खजाना
खजाना
डेनियल एक ट्रेजर हंटर था।वह खजाना खोजने वाली कंपनी में काम करता था। वह कंपनी की तरफ से एक खंडहर में खजाने की खोज करने का आदेश मिला था। दूसरे दिन सुबह जब वह घर से खजाने की खोज करने के लिए निकल रहा था, तभी उसकी बेटी डैली ने साथ जाने की जिद की और वह अपनी बेटी डैली के साथ खजाने की खोज में निकल पड़ा।
यह सच है कि दुनियाभर की जमीन, समुद्र या गुफाओं के अंदर अभी भी ऐसा खजाना दबा पड़ा है, जहां आधुनिक इंसान की नजर अभी तक नहीं गई है। सोना, चांदी, जेवरात, हीरे और मोती के अलावा कई महत्वपूर्ण धातुएं और सोने-चांदी के सिक्के भी इतने दबे पड़े हैं कि गिनते-गिनते जिंदगी गुजर जाए। सोने चांदी हीरे की जवाहरातों से भरे खजाने होते हैं।
शाम को डेनियल खंडहर के पास पहुंचा, उसने अपनी बेटी डैली से कहा, तुम मेरे साथ ही रहना क्योंकि इस खंडहर के आस पास विषैले सर्प और खूंखार जानवर रहते हैं।
जब वह खंडहर के अंदर घुसा तब उसे बहुत बड़ा आंगन दिखाई दिया। आंगन के दाहिने तरफ एक बंद दरवाजा दिखाई दिया जो जर्जर अवस्था में था। उसने अपने बैग से एक कुदाल निकाली, दरवाजे में लगे ताले पर प्रहार करने लगा। बहुत मेहनत करने के बाद ताला टूटा गया।
दरवाजा खोला तब एक बहुत बड़ा हॉल दिखाई दिया, उसमें बहुत अंधेरा था। उसने अपनी टॉर्च को निकाला और अपनी बेटी डैली का हाथ पकड़ा, धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा। उसकी टॉर्च की रोशनी बहुत दूर तक जा रही थी, तभी उसे कुछ चमकती चीज दिखाई थी। जैसे-जैसे वह उस चमकती चीज के नजदीक जा रहा था, उसे बहुत सी चमकीली चीजें दिखाई देने लगी। वह कुछ और नहीं था, सोने चांदी हीरे जवाहरात थे। जो टॉर्च की रोशनी पढ़ने से चमक रहे थे। वहां हीरे जवाहरात और सोने चांदी के सिक्कों का ढेर लगा हुआ था।
यह देखकर दोनों आश्चर्यचकित हुए और उनकी खुशी का कोई ठिकाना ना रहा, उनकी खोज पूर्ण हुई उन्हें खजाना मिल गया था। डेनियल और उसकी बेटी डैली अपनी कामयाबी पर खुशी से झूम उठे। सफलता मिलने पर बहुत खुशी होती है।

