लॉक डाउन की बातचीत -09
लॉक डाउन की बातचीत -09


अरे, संदीप, क्या हाल है भाई, अमित ने फ़ोन उठाते ही बोला।
हाँ, भाई! सब ठीक है। तुम बताओ, क्या कर रहे हो, मैंने सवाल पूछा?
क्या होगा, लॉक डाउन में ऑफिस बंद है, तो वर्क फ्रॉम होम कर रहा हूँ। बाकी खाली समय बेटी के साथ कट जाता है। और तू बता, तेरा ड्यूटी कैसा है ? कोई पेशेंट मिला क्या, उसने सवालों की झड़ी लगा दी ?
अभी तक तो नहीं मिला, पर हमारा हॉस्पिटल तैयार है, मेरा जवाब था।
हम्म! सही है। भाई, सभी तरफ हाहाकार मचा हुआ है, बच कर रहना। डॉक्टर और नर्स की भी जान आफत में है, उसने चेतावनी भरे लहजे में कहा।
हाँ यार! लेकिन छोड़कर नहीं जा सकते न। अब कोई मरीज आ गया तो कैसे छोड़ दें? खैर, तुम बताओ, बाकी के खाली टाइम में क्या कर रहे हो, मैंने बात बदलने की कोशिश की?
अरे, आजकल थोड़ा अध्यात्म की ओर थोड़ा झुकाव हो रहा है मेरा, तो आध्यात्मिक किताबें पढ़ रहा हूँ। …और जब से डी डी नेशनल ने रामायण और महाभारत शुरू किया तब से और भी समय कट जा रहा है, वह बोले जा रहा था।
अच्छा! तो क्या-क्या पढ़ लिए अभी तक, मैंने उससे अगला सवाल किया?
अरे, अभी बाल्मीकि रामायण शुरू किया हूँ… तुम्हें पता है, जो रामायण सीरियल दे रहा है वो रामचरितमानस है, रामायण नहीं…
हैं! सच में, मैंने आश्चर्य से पूछा?
हाँ, दोनों में अंतर है। और रामायण खत्म करने के बाद महाभारत और गीता भी पढ़ने का प्लान है, उसने कहा।
ओह्ह! तब तो बहुत बढ़िया है यार! वैसे इस लॉक डाउन में ये किताब मिला कहाँ से अमित, मैंने जानने की कोशिश की?
अरे नेट पर बहुत सारी चीज़ें भरी पड़ी हैं। नेट से ही मैंने दोनों किताब pdf में डाउनलोड किया और लैपटॉप में पढ़ रहा हूँ।
हम्म! सही है यार… लगे रहो। तुम एक काम करो, हमें भी लिंक भेज दो व्हाट्सएप्प पर। हम भी डाऊनलोड करते हैं, मैंने कहा।
हाँ, ठीक है ना… तुझे भेज देता हूँ।
हम्म! और हैदराबाद का क्या सिचुएशन है, मेरा अगला सवाल था?
भाई, मत पूछ। सभी तरफ टेंशन है। सबसे बेहतर घर पर ही रहना है। अगर सभी लोग लॉक डाउन स्ट्रिक्टली फॉलो करें तो ये रुक सकता है, लेकिन कुछ लोग मान नहीं रहे भाई। कुछ लोगों को कितना भी समझा लो, नहीं मानेंगे…
सही है यार ! अभी सबसे अच्छा है कि घर पर रहो, परिवार के साथ रहो, तभी सेफ हो, वरना क्या होगा किसी को नहीं पता, मैंने अपनी बात पूरी करते हुए कहा।
हम्म! सही है, चल भाई रखता हूँ, खाना लगा हुआ है, खा लेता हूँ।
ओके, बाय, मैंने जवाब दिया।
ओके ! चल बाद में बात करता हूँ, कहते हुए उसने फ़ोन रख दिया।