिए- चिकित्सा सुविधा उपलब्ध है। डाक्टर,दिन -रात इस कार्य में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

अंत में,उन्होंने देशवासियों से अपील की -'आनेवाले रविवार 22 मार्च को ' जनता कर्फ्यू ' के रूप में- इस दिन सभी सुबह 7 से रात 9 बजे तक घर पर ही रहें और इस दिन शाम 5 बजे अपनी बाल्कनी पर आकर उन सभी सेवा कर्मियों का ताली ,थाली व घंटी बजाकर धन्यवाद करें जो आपकी सेवा में,जोखिम उठाकर लगे हैं।

घर के मुखिया प्रदीप के पिताजी रवि ,काफी खुश हैं कि हमें मोदी जी जैसे प्रधानमंत्री मिलें हैं।

सबने संकल्प लिया कि जनता कर्फ्यू को सफल बनाना है।

रविवार को घर पर रहकर ही,शर्मा परिवार ने इस सरकारी निर्देश का पालन किया और शाम 5 बजने के पहले ही जब पास - पडोस से घंटी बजने की आवाज़ आने लगी।

शर्मा परिवार भी बाल्कनी पर आ खडा हुआ ।हाथ में मंजिरा तो आठ वर्षीय अनूप ने हाथ में थाली व चम्मच लेकर ,62 वर्षीय रवि भी जोश में हैं। उनके हाथ में घंटी तो प्रदीप ने शंख बजाकर उद्घोष किया ।

अपार्टमेंट के सामने के दूसरे घरों पर भी घंटी- ताली की आवाजों से एक अनोखा दृश्य उपस्थित हो गया। कुछ ने ,इस जन -आंदोलन का वीडियो भी बना लिया।

सबने एकजुटता का परिचय दिया।


दृश्य- 2


आज सोमवार है ।शर्मा परिवार ने अब घर पर ही रहने का मन बना लिया है।

प्रदीप को भी ' वर्क फ्रेम होम ' का आदेश मिला है।

इसलिए उसे भी कोई समस्या नहीं है। वह लैपटाप पर अपने काम में लगा है ।

रवि चूंकि रिटायर हो गये हैं ।उनके पास भी कोई विशेष काम नहीं है।

वह खाना वगैरह निबटाकर घर के मेन हाल में बैठे हैं। हाथ में मोबाइल है ।अंगुलियां उस पर चलने लगी। अचानक व्हाटस ऐप पर एक वीडियो को देखकर,वह जोरो से हंसने लगे ।इस वीडियो में, हाथ में तिरंगा झंडा थामे बहुत सारे लोग झुंड में ताली बजाते जा रहे थे।

रवि ने इस वीडियो को देखकर प्रतिक्रिया दी ।जिसके लिए मना किया जा रहा है ,लोग वही कर रहे है ।

' आखिर हम सब कब गंभीर

होंगे। इस विकट स्थिति में भी लोग अपनी जिम्मेदारी से बचना रहे हैं।


दृश्य - 3

टीवी पर,मीडियाकर्मी- प्रत्यक्षदर्शी से सवाल कर रहा है (एक महिला से) सरकार के लाकडाउन के फैसले से कहां तक सहमत हैं ?

(वह महिला) ' बहुत सही फैसला है ।यह हम सबके हित में हैं कि हम घरों पर ही रहे ।'

(एक दूसरा व्यक्ति) ' हमें कोई परेशानी नहीं है। आज तीन दिन के बाद घर पर सब्जी आदि खत्म हो जाने से,मैं बाहर आया हूं। '

दृश्य - 4


लोगों को इस विपदा की घड़ी में,संकट से बचाने के लिए,सारे एहतियाती इंतजाम किये गये हैं। पर लोग अनावश्यक रूप से घर से बाहर निकलने का रिस्क मोल ले रहे हैं। ट्रैफिक जैम की समस्या उठ खड़ी हुई है।


यह सब देखकर,आखिर शासन ने कर्फ्यू लगाने का निर्णय ले लिया है ।

शर्मा परिवार- (प्रदीप) ' यह तो होना ही था। ' सब इसे हल्के में जो ले रहे थे ।

*** ***


न्यूनतम 50 शब्द- कोरोना की गंभीरता को सबको समझना होगा व अपने व देशहित में,अपने नैतिक दायित्व का निर्वहन करना होगा।


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