Kumar Vikrant

Comedy

4  

Kumar Vikrant

Comedy

दावत : ख्वाब

दावत : ख्वाब

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शादी में भीड़ का होना एक सामान्य बात है और जब बात राजसी शादी की हो तो भीड़ बहुत ज्यादा होना भी एक सामान्य बात है लेकिन रानी साहिबा के चचेरे भाई की शादी में अनगिनत मेहमान आए है हर जगह मेहमान ही मेहमान नजर आ रहे है। 

यही सब सोचते हुए मोटू ने रजवाड़ा मंडप में प्रवेश किया। 

'आ गए तुम।' एक खूबसूरत और लंबी सी लड़की ने मोटू की तरफ बढ़ते हुए कहा, 'आओ मेरे साथ।'

मोटू की कुछ समझ में नहीं आया कि वो लड़की उसे क्या समझ रही है लेकिन फिर भी वो उसके पीछे-पीछे निकल पड़ा लेकिन संकोच करते-करते बोल ही पड़ा, 'मै रानी साहिबा का मेहमान हूँ; उन्होंने ने ही मुझे इस शादी में बुलाया है।'

'पता है मुझे; उनके कहने पर ही मैं तुम्हे बुलाने आई हूँ।' वो लम्बी सी लड़की थोड़े चिड़चडे स्वर में बोली, 'यहाँ ज्यादातर लोगो को रानी साहिबा ने ही बुलाया है तो तुम यह बात बता कर क्या साबित करना चाह रहे हो?'

'मैं क्या साबित करूँगा?' मोटू भी गुस्से से बोला, 'मुझे यहाँ शादी की दावत में शामिल होने के लिए बुलाया गया है, मुझे कोई मजदूर या कारिंदा समझ कर कोई फालतू काम लेने की सोचना भी मत।'

'कोई फालतू काम नहीं दे रही हूँ तुम्हे।' वो लड़की गुस्से से बोली, 'तुम्हे जहाँ भी ले जा रही हूँ रानी साहिबा के कहने से ही ले जा रही हूँ, लो बात करो उनसे।'

कहते हुए उस लड़की ने रानी साहिबा का फोन लगाकर मोटू के हाथ में अपना मोबाइल दे दिया।'

'मोटू हमारे रथ का रथवान मंगता शराब पीकर धुत्त हो गया है, हमने दूसरा रथवान महल से बुलाया है, जब तक वो नहीं आता तब तक तुम रथ का का ध्यान रखना; तुम घर के आदमी हो इसलिए यह जिम्मेदारी तुम्हे दे रही हूँ।'

मोटू फोन पर हाँजी हाँजी करता रहा। रानी साहिबा की कॉल खत्म होते ही उस लड़की के फोन पर एक नई कॉल आ गई। 

'पड़ गई शांति।' लड़की मोटू के हाथ से अपना मोबाईल लेते हुए बोली, 'इस वैडिंग लॉन के पीछे रानी साहिबा का रथ खड़ा है, अब जाओ उस रथ को सम्भालो।'

वो लड़की फोन पर बात करते हुए वापिस शादी में चली गई और मोटू बड़बड़ाता हुआ वैडिंग लॉन के पीछे की तरफ चल पड़ा। 

वैडिंग लॉन के पीछे कोई रथ तो नहीं था लेकिन एक भैंसा गाड़ी जरूर खड़ी थी जिसमे जूता भैंसा जुगाली कर रहा था और एक शराबी उस भैंसा गाड़ी पर धुत्त पड़ा था। 

'हद हो गई मजाक की' यह भैसा गाड़ी कब से रथ हो गई?' मोटू खुद से ही बोला, 'रानी साहिबा ने इस भैंसा गाड़ी को रथ क्यों कहा ये तो समझ से बाहर है, अब उनका हुक्म हो ही गया है तो कर लेते है देखभाल इस भैंसा गाड़ी की।'

'तो तू आया है इस भैंसा गाड़ी को संभालने?' एक भारी आवाज मोटू के पीछे आई। 

'हाँ।' मोटू ने अनिश्चित भाव से जवाब दिया। 

उसके सामने एक कद्दावर तगड़ा आदमी खड़ा था, वो घूर कर मोटू को देखता रहा और फिर गुर्रा कर बोला, 'जा कालूमल की हट्टी पर चला जा और वहाँ से सत्तर गैस के सिलेंडर उठा ला; कसम खा कर कह रहा हूँ अगर एक घंटे में वापिस नहीं आया तो तेरी खाल में मैं खुद ही भुस भरूँगा। चल अब चलता फिरता नजर आ नहीं तो इतना पीटूँगा कि तेरी सारी चर्बी पानी बन कर बह जाएगी।'

उस आदमी की आवाज में ऐसा प्रभाव था कि मोटू ने बिना यह सोचे की उसे भैंसा गाड़ी चलानी आती ही नहीं है उसने भैंसे का रस्सा पकड़ कर उस भैसा गाड़ी को हाँकना शुरू कर दिया। 

'ऐसी बेइज्जती के बाद इस शादी में मेरी जूती भी नहीं रहेगी।' मोटू भैसा गाड़ी को हाँकते हुए बोला, 'अभी थोड़ी दूर जाकर इस भैसा गाड़ी से कूद कर सीधा अपने घर भाग जाऊँगा।'

लेकिन वो थोड़ी दूर बहुत ही जल्दी आ गई, अचानक भैसा गाड़ी में जुते भैंसे ने दौड़ लगा दी। मोटू ने उसे रोकने की हर तरकीब की लेकिन वो नहीं रुका। तभी उसे समझ आ गया भैंसा गर्मी से परेशान था और वो थोड़ी दूर स्थित तलाब की तरफ भागा जा रहा था। 

देखते ही देखते वो भैसा उस भैसा गाड़ी को लेकर उस गंदे पानी के तलाब में जा घुसा। 

तभी मोटू ने ध्यान दिया कि उस भैसा गाड़ी पर पड़ा शराबी भैसा गाड़ी के तलाब में घुसने से पहले ही कूद चुका था और तलाब के किनारे खड़ा मोटू को गंदी गंदी गालियां दे रहा था। 

तलाब में घुस कर भैंसे ने तलाब में डुबकी लगाई तो भैसा गाड़ी भी तलाब में डूबने लगी। 

मोटू को जब कुछ न सुझा तो वो चिल्लाने लगा-

'अबे डुबकी न लगा, अबे डुबकी न लगा, अबे डुबकी न लगा नहीं तो मैं डूब जाऊँगा।'

'अबे कौन डूबा रहा है तुझे, क्यों चिल्ला रहा है?'

पतलू की आवाज मोटू के कानो में पड़ी और वो चीखते हुए उठ बैठा। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हुआ और इसी चक्कर में अपनी चारपाई से नीचे गिर गया। 

'अबे कोई ख्वाब देख रहा था क्या?' पतलू ने गुस्से से पूछा, 'अब बिस्तर से नीचे क्यों पड़ा है, चल उठ जा।'

मोटू अभी कुछ सोच समझ पाने की हालत में नहीं आ पाया था कि किसी ने बहुत जोर से उनके घर का दरवाजा खटखटाया। 

पतलू ने दरवाजा खोला और जब वापिस आया तो उसके हाथ में एक शादी समारोह का निमंत्रण कार्ड था। 

'ले मजे कर।' पतलू हँसते हुए बोला, 'देख रानी साहिबा ने अपने चचेरे भाई की शादी में सम्मिलित होने के लिए निमंत्रण कार्ड भेजा है। आज शाम हमें शादी की दावत में शामिल होने जाना है।'

पतलू की बात सुनकर मोटू घबरा गया और उठकर बिस्तर पर जा लेटा और कमजोर स्वर में बोला, 'मेरी तबियत ठीक नहीं है, तुझे जाना हो चले जाना मैं तो बिलकुल भी नहीं जाऊँगा।'


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