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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Action Inspirational

हमारे निर्णय और उनके परिणाम

हमारे निर्णय और उनके परिणाम

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आज मेरी प्रिय चित्रकार छात्रा आकांक्षा ने कक्षा के ग्रुप के साथ-साथ मेरे व्यक्तिगत व्हाट्सएप नंबर पर एक अत्यंत सुंदर चित्र भेजा था। सुंदर चित्र की सराहना हेतु मैंने स्वयं आकांक्षा को फोन किया। फोन पर औपचारिक अभिवादन और पारिवारिक कुशल-क्षेम के उपरांत मैंने उसके चित्र की विशेषताओं की प्रशंसा की।

आकांक्षा ने निर्णय लेने के विकल्पों पर मेरी राय जाननी चाही-"हमें अपने निर्णय किस प्रकार लेने चाहिए?"

मैंने उसे समझाते हुए बताया-"हमें अपने निर्णय स्वयं ही लेने चाहिए। हमारी अपनी स्थिति - परिस्थिति की सर्वश्रेष्ठ जानकारी हमारे पास ही होती है।हम जो निर्णय लेने जा रहे हैं उसके तात्कालिक परिणामों के साथ-साथ दूरगामी परिणामों का अनुमान और इन परिणामों से हमारी निकट भविष्य के साथ दीर्घकालिक योजनाओं-परियोजनाओं पर पड़ने वाले प्रभावों के लिए स्वयं को तैयार रखना चाहिए।"

आकांक्षा की अगली जिज्ञासा थी-" हमें अपने निर्णय लेते समय क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए? कार्य करने के बाद मिले परिणाम हमें किस प्रकार प्रभावित कर सकते हैं? "

मैंने आकांक्षा को उसके इस जिज्ञासा को शांत करने के लिए समझाने का प्रयास किया- "हमारा नीर-क्षीर विवेक के साथ लिया गया निर्णय परिस्थितियों के अनुरूप नियोजित ढंग से किया गया कार्यान्वयन हमें अपेक्षित सफलता अवश्य दिलाता है। बदलते समय के अनुसार बदली परिस्थितियों में कई बार आशा से कहीं बेहतर परिणाम भी मिलते हैं तो कभी-कभी आशा-अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं भी मिल पाती है। दोनों ही परिस्थितियों में हमें आत्मसंयम और धीरे से काम लेना चाहिए। हमें हर -हाल में अमूल्य अनुभव अवश्य मिलता है।यह अनुभव हमारे अपने जीवन और दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनकर हमें बेहतर करने की सीख देता है।"

"सर ,क्या हमें दूसरों के द्वारा सुझाए सिद्धांतों को जैसे का तैसा ही मानते हुए उसी प्रकार अपने कार्य करने चाहिए?"-आकांक्षा ने अपने कार्यों को करने विधि के संदर्भ में मेरा सुझाव जानना चाहा।

अपने सुझाव रूप में मैंने उसे समझाते हुए अपनी राय रखी-" हमें दूसरों की देखा-देखी में वैसा ही करने की प्रवृत्ति से बचना चाहिए । संभव है कि कोई व्यक्ति किसी विशेष परिस्थिति में उत्कृष्ट कार्य करने में सक्षम है इसका अर्थ यह कदापि नहीं नहीं कि आप भी उसी की तरह परिणाम देंगे।हर व्यक्ति की कार्य-प्रणाली और कार्य-क्षमता भिन्न-भिन्न होती है।संभव है कि तुलनात्मक रूप से आपकी कार्य पद्धति बेहतर हो और आप अपेक्षाकृत बेहतर परिणाम दें। यहां यह आवश्यक हो जाता कि किसी भी कार्य के सभी पक्षों पर ध्यान रखकर कार्य करें।इस कार्य सभी परिणामों को स्वीकार करने के लिए स्वयं तैयार करें। इससे आपका भविष्य संतुष्टिदायक और जीवन का हर पल सुखद होगा।"

आकांक्षा ने किसी कार्य को किये जाने पर सदैव परिणाम एक से न आने के कारणों के पीछे काम करने वाले कारकों को जानने के लिए अगला प्रश्न रखा-" सर, दो अलग-अलग समय पर एक ही प्रकार से कार्य करने पर अलग-अलग परिणाम क्यों मिलते हैं?"

मैंने समझाया-"किसी एक प्रयास के अनुकूल परिणाम आने पर अति हर्षातिरेक में लापरवाह नहीं होना चाहिए अन्यथा अगले प्रयास में आपको निराशाजनक परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं।इसके विपरीत किसी विशेष प्रयास में आशा के विपरीत परिणाम मिलने पर हतोत्साहित नहीं होना चाहिए।हर परिस्थिति में अपनी कार्ययोजना की तैयारी, उसके कार्यान्वयन, उपलब्ध सकारात्मक-नकारात्मक परिस्थितियों और प्राप्त परिणामों की समीक्षा करनी चाहिए और सकारात्मक तथ्यों को अगली योजना का अंग बनाने और नकारात्मक पहलुओं को समाप्त करने या न्यूनतम करने को योजना में सम्मिलित किया जाना चाहिए। इससे है आपको सफलता प्राप्त होने की संभावनाएं प्रबल हो जाती हैं। परिणाम को स्वस्थ भाव के स्वीकार करने आपस अनावश्यक होने वाले तनाव से मुक्त रहेंगे। कार्य ठीक तरह और ठीक समय पर पूरा होने का जिम्मेदारी भरा एक स्तर तक तनाव भी रहना आवश्यक है।हर चीज की अपनी-अपनी सीमाएं हैं जिन्हें कभी भी विस्मृत नहीं किया जाना चाहिए।अति किसी भी चीज़ की बुरी होती है जो कभी-कभी घातक भी हो सकती है। सदैव सावधान रहें और दुर्घटना से बचें रहें।"

आकांक्षा ने मेरा धन्यवाद किया और मैंने उसे इसी प्रकार की कलाकृतियां बनाते रहने के लिए प्रोत्साहित किया । साथ ही विविध मंचों द्वारा आयोजित प्रतिस्पर्धाओं में सतत् भागीदारी करते रहने के सुखद, समृद्ध और स्वर्णिम भविष्य की शुभकामनाएं देते किसी जिज्ञासा के समाधान हेतु किसी भी नि:संकोच सम्पर्क करने के अपने निर्देश को दोहराया।


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