Sandeep Kumar Keshari

Classics

3.5  

Sandeep Kumar Keshari

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कोरोना (एक नजर)

कोरोना (एक नजर)

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पिछले लगभग दो महीनों से हर अखबार, टी वी, सोशल मीडिया की सुर्खियों में है कोरोना! 31 दिसंबर, 2019 को चीन ने आधिकारिक रूप से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को इस नए बीमारी की जानकारी दी। सबसे पहले इसे चीन के वुहान शहर में रिपोर्ट किया गया। विश्व के कुल 190 से ज्यादा देशों में फैली इस बीमारी से19000 से अधिक की मौत हो चुकी है। चीन के बाद अभी यह बीमारी इटली में अपना तांडव मचाये हुए है। आज की तारीख में अभी तक इटली में कुल 74386 संक्रमित व्यक्ति में 7503 की मौत हो चुकी है और 9362 ठीक हुए हैं। भारत की अगर बात करें तो अभी तक कुल 649 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है, जिसमें 43 ठीक हो चुके हैं और 13 की मृत्य हुई है। कल दिनांक 25 मार्च से हमारे प्रधानमंत्री ने 21 दिनों के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की है, जिसमें आवश्यक चीजों को छोड़ सभी तरह के प्रतिष्ठान, आवागमन आदि पूरी तरह बंद रहेंगे। इसी के साथ आजकल इस बीमारी को लेकर विभिन्न प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया आदि में तरह-तरह की भ्रामक बातें, सच्ची-झूठी बातें बेतरतीब तरीके से फैलाई जा रही है। कभी-कभी मुझे इस बात से तकलीफ होती है कि कुछ पढ़े-लिखे लोग भी सोशल मीडिया में प्रचारित तथ्यों पर आँखें बंद कर भरोसा कर उसे फैला भी देते हैं। मैं उन सभी बुद्धिजीवियों से कहना चाहता हूँ कि कम से कम इन तथ्यों की सत्यता तो परख लिया कीजिये! अगर आप जैसे लोग ही भ्रामक प्रचार पर उतर जाएंगे तो बाकी आम लोगों से क्या उपेक्षा किया जाएगा? ख़ैर, इसी विषय को ध्यान में रखते हुए मैंने ये लेख पाठकों के लिए लिखा है। वैसे मैं पाठकों की जानकारी के लिए बता दूँ कि मैं मंडल रेल हॉस्पिटल, आद्रा, पुरुलिया, प. बंगाल में नर्सिंग सुपरिंटेंडेंट के पद पर कार्यरत हूँ और विश्व स्वास्थ्य संगठन ( World Health Organization, WHO) के इस बीमारी से संबंधित एक घण्टे का ऑनलाइन कोर्स किया हूँ। हमारे अस्पताल में भी इसकी ट्रेनिंग दी गयी है। उम्मीद है, आपको जानकारी अच्छी लगेगी।1.कोरोना (CORONA) क्या है?

कोरोना बहुत ही तीव्र गति से फैलने वाली बीमारी है जो Corona नामक वायरस से फैलता है। WHO ने इसका नामकरण COVID-19 किया है, अर्थात, COrona VIrus Disease। चूँकि ये सबसे पहले 2019 में पाया गया, इसलिए इसके नाम के पीछे 19 लिखा गया है।

2.यह कैसे फैलता है?

कोरोना मुख्यतः ड्रॉपलेट इन्फेक्शन से फैलता है।

•छींकने, खाँसने, थूक, बलगम, नासिका द्रव आदि से।

•संक्रमित व्यक्ति या जानवर से (अभी तक होंगकांग में एक कुत्ते के संक्रमित होने की खबर आई है)।

•संक्रमित स्थान या वस्तु जैसे पोल, रेलिंग, फ़ाइल आदि छूने के बाद उन्हीं हाथों से नाक, मुँह, आँख आदि छूने से।3.इसके लक्षण क्या हैं?

•बुखार

•खाँसी

•साँस लेने में दिक्कत

•नाक का बहना

•कमजोरी

•बदन दर्द

•सिर दर्द

•उलटी आदि।

इसके अलावा उच्च स्तर संक्रमण में निमोनिया एवं गुर्दा (किडनी) काम करना बंद कर देता है।

4.कोरोना से संबंधित भ्रांतियाँ, अफवाह एवँ सच्चाई क्या हैं?

•ज्यादा ठंडा मौसम, बर्फबारी, गर्मी आदि से यह वायरस मर जाता है।

सच्चाई – नहीं। अभी तक इसके कोई भी प्रमाण नहीं मिले हैं जिससे इन बातों को सच माना जाए। सच्चाई तो यह है कि किसी भी वायरस को जिंदा रहने के लिए एक शरीर, एक तापमान एवं आर्द्रता की आवश्यकता होती है। बाहरी तापमान चाहे जितना अधिक या कम हो, मानव शरीर का तापमान 38 C ही होता है। ये तापमान वायरस के लिए सबसे मुफीद तापमान है। शरीर से बाहर यह वायरस कुछ देर या कुछ दिनों तक ही जिंदा रह सकता है।

•चीन अथवा दूसरे देशों से आये सामान से भी यह बीमारी फैल सकती है।

सच्चाई – नहीं। जैसा कि ऊपर बताया गया कि यह वायरस शरीर के बाहर हवा में या किसी वस्तु, स्थान में एक खास समय सीमा तक ही सक्रिय रह सकता है। इस हिसाब से आयातित वस्तुओं से संक्रमण फैलने की संभावना काफी कम है। लेकिन, फिर भी अगर किसी को लगता है तो वह उस वस्तु या स्थान को उपयोग से पहले डेटॉल या कोई अन्य निःसंक्रमणकारी द्रव (disinfectant liquid) से धो या पोंछ सकते हैं। धोने या पोंछने के बाद हाथों को साबुन से अच्छे से अवश्य धोएँ।

•कोरोना मच्छर से फैल सकता है।

सच्चाई – अभी तक इसका कोई प्रमाण नहीं है।

•थर्मल स्कैनर से कोरोना संक्रमण का पता चल सकता है।

सच्चाई – एक हद तक। थर्मल स्कैनर तभी काम करता है जब शरीर का तापमान 38 C से अधिक यानी बुखार हो। अगर कोई व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित है लेकिन उसे बुखार नहीं है तो थर्मल स्कैनर इसे पता नहीं लगा पायेगा।

•शरीर पर अल्कोहल या क्लोरीन छिड़कने से वायरस मर जाते हैं।

सच्चाई – नहीं। वायरस तब तक नुकसान नहीं पहुँचा सकता जब तक कि वह शरीर के अंदर प्रवेश न करे। शरीर के ऊपरी सतह पर मौजूद वायरस को मिटाने के लिए अल्कोहल या क्लोरीन घातक हो सकता है। कोरोना मुख्यतः श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है, इसलिए पूरे शरीर पर इन चीजों का इस्तेमाल खतरनाक हो सकता है।

•पशु पक्षियों खासकर मुर्गियों आदि से यह बीमारी फैल सकती है।

सच्चाई – नहीं। इसका कोई भी प्रमाण अभी तक नहीं मिला है जिससे यह बात कही जा सके। हालाँकि, होंगकांग में एक कुत्ते के संक्रमित होने की खबर आई थी, किन्तु उसे यह संक्रमण उसके मालिक से ही हुआ था। फिर भी यह सलाह अवश्य दी जाती है कि पालतू जानवरों एवं पक्षियों को छूने के बाद हाथों को अच्छे से साबुन से धो लें।

•निमोनिया वैक्सीन (टीका) से कोरोना का इलाज संभव है।

सच्चाई – नहीं। WHO के अनुसार निमोनिया का टीका कोरोना में प्रभावकारी नहीं है।

•बार-बार गर्म पानी के गरारा या कुल्ला करने से कोरोना से बचा जा सकता है।

सच्चाई – नहीं। सामान्य सर्दी जुकाम में भले ही यह कारगर हो, पर इससे कोरोना से नहीं बचा जा सकता।

•लहसुन खाने से कोरोना नहीं होता।

सच्चाई – नहीं। ये सच है कि लहसुन में कई एन्टी माइक्रोबियल गुण पाए जाते हैं और सेहत के लिए यह काफी फायदेमंद है, किन्तु कोरोना से संबंधित इसके कोई प्रमाण नहीं हैं।

•कोरोना बच्चों एवं बूढ़ों को ज्यादा प्रभावित करता है।

सच्चाई – एक हद तक। कोई भी बीमारी या संक्रमण कमजोर प्रतिरोधी क्षमता वालों को जल्दी और ज्यादा प्रभावित करता है। बच्चों एवं बूढ़ों में प्रतिरोधी क्षमता कम होने के कारण इन्हें बचकर रहना चाहिए।

•एंटीबायोटिक्स से कोरोना का इलाज संभव है।

सच्चाई – नहीं। एंटीबायोटिक्स सिर्फ बैक्टीरियल संक्रमण में कार्य करता है। वायरल संक्रमण में इसका कोई रोल नहीं है।

•पुरुषों की तुलना में महिलाएं इससे ज्यादा बेहतर लड़ सकती हैं।

सच्चाई- हाँ। चीन में इस बीमारी से हुई मौतों को देखा जाए तो पुरुषों का मृत्यु दर 2.8% है जबकि महिलाओं में यह दर 1.7% ही है। सामान्यतः महिलाएं किसी भी बीमारी में पुरुषों की अपेक्षा ज्यादा बेहतर रहती हैं। उनका प्रतिरोधक क्षमता पुरुषों की तुलना में अच्छा होता है।

•शराब पीने से कोरोना नहीं होता।

सच्चाई- नहीं। शराब किसी भी तरीके से कोरोना नहीं रोक सकता।

•ज्यादा पानी पीने से इससे बचा जा सकता है।

सच्चाई- नहीं। ज्यादा पानी पीना सेहत के लिए लाभदायक अवश्य है, किन्तु कोरोना के खिलाफ इसके कोई प्रमाण मौजूद नहीं है।

5.क्या करें?

• नाक एवँ मुँह को हमेशा ढँक कर रखें। मास्क पहनें तो और बेहतर।

•नियमित रूप से अच्छे से साबुन से हाथ धोएं (पाठक गण अगर चाहें तो इस विषय पर भी लेख प्रस्तुत कर सकता हूँ)।

•भीड़ वाले स्थानों में जाने से बचें।

•अभिवादन हाथ जोड़कर करें।

•अगर किसी को सर्दी जुकाम है तो भीड़ वाले स्थान में जाने से बचें। हो सके तो घर पर ही रहें। इसके अलावा खांसते एवं छींकते समय हमेशा रुमाल या टिश्यू पेपर का उपयोग करें।

•सर्दी जुकाम से संक्रमित व्यक्ति से कम से कम दो फुट की दूरी से बात करें।

•खूब पानी पियें एवं पौष्टिक आहार लें।

•भरपूर आराम एवं नींद लें।

•ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर के सलाह से ही दवाएँ लें.क्या न करें?

•सोशल मीडिया वाले डॉक्टरों से दूर ही रहें।

•खुद डॉक्टर न बनें।

•बार-बार गंदे हाथों से मुँह, नाक, आँख को न छुएँ।

•गले न मिलें, चुम्बन से दूर रहें एवं अभिवादन में हाथ न मिलाएँ।

•यहाँ वहाँ न थूकें।

•संक्रमित व्यक्ति मास्क, टिश्यू पेपर, नैपकिन आदि खुले स्थानों या यहाँ वहाँ न फेकें।

•सार्वजनिक स्थानों की चीजें जैसे गेट, पोल, रेलिंग, फ़ाइल आदि न छूएँ। छूने के पश्चात हाथों को साबुन से अच्छे से धो लें।

अफवाहों पर ध्यान न दें। किसी भी प्रकार का अफवाह न फैलाएं।


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