खेल

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वो पाँच थे, उनके थैलो में भरे थे डॉन वॉल्ट से लूटे गए १००० करोड़ के गहने। इस समय पूरे विल सिटी की पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी, तो उनके लिए कुछ दिन के लिए छिप जाना ही उचित था। इस समय बिल्ली नाम की खतरनाक औरत उनकी सरगना बनी हुई थी, या जिस बेदर्दी से उसने उनके पूर्व सरगना को अपने चाकू से मार डाला था वो खुद ही इस गैंग की सरगना होने का हक़ पा चुकी थी। फ़िलहाल वक्त की जरूरत समझते हुए विकी, दिलदार, बिल्ला और महबूब जैसे खतरनाक शूटर्स ने उसे अपना सरगना मान लिया था। जिस तरह बिल्ली ने डॉन वॉल्ट लूट के मुख्य प्लैनेर जस को लूट के एकदम बाद मार डाला था उससे इन चारों के मन में भी बिल्ली के प्रति अविश्वास के भाव थे और वो शिकारी कुत्तो के समान सतर्क थे।

जिस समय उन्होंने काली घाटी के बीहड़ में प्रवेश किया, बिल्ली एक शिकारी जानवर के समान शांत और खूंखार लग रही थी। पिछले दो घंटों से उसने एक शब्द नहीं बोला था। शाम होते-होते वो घाटी के मध्य स्थित एक विशाल खड्ड में आ चुके थे।

"अपने लिए गड्ढे खोद लो नहीं तो रात में घाटी की ठण्ड में जमकर मर जाओगे।" -बिल्ली अपनी कर्कश आवाज में बोली।

"क्या बकवास करती हो, इतनी गर्मी है की पसीने छूट रहे है और तुम गड्ढे खोदने को कह रही हो। " -बिल्ला चिढ कर बोला।

"मत खोदो, रात में ये घाटी तुम्हें मार डालेगी और सुबह से पहले यहाँ के जानवर तुम्हारी लाशों को हड्डियों सहित चट कर जायेंगे।" -बिल्ली ने एक क्रूर मुस्कराहट के साथ कहा।

वो चारों दुर्दांत हत्यारे बिल्ली की बातों का मतलब समझ चुके और उनके थैलों में पड़ी खुर्पियों का मतलब भी वो समझ चुके थे।

रात के आठ बजने तक उन चारों ने अपने बैठने लायक गड्ढे खोद लिए थे, लेकिन बिल्ली ने अपने लिए कोई गड्ढा नहीं खोदा था इस बात से वो चारों परेशान थे।

"अब जो साथ लाये हो वो खाकर इन गड्ढों में घुसकर खुद को मिट्टी से ढक लो, इस तरह तुम घाटी की खून जमा देनी वाली ठण्ड से खुद को बचा लोगे।" -बिल्ली ने कहा।

"तुम क्या करोगी ठण्ड से बचने के लिए?" -महबूब ने हंसकर कहा।

"हंसी पर लगाम दे नादान थोड़ी देर बाद तू उस जहन्नुम का सामना करेगा जिसकी तूने कल्पना तक नहीं की होगी।" -बिल्ली एक खोखले अट्टहास के साथ बोली और अपना शिकारी चाकू निकाल कर उससे जस के खून के दाग अपनी जींस पर रगड़ कर साफ़ करने लगी।

उसके बाद चारों ने अपने-अपने बैग से निकाल कर खाना खाया और एक-एक करके खुद के गड्ढों में घुसकर अपने आप को बर्फ जैसी ठंडी मिट्टी से ढक लिया। बिल्ली अब तक उस कड़कड़ाती ठण्ड में इधर से उधर टहल रही थी। रात के बारह बजते-बजते पाला घाटी को नर्क बनाये दे रहा था। जब उन चारों से बर्दाश्त न हुआ तो वो मिट्टी हटा कर अपने-अपने गड्ढों से बाहर निकल आये।

"बस घबरा गए?" -बिल्ली ने हंस कर पूछा।

"पहले तो ये बताओ इस ठण्ड का तुम पर असर क्यों नहीं पड़ रहा है?" -बिल्ला अपने कंपकंपाते शब्दों के साथ बोला।

"मुर्ख, मैंने अपने कपड़ों के अंदर भेड़ की खाल से बनी जैकेट पहन रखी है।" -बिल्ली ने गुर्रा कर जवाब दिया।

"ये जैकेट हमे क्यों नहीं दिलाई?" -विकी कांपते हुए बोला।

"तुम्हे मौत की नींद सुलाने के लिए।" -बिल्ली क्रूरता के साथ बोली।

"तू मारेगी हमें" -दिलदार गंदी गाली देते हुए बोला।

"मै नहीं घाटी की ठण्ड मारेगी तुझे और इन सबको" -बिल्ली हँसते हुए बोली।

"उससे पहले हम तुझे तेरी औकात बता देंगे।" -कहते हुए महबूब बिल्ली पर टूट पड़ा, बाकी तीनों भी उसके साथ आये।

ठण्ड से बची बिल्ली उनसे बेहतर हालत में थी उसने खाली हाथ उन चारो को निहत्था कर धूल चटा दी।

वो चारों कांपते हुए ठंडी जमीन पर पड़े थे, तभी बिल्ली हंसकर बोली- "क्यों लड़ रहे मूर्खो मुझसे, हम तो साथी है।"

 लेकिन वो चारों कुछ न बोले।

"अच्छा एक खेल खेलते है।" -बिल्ली बोली।

"कैसा खेल?" -बिल्ला ने संशय के साथ पूछा।

"वही औरत और मर्द का खेल, तुम लोग रात भर मुझे खिलौना समझ कर खेल सकते हो, इस तरह हम सभी ठण्ड से बच जायेंगे।" -बिल्ली फुसफुसाते शब्दों में बोली।

"ये सही है" -कहते हुए विकी बिल्ली की तरफ बढ़ा।

"ऐसे नहीं राजा; इतनी आसानी से तो मैं तुम्हें नहीं मिलने वाली, या तो तुम चारों आपस में लड़कर अपने आप को साबित करो, तुम चारों में जो सर्वशक्तिशाली होगा वही आज की रात मेरा मेहमान होगा। या फिर चारों मुझसे मुकाबला कर मुझे हराकर मुझे हासिल कर लो। इस सूरत में तुम चारों मेरे मेहमान होंगे इस रात।" -बिल्ली अपनी खनकती आवाज में बोली।

"तब तो हम चारों तुझे एक साथ हासिल करेंगे।" -कहकर महबूब उस पर झपटा बाकी तीनों भी अलग-अलग दिशाओं से बिल्ली पर झपट पड़े।

बिल्ली ने उन चारों से खुद को बचाया और दौड़ पड़ी। ये दौड लगभग १५ मिनट चली तभी बिल्ली ने गुर्राकर विकी को दबोच लिया और एक कराते चाप से उसकी गर्दन तोड़ डाली। विकी का निर्जीव शरीर देख वो तीनों मौत के इस खेल को जीतने के लिए दोगुने जोश से बिल्ली पर झपटे, लेकिन बिल्ली ने न केवल खुद को बचाया बल्कि महबूब की गर्दन भी तोड़ डाली। यही अंजाम दिलदार का होता देख बिल्ला खुद को बचाने के लिए दौड़ पड़ा। बिल्ली ने झपट कर उसे भी दबोच लिया और मौत की नींद सुला दिया।

उनके मरते ही बिल्ली ने सब जेवर वाले थैले इकट्ठे किये और उन थैलों पर बैठ गई। तभी वातावरण में कुत्तो के भोंकने और सीटियों की आवाज गूंज उठी। बिल्ली झपट कर रेत के एक टीले के पीछे जा छिपी।

"अरे डरो नहीं जानेमन ये तो पुलिस की रेड है, बाहर आओ।" -इंस्पेक्टर काला की आवाज वातावरण में गूंज उठी। बिल्ली ने चैन की सांस ली और टीले के पीछे से खुले में आ गई। इंस्पेक्टर काला के साथ दो हवलदार थे और उसके हाथ में उसकी सर्विस रिवाल्वर थी।

"मार डाला चारो को, सही किया नहीं तो चार हिस्से और करने पड़ते" -काला घाटी में चारों की लाशों पर निगाह डालते हुए बोला।

"मुझे पाने की चाहत में चारों मौत का खेल; खेल बैठे" -बिल्ली हंसकर बोली।

"अरे जानम तुझे पाने के लिए तो मै भी पता नहीं कितने खेल; खेल बैठा।" -कहते हुए काला ने अपने सर्विस रिवाल्वर से बिल्ली के सर में गोली मार दी।

बिल्ली के निर्जीव शरीर को ठोकर मारकर काला ने उसका मर जाना पक्का किया और खुद से बोला- "मौत का खेल खेलती है चुड़ैल, अब तेरा काम खत्म तो तेरी भी क्या जरूरत है।"

उसके बाद वो जेवरों के थैले चैक करते हुए एक हवलदार से बोला- "नाहर सिंह हेडक्वार्टर को खबर कर दो कि डाकू और माल मिल गया है। इन थैलो से सिर्फ एक थैला लेकर पैट्रॉल कार में रख लो बाकी सब कही सुरक्षित जगह गाड़ तो, इस मामले के शांत होने के बाद आकर ले जायेंगे।"

"जी हजूर।" आँखों में चमक लिए दोनों हवलदार जेवरों के थैले उठाने लगे।  


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