"इंतजाम"
"इंतजाम"
दिप्ती का रो -रोकर बुरा हाल था उसकी प्यारी सहेली काव्या की कल रात किसी ने हत्या कर दी थी। भोपाल शहर के नामी होटल में उसकी लाश पायी गई थी।काव्या कैसे उस होटल में पहुँची, उसका खून किसने किया यह सब एक रहस्य था । अचानक उसके आगे कल दिन की घटना घूम गई जब उसके पापा फोन पर कुछ बातें कर रहे थे। उसके आगे सारी बातें शीशे की तरह साफ थीं।
दिप्ती ने रोते हुए अपने पिता के सामने आज का अखबार फेंक दिया।जबतक पिता कुछ समझते उसने चिल्ला कर रोते हुए कहा ,"किसी मिनिस्टर को खुश करने के लिए मुझे भी भेज दो पापा अगले मुख्यमंत्री तो बन ही जाओगे।
उसकी बातें सुन उसके पापा ने तडा़तड़ उसके गाल पर तमाचे लगा दिये। पागल हो गई है सम्भालो इसे, ऐसा कह पत्नी को निर्देश देकर चलने लगे तभी दिप्ती ने चिल्ला कर कहा कल आप ही तो फोन पर कह रहे थे इंतजाम हो गया है।और काव्या को जिस नज़र से देखा क्या मैं भूल सकती हूं?
हम दोनों तो औरतें ही हैं और मैं उससे ज्यादा खूबसूरत हूँ।
तब क्या ख्याल है पापा?