किस्सा आधुनिक तोता मैना : झूठ-फरेब
किस्सा आधुनिक तोता मैना : झूठ-फरेब
"तोते तू ये ऑनलाइन महिला पुरुष मित्रों आवारागर्दी के उदाहरण देकर मुझे बोर न कर, कुछ धरातल से जुड़े किस्से भी सुना।" मैना अपनी खोह में बैठे-बैठे बोली, ठंड की वजह से उसे नींद नहीं आ रही थी।
"सुन मैना सोशल मिडिया और उसपर होने वाले क्रियाकलाप भी आज के समाज का दर्पण है, जो आवारागर्दी लोग पहले छिप-छिप कर करते थे वो ही आवारागर्दी आज सोशल मिडिया पर खुलकर हो रही है। लोगों ने अंग्रेजी हिंदी के साहित्य की रचना के नाम पर विभिन्न किस्म के जाल फैला रखे है।" तोता पेड़ की डाल पर बैठ कर अपने पंख फुलाते हुए बोला, ठंड की वजह से उसका हाल भी खराब था।
"तू तो ऐसे बोल रहा है जैसे सोशल मिडिया न हुआ आवारागर्दी का अड्डा हो गया।" मैना हँसते हुए बोली।
"नहीं ऐसा तो नहीं कहा मैंने, कुछ लोग वहाँ सिर्फ उस क्रियाकलाप में भाग लेते है जिसके लिए उन्होंने सोशल मिडिया ज्वाइन किया था, उदाहरण के तौर पर ऐसा भी कह सकते है कि कुछ लोग यदि सोशल मिडिया पर साहित्य सृजन के लिए है वो सिर्फ साहित्य सृजन पर फोकस रखते है लेकिन कुछ लोग साहित्य सृजन के नाम पर वहाँ आवारागर्दी करना चाहते है तो वो सिर्फ आवारागर्दी ही करते है।" तोता समझाते हुए बोला, "मैना रानी सोशल मिडिया पर अपना हित साधने के लिए ऑनलाइन महिला पुरुष मित्र विभिन्न किस्म के प्रपंच करते है धोखा देते है, उनकी कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है।"
"कैसी कथनी, कैसी करनी, कुछ समझ नहीं आ रहा, अब ये भाषण छोड़ कर अपनी बात सही तरीके से समझा।" मैना थोड़ा चिड़चिड़ा कर बोली।
"ये ऐसा मसला है जिसका सामान्यीकरण नहीं हो सकता। किसके परिपेक्ष में सुनना चाहेगी, पुरुष के या महिला के?" तोते ने पूछा।
"पुरुष तो तेरी निगाह में दूध के धुले है, उनके बारे में तो तेरी बोलने की हिम्मत नहीं, चल तू ऑनलाइन महिला मित्रों की कथनी और करनी के अंतर के बारे में ही बता।" मैना ने जवाब दिया।
"ऐसा नहीं है मैना ऑनलाइन पुरुष मित्र तो सिर्फ एक उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए है जिसे वो हर तरह का छल प्रपंच कर महिला मित्रों से प्राप्त कर ही लेते है लेकिन महिला मित्र भी झूठ, छल, फरेब में अव्वल होती है और उनका जो भी उद्देश्य होता है उसे हर तरह की चालबाजी कर प्राप्त कर ही लेती है।" तोता बोला।
"भटक मत, मुद्दे पर रह………" मैना ने टोका।
"मुद्दे पर ही हूँ......यदि कोई ऑनलाइन महिला मित्र किसी पुरुष मित्र से ये कहे कि वो सिर्फ उससे ही बात करती है, चैट करती है तो ये बहुत बड़ा झूठ है क्योंकि वो अपने उस मित्र को विभिन्न बहाने बनाकर शाम १० बजे ही के टरका कर दूसरे पुरुष मित्रों के साथ रात दो बजे तक मैसेंजर या व्हॉट्सपप्प पर बीजी रहती है। इन दोनों एप्प का सबसे बड़ा यही खोट है कि वो जो भी व्यक्ति ऑनलाइन होता है उसे ऑनलाइन दिखा देते है।"
"ये बकवास है, ऑनलाइन होने के विभिन्न कारण हो सकते है वो किसी महिला मित्र से बात कर रही हो या ऑनलाइन म्यूजिक सुन रही हो। लेकिन तू अपनी बकवास आगे बढ़ा।" मैना थोड़े गुस्से से बोली।
"कोई महिला किसी महिला से रात के दो बजे बात करे ये संभव नहीं है, वैसे भी महिलाएं एक दूसरे से जल्दी ही चिढ जाती है, इसलिए उनका वार्तालाप ज्यादा देर नहीं चलता, रही ऑनलाइन म्यूजिक सुनने की बात तो ऑनलाइन म्यूजिक मैसेंजर या व्हाट्सप्प पर सुना जाता है क्या जो वहाँ ऑनलाइन रहना पड़ता है।" तोता बोला।
"तेरी इस बेसिर पैर की बकवास कौन सुनेगा, चल आगे बोल।" मैना चिढ़ कर बोली।
"यदि कोई महिला मित्र किसी आवारागर्दी वाली पोस्ट पर कमेंट करें और उस पोस्ट करने वाले को डिफेंड करे तो समझ लेना चाहिए की उसके दिमाग में भी उस पोस्ट को रचने वाले के जितना ही कचरा भरा है, उसे भी महिला पुरुषों के अवैध रिश्तों वाली पोस्ट में जो दर्शाया जा रहा है स्वीकार्य है।" तोता बोला।
"बकवास, अरे हो सकता है वो उस पोस्ट पर औरों की देखा-देखी चली गई हो?" मैना बोली।
"नहीं मैना वो इससे एक कदम और आगे निकल जाती है, वो उस आवारा आदमी के और नजदीक जाकर उस शिकायत करने वाले कॉमन फ्रेंड को ही उस आवारा मूर्ख आदमी से अनफ्रेंड करा देती है ताकि वो उन दोनों की किसी करतूत को न देख सके। साथ ही साथ वो उस आवारा आदमी को कुछ फटीचर साहित्य सृजन का भी सुझाव दे देती है ताकि लोगों के मन में उस आवारा आदमी के साहित्यकार होने की गलतफहमी बनी रहे।" तोता बोला।
"और………"
"और क्या बस वो ऐसे ही आवारा लोगों के साथ ऑनलाइन गलबहिया करती रहती है, लेकिन उसके आवारा मित्र यदा-कदा उसकी पब्लिकली बेइज्जती कर देते है तब वो तिलमिलाकर उसी फ्रेंड के पास आती है और उसके सहयोग से झूठा प्रतिकार करने का प्रयास करती रहती है लेकिन उनकी आवारागर्दी वाली पोस्ट पर आवारा कमेंट करती रहती है।" तोता बोला।
"ये तो बेशर्मी हुई, जो जूता मारे उसके ही तलुवे चाटो……." मैना घृणा के साथ बोली।
"यही सच है ऑनलाइन रिश्तों का, मुर्ख इसमें फंसा रहता है, जिसमें थोड़ी अक्ल हो निकल भागता है।" तोता ठंडी आह भरकर बोला।
"तोते तेरी इस बकवास से तो मैं बोर हो गई, इससे अच्छा तो कोई झूठी कहानी ही सुना देता।" मैना गहरी सांस लेते हुए बोली।
"तूने ही ऑनलाइन महिला पुरुष मित्रों की सच्चाई पर सवाल खड़ा किया था, इसलिए बात कहीं से कहीं निकल आई…….खैर इस स्याह ठंडी रात में समय गुजारने के लिए औरत की बेवफाई एक स्याह दास्ताँ सुनाता हूँ, ध्यान देकर सुन।" तोता अपने चारों और फैले अंधकार को देखते हुए बोला।