Kumar Vikrant

Comedy

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Kumar Vikrant

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सुपर डुपर मैन : सुपर पावर

सुपर डुपर मैन : सुपर पावर

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"यार कलवा पहलवान के सामने तेरी एक न चल सकी, पट्टे ने धोबी पछाड़ मार-मार के धुलाई की है तेरी। सत्यानाश हो तेरे इस मोटे शरीर का जिसमे एक चूहें के बराबर न तो हिम्मत है और न ताकत।" पतलू कुश्ती में बुरी तरह हारे मोटू को बुरी तरह कोसते हुए बोला, "चल अब उठ जा; कब तक लंगोट पहने मिटटी में पड़ा रहेगा।"

"सत्यानाश हो उस कलवा का; उसने मेरी आँख में मिटटी डाल दी थी इसलिए मै हार गया।" मोटू अपने शरीर से मिटटी झाड़ता हुआ उठ बैठा और हाय तौबा करते हुए बोला, "मर गया बे पतीले; शरीर की एक-एक हड्डी कीर्तन कर रही है।"

"ज्यादा हाय तौबा मत मचा।" पतलू गुस्से से बोला, "तू खुद तो उस सिकियाँ पहलवान कलवा से तो हार ही गया और शर्त में लगाए २० हजार रूपये भी हार गया; याद है न रानी साहिबा ने हमे वो रूपये सुपर बाबा से उनके खानदानी नौकर हीरा की दवाई लाने के लिए दिए थे। अगर हम कल तक हीरा की दवाई लेकर रानी साहिबा के महल में न गए तो उनके कारिंदे हमारी खाल उतारकर उसका ढोल बजा देंगे।"

"सही कह रहा है तू।" मोटू अपने कपड़े पहनते हुए बोला, "चल अब सुपर पावर बाबा के पास चलकर हीरा की दवा उधार मांग लेते है, किश्तों में पैसा चुका देंगे।"

सुपर पावर बाबा का आश्रम विशाल था; उनकी मांग सुनकर बाबा भड़क उठा और गुर्रा कर बोला, "२० हजार निकाल कर रखो नहीं तो दवाई भूल जाओ, यहाँ उधार का धंधा नहीं चलता है।"

"बाबा पैसा तो हम कुश्ती में हार गए।" मोटू गिड़गिड़ाते हुए बोला, "बाबा हम पर रहम करो नहीं तो कल रानी साहिबा हमारी खाल खिचवा देगी।"

"तुम जैसे अमानत में खयानत करने वालो के साथ तो यही होना चाहिए।" बाबा दूसरे ग्राहक की तरफ देख कर बोला, "कुश्ती लड़ने से पहले मेरे आश्रम का सुपर कुश्ती काढ़ा पी लेते तो इस तरह हार कर न आते।"

"बाबा पिला दो काढ़ा; मैं फिर से कुश्ती लड़ लूँगा।" मोटू सुपर पावर बाबा के पैरो में लेटते हुए बोला, "मै फिर कुश्ती लडूँगा और रानी साहिबा के पैसे वापिस जीत लूंगा और फिर आपसे हीरा की दवा खरीद लूँगा।"

"तो निकाल पाँच हजार रूपये।" बाबा कड़क आवाज में बोला, "और बन जा सुपर डुपर मैन।"

"क्या बात करते हो बाबा।" मोटू गुस्से से बोला, "पाँच हजार की छोड़ो हमारे पास तो जहर खाने के पैसे भी नहीं है।"

"तो यहाँ क्या करने आए हो।" बाबा गुस्से से बोला, "दफा हो जाओ यहाँ से फालतू में ही इतना टाइम बर्बाद कर दिया अब तक तो मैं २० ग्राहकों को सैट कर देता, मेरा मतलब निपटा देता।"

"बाबा नाराज न होओ।" पतलू रिरिया कर बोला, "पाँच हजार का इंतजाम तो हम पाँच साल में न कर सकेंगे, लेकिन मेरी जेब में २० रूपये पड़े है, बोलो इनसे भी कोई सुपर डुपर बनने वाली दवाई मिल सकती है क्या?"

पतलू की बात सुन कर बाबा सुलग उठा और दहाड़ कर बोला, "रानी साहिबा ने भी कैसे कैसे फटीचर पाल रखे है। हाँ मिलेगी दवा लेकिन वो कुश्ती शुरू होने के बीस मिनट बाद काम करेगी। बोलो चाहिए?"

"पिला दो बाबा इसे दवा और बना दो इसे सुपर डुपर मैन।" पतलू उत्साह से बोला, "चल मोटू पी ले और भिड़ जा उस कलवा पहलवान से।"

बाबा इशारे पर मोटू का मुँह खोलकर उसमे दवा डाल दी गई।

जब मोटू पतलू वापिस अखाड़े में पहुँचे तो कलवा जा चुका था और अब कुश्ती करने के लिए हट्टा-कट्टा शाकाल आ चुका था।

"बेटे २० हजार की अधिकतम शर्त लगेगी।" गंजा शाकाल गुर्रा कर बोला, "अब यहाँ २० हजार निकाल कर रखो, और कुश्ती लड़ो।"

मोटू पतलू के पास २० हजार रूपये कहाँ थे इसलिए बहुत झांय झांय के बाद पतलू को ही गिरवी रखा गया, शर्त यह थी कि मोटू जीता तो उसे २० हजार शकाल देगा और अगर मोटू हारा तो पतलू २० महीने शाकाल का नौकर बन कर रहेगा।

कुश्ती शुरू हुई। शाकाल ने मोटू को बुरी तरह पटकना शुरू किया लेकिन हर पटकी के बाद मोटू हाय तौबा करते हुए फिर से उठ खड़ा होता आखिर उसे दवा का असर होने तक अखाड़े में टिके जो रहना था।

शाकाल मोटू को पीटते पीटते थक गया लेकिन मोटू हारने का नाम नहीं ले रहा था। आखिरकार २० मिनट पूरे हुए और मोटू ने एक जोरदार टक्कर शाकाल के पेट में मारी। बुरी तरह थका शाकाल जमीन पर ऐसा लेटा कि उसे २० मिनट बाद ही होश आया तब तक मोटू पतलू उसके मैनेजर से २० हजार लेकर सुपर बाबा के आश्रम की तरफ दौड़ पड़े थे।

"मोटू मुझे तो लगता है सुपर बाबा ने तुझे कोई सुपर डुपर मैन बनने की दवा नहीं दी थी बल्कि वो मोटा शाकाल इतना थक चुका था कि अब उसके लड़ने का दम बचा ही नहीं था।" पतलू दौड़ते हुए बोला, "इसलिए तेरे एक जरा से धक्के से ही वो चित्त हो गया।"

"जो भी हो २० मिनट तक पिट पिट कर मेरा भी हाल बेहाल है।" मोटू हाँफते हुए बोला, "चल अब जल्दी से उस हीरा की दवा लेकर चलते है। उस मनहूस की दवा मेरे लिए तो सजा ही बन गई।”


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