कातिल पिता
कातिल पिता
यह कहानी है किशनगढ़ के जंगलों में बसे हुए एक छोटे से गांव की वहां एक पिता अपने 11 बच्चों के साथ रहता था। उसकी पत्नी का देहांत बहुत वर्ष पहले जंगल से लकड़ियां लाते वक्त भेड़िए द्वारा उसका शिकार हो जाने से हो गया था। उस आदमी का परिवार बहुत सालों के बाद सदमे से उभर पाया था। उस आदमी का नाम नेकचंद था। अपनी पत्नी कि मौत के बाद वह मदिरापान करने में व्यस्त रहता। नेकचंद का परिवार कभी भूखा सोता तो कभी एक वक्त का खाना नसीब होता। समय बिता और नेकचंद का एक बेटा जवान हो गया। 20 25 वर्ष की आयु थी। गरीबी के कारण शरीर कमजोर और दुबला पतला सा लेकिन आंखों में चमक कुछ कर दिखाने की।
नेकचंद का बेटा जान हथेली पर रखकर भेड़ियों के खौफ के बीच अपने परिवार के लिए भोजन के लिए लकड़ियां लाता। धीरे-धीरे लकड़ियों को लेकर बाजार जाता और उन्हें बेच कर पैसे लाता। जब वह बाजार जाता रास्ते में एक कुआं पड़ता वह कुएं के पास पानी पीता और विशाल बरगद के पेड़ के नीचे आराम करता। वहां एक सुंदर लड़की पानी भरने आती वह लड़की उसे अपनी मटकी से पानी पिलाती। धीरे-धीरे दोनों में दोस्ती बढ़ने लगी। और वह दोस्ती प्रेम में बदल गई दोनों ने जीने मरने की कसमें खाई। दोनों एक दूसरे से विवाह करना चाहते थे। पर नेकचंद के बेटे की पारिवारिक स्थिति अच्छी नहीं थी उसने कहा मैं कुछ पैसे कमाने लग जाऊँ फिर हम विवाह करेंगे।
अल सुबह नेकचंद का बेटा अपने छोटे भाई बहन के साथ अपने विवाह की बातें कर रहा था कि नेकचंद ने सुन लिया।
अगली सुबह जब नेकचंद का बेटा बाजार गया तब नेकचंद ने उसका पीछा किया और उनको देखा। सुंदर लड़की चमकीली आंखें गोरा बदन पतली कमर ने नेकचंद का दिल मोह लिया। नेकचंद के मन में दुषविचार आने लगे। वह अपनी उम्र कि मर्यादा भूल गया और उसके मन में उस लड़की को पाने का जनून छा गया। वह किसी भी हालत में उस लड़की को पाना चाहता था लेकिन बीच में उसका लड़का बाधा बन रहा था।
वह अपने पिता होने की मर्यादा भी भूल गया और उसने अपने बेटे को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया।
और अगली सुबह ही वह अपने बेटे से पहले ही कुएं के पास जाकर छुप कर बैठ गया और जब उसका लड़का वहां आया तो उसने अपने बेटे को कुएं में धकेल दिया और उसका लड़का डुब कर मर गया।
कुछ देर बाद वह लड़की वहां पानी भरने आती है और जब वह कुएं के पास जाती है तो देखती है कि उसमें कोई आदमी डुबा हुआ है। वह डर जाती है पर अचानक नेकचंद आता है और कहता है कि देख मैंने अपने बेटे को मार डाला अब तुम मुझसे विवाह करो।
लड़की डर के चिल्ललाने लगती है और वहां बहुत सारे लोग आ जाते हैं।
वह रोते हुए कहती है कि इसने अपने बेटे को कुएं में धकेल दिया और अब मेरे साथ जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा है।
लोगों को गुस्सा आता है और वह नेकचंद को कुएं में धकेल देते हैं और नेकचंद मर जाता है। और वह लड़की रोते रोते अपने घर चली जाती है।
वह लड़की आज भी उस कुंए में पानी भरने आती है और अपने प्यार को याद करती है। एक काल पिता जिसने अपने ही बेटे को अपने हवस के कारण मार डाला।

