कोरोना के अचूक उपाय
कोरोना के अचूक उपाय
सावधान कोरोना काल चल रहा है, मास्क पहने अपने घर में ही रहे,अपने पड़ोस में भी ताकझांक न करें, गलत मत मानियेगा, कहने का मतलब है, ज्यादा घूमफिर मत करिए। और घर पर ही जड़ी -बूटियों का इस्तेमाल करते रहिये। घर रहते पेट के बल लेट जाईये ऑक्सीजन लेबल बना रहेगा। जहाँ तक डॉ. की भी कई नुक्से ….। जितनी लोग उतने तरीके का नुक्से, हमारे देश के प्रधानमंत्री जी भी नुख्से को करने को कहते है। तो हमें टेंशन लेने की क्या जरूरत है। फिर डॉ. के पास भागादौड़ी की क्या जरूरत…। आयुर्विज्ञान को इस समय बहुत ध्यान दिया जा रहा है, आयुर्विज्ञान के नाम पर भारत में कितने अनुसधान केंद्र है ? जिसे आप उंगली पर गिनती कर सकतें हैं। 2013 से 2019 तक आयुष मंत्रालय को नया कॉलेज खोलने के लिए एक रुपये तक खर्च नहीं किये।
हिसदुस्तान के लोग रामदेव बाबा को योग आचार्य और आयुर्वेद गुरु मान रहें हैं। बाकी के डॉ. हॉस्पिटल में सभी का साक खराब है! आयुष डॉ. की भी नियुक्ति है तो एलोपथिक में उसे ठूस दिया गया है। दावा के नाम पर धूल चाटती है। लोगों को काम आता है तो दादी -नानी वाली नुक्से। लोग भी अंग्रेजीयत होने लगे है एलोपैथी ज़्यादा शूट करतें हैं। हमारी सरकार की भी नीतियाँ ऐसे ही है। हम ढंका पीटने में माहिर है,हम विश्व गुरु है, शिक्षा, विज्ञान,स्वास्थ्य .. के आकड़ों पर इंडिया 99 स्थान है 142 देश सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक।
हम सब बस अफवाहों के पीछे भागते रहते है। सरकार भाषाओं की अलंकार और योजनाओं के नाम पर डिजीटल आंकड़े दिखा कर
मुँह बंद कर देतें हैं। खुश कोई नहीं है लेकिन ऊपर से सभी मुस्कुरा रहे हैं जैसे सेल्फी लेते समय। इसीतरह करोना काल में भी जिसको देखो सभी कोरोना विशेषज्ञ हो गए है। ये भी बहुत अच्छा है, इसके नाम से लोग हॉस्पिटल तो पहुँच नहीं जाते, शुक्र है अब तक सर्दी -ज़ुखाम वालों की जान बची हुई है, वरना हॉस्पिटल पहुँचते ही जान की खैर नहीं। आप सभी आस -पास के हालात से अबगत ही हैं। कभी न कभी हॉस्पिटल जाने का मौका मिला ही होगा, बुरा मत मानियेगा आप नहीं तो किसी अन्य के बहाने सुविधा -असुविधा के बारे में आप से ज़्यादा तो मीडिया को पता तो नहीं हो सकता।
चलिए फिलहाल आप कोविड 19 का टीका लेकर लंबी साँस ले। लड़ाई तो हम सब को लड़नी है।
