आँखों में चमक लिए दोनों हवलदार जेवरों के थैले उठाने लगे। आँखों में चमक लिए दोनों हवलदार जेवरों के थैले उठाने लगे।
"अरे अच्छा मुझे माफ कर दीजिये आइये मां मैं आपकी गोद में सोना चाहती हूं।" "अरे अच्छा मुझे माफ कर दीजिये आइये मां मैं आपकी गोद में सोना चाहती हूं।"
ज़िन्दगी ने लतिका को इतनी ठोकरें दी थी, कि अब उसने सोच लिया था कि अब वह न पीहर वालों से ज़िन्दगी ने लतिका को इतनी ठोकरें दी थी, कि अब उसने सोच लिया था कि अब वह न पीहर वा...
भैया के लिए साथ में कभी खुशी कभी गम के आँसू बहाऊँगा। चिंता मत कर जानवर हूँ तो क्या हुआ दिलोजान से फर... भैया के लिए साथ में कभी खुशी कभी गम के आँसू बहाऊँगा। चिंता मत कर जानवर हूँ तो क्...
वर्तमान का संकट देश काल जाति और धर्म की सीमाओं से परे है वर्तमान का संकट देश काल जाति और धर्म की सीमाओं से परे है
सुबह की चली हुई पहुँचते पहुँचते उसे शाम हो गयी। सुबह की चली हुई पहुँचते पहुँचते उसे शाम हो गयी।