Mridula Mishra

Tragedy Others

4.0  

Mridula Mishra

Tragedy Others

गाज

गाज

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आज घर में पूरे एक महीने के बाद ख़ुशियाँ लौटी थी। पूरे घर को सजाया जा रहा था। खासकर दोनों बच्चों के कमरे को। पकवान की सुगन्ध हवा में तैर रही थी। पूरे गाँव को खाने का निमंत्रण मिला था। खुशी होती भी क्यों न गाँव के मुखिया गजाधर सिंह के दोनों बेटे गाँव की ही लड़की नैना के बलात्कार की सजा काटकर घर आ रहे थे। सज़ा तो सात साल की थी पर, ये दोनों मुखिया के बेटे थे।

नैना भी कोई ऐसी -वैसी लड़की नहीं थी। उसने ऊंची शिक्षा हासिल की थी और अच्छी नौकरी में थी। गाँव में अपने दादा-दादी से मिलने आयी थी। वह जब उन लोगों से मिलने आई थी तब उसकी विद्वता से यह दोनों भाई चिढ़ गये थे और अपनी कमज़ोरी का बदला एक दिन अकेली पाकर नैना से ले लिया था।जब नैना ने शिकायत की तो गजाधर सिंह ने लड़कपन कहकर नैना को बुरा-भला कह भगा दिया। जब पत्नी ने आपत्ति की तो पति और सास ने उसका जीना हराम कर दिया। नैना अपने दादा-दादी को लेकर शहर चली गई क्योंकि उसे मालूम था कि उसके जाने के बाद यह मुखिया दादा-दादी को जीने नहीं देगा। और गाँव के सब लोग तो उससे भयभीत रहते हैं। कब यह उनकी ज़मीन हथिया कर उन्हें मज़दूर बना दे। आधा गाँव तो मज़दूर बन चुका था। गाहे-बगाहे मुखिया जी उनकी मदद करते थे और वसूली उनकी ज़मीन पर कब्जा करके करते थे।

नैना ने सर्वप्रथम मुखिया जी के दोनों बेटों पर बलात्कार का केस ठोक दिया कानूनन मुखिया जी के दोनों बेटे गिरफ्तार कर लिए गए। मुखिया जी को बहुत पापड़ बेलना पड़ा तब आज उनके बेटे जेल से छूट कर आ रहे थे। मुखिया जी की पत्नी जरा भी खुश नहीं थी वह भी एक औरत थी और एक बेटी की माँ भी थी। सास को बहू का इस तरह गुमसुम रहना नागवार गुजर रहा था। बहू से कैफियत मांगी तो मुखिया जी की पत्नी ने कहा ,"अम्मा वह सरहद से दुश्मनों को मारकर नहीं लौटे हैं जो उनकी आरती करूँ और खुशी मनाऊँ।" सास ने चिढ़ कर अपने बेटे गजाधर को इसकी शिकायत की। मुखिया जी ने जूता तानते हुए पत्नी को एक भद्दी गाली दी और मारने को दौड़े।

तभी पत्नी ने तेज़ आवाज़ में कहा,"मारने के पहले इतना सुन लें आप दोनों माँ-बेटा, मैं बेटों के आने पर खुशी ज़रुर मनाऊंगी लेकिन तभी, जब आपकी बेटी अपनी नाजायज औलाद के साथ घर आयेगी और आप सब ऐसी ही ख़ुशियाँ मनायेंगे। मुखिया जी गरजे मेरी बेटी के बारे में ऐसा कहने की तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई?

हिम्मत ताली बजाते हुए मुखिया जी की पत्नी ने कहा,"अरे वो तीन महीने पेट से है।"

दोनों माँ-बेटे हतप्रभ से हो गये जैसे उनपर गाज़ गिरी हो।



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