लॉकडाउन की बातचीत - 08
लॉकडाउन की बातचीत - 08


अरे, संदीप, कैसा है, चंदन ने फ़ोन उठाते ही सवाल दागा?
हाँ, ठीक, तुम बता, मैंने जवाब दिया।
कहाँ, ड्यूटी में हो क्या?
नहीं, सुबह की ड्यूटी थी, 2 बजे तक, अभी रूम में ही हैं, मैंने कहा।
अच्छा! और लॉकडाउन में कैसी ड्यूटी चल रही है, मरीज आ रहे हैं, उसने उत्सुकता से पूछा?
अभी इधर तो कोरोना का कोई मरीज मिला नहीं, लेकिन हम तैयार हैं, मैंने कहा। फिर पूछा, तू बता, क्या चल रहा है?
क्या चलेगा, घर पर ही हूँ। कहीं निकलना है नहीं। ...अच्छा, सुन। तेरे पास जयमंगल का कॉल आया था क्या, उसने अचानक से बातचीत का रुख मोड़ते हुए मुझसे पूछा?
नहीं, मेरे पास तो नहीं आया, मैंने उसे जवाब देते हुए कहा। फिर पूछा, क्यों, कुछ बात है क्या?
अरे, अभी कुछ देर पहले कॉल किया था, अर्जेंट पैसे के लिए बोल रहा था। मेरे पास था नहीं, इसलिए दे नहीं सका, उसने थोड़ा उदास होते हुए कहा।
ओह! अब ऐसे मौकों पर सभी के पास पैसा रहता भी नहीं है, मैंने उसे जवाब दिया।
अरे, मेरे मन में एक प्लान है इसके लिये…
कैसा प्लान, मेरा सवाल था?
देख, पैसे की जरूरत कभी भी, किसी को भी पड़ सकता है। ऐसे मौकों पर दोस्त ही दोस्त के काम आते हैं। तो मैं सोच रहा था कि क्यों न हम अपने बैच के लड़के मिलकर एक फंड बनाएँ जिसमें सभी का कॉन्ट्रीब्यूशन हो और जिसे भी पैसे की जरूरत हो, उसे कम से कम इंटरेस्ट रेट पर पैसा दिया जा सके।
मैंने कहा, आईडिया तो ठीक है, लेकिन इसे अमल में कैसे लाओगे?
मैं बैंक में हूँ, तो बैंकिंग वाला काम मैं देख लूंगा। सबसे पहले हमें एक दूसरे से जुड़ना होगा, और जितने भी लोग इंटरेस्टेड हैं, उनको लेकर फंड तैयार करना होगा। मेरा प्लानिंग है कि हमें सभी को कॉन्फिडेंस में लेकर एक ब्लूप्रिंट और ड्राफ्ट बनाना होगा। फिर उसपर चर्चा होगी। फिर उसे फाइनल करने के बाद एक फाइनल ड्राफ्ट तैयार करेंगे। फिर हम एकाउंट खोलेंगे और फंड स्टार्ट करेंगे, उसने अपना प्लान बताया।
हम्म! प्लान तो सही है, लेकिन सब जुड़ेंगे कैसे और सभी कम्यूनिकेट कैसे करेंगे, मैंने सवाल पूछा?
देख, अभी लॉकडाउन में सभी घर पर ही होंगे। सबसे पहले हमें एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाना होगा और उसमें सभी लड़कों को ऐड करना होगा। फिर सभी को अपना प्लान बताएंगे। …फिर देखते हैं..! अगर सभी राजी हुए तो ज़ूम एप्प से सभी को जोड़कर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लिया जाएगा, उसने कहा।
हाँ, ठीक है, हम तैयार हैं।
तो फिर ठीक है, एक काम कर, तू प्रपोजल और ड्राफ्ट तैयार कर, मैं ग्रुप बनाकर कन्विंस करता हूँ। फिर आगे बढ़ते हैं…
ओके, ठीक है। हम एक ड्राफ्ट बनाकर सभी के पास रख देंगे, जो फाइनल करना होगा कर लेना।
ओके, ठीक है। चल काम स्टार्ट करते हैं, बाय, चंदन ने कहा।
ओके, ठीक है, बाय, कहते हुए मैंने भी फोन रख दिया।
(अभी फंड पर काम चल रहा है, उम्मीद है हम सफल होंगे)