गोल्डन मुर्गी
गोल्डन मुर्गी
तंगदिल न बन ए
यार, कतरा कतरा
ही सही, संग
रहनें का मलाल
ज़िंदा रख अंतरा...
कहीं बढ़े न कोई खतरा ! !
ऐसा ही कुछ, शायद बहोत कुछ कहने या अखरने की ज़िद्द मन में भरकर वाओ त्सुनग, अपनी प्रेमिका सिली, जिसे वो 'ली' के नाम से पुकारता था। उससे ही मिलने वो उसके निन्यानवें फ्लॉर के वॉल्ट में गया। वहाँ जाकर देखा तो, ली का वॉल्ट हमेंशा की तरह उसे बोरिंग न लगा। तो उसने दो साल में पहली बार वहीं पर ही अपनी ली का इंतज़ार करना चाहा।
हाथ में पकड़ी हुई सारी फाइल्स वाओ ने टेबल पर पटक दी। वो सिली के वॉल्ट में लायें गए बदलाव को अपनी झीनी आँखों में भरने लगा। कुछ खास था उस वॉल्ट में। पर क्या, वो उसे समझ न पाया। ढूँढ़ने हेतु वो अपने नुकीले शूज को ठोकते हुए यहाँ से वहाँ टहलने लगा।
वाओ को अपने वॉल्ट में जाते देख ली बहोत खुश हुई। पर वाओ का यूँ उसे बताये बगैर वॉल्ट में जाना ली को खटका। और उसने उस वॉल्ट के सारे सेंसिस डीएक्टिवेट करने चाहे। कोशिश भी की उसने। पर कर न सकीं। मानों किसीने सेंसर्स के साथ छेड़खानी की हो।
लिफ़ाफ़ा सूँघकर मज़्मून भाँपने वाला लवर वाओ, ली को आज कुछ बदला बदला सा दिखाई पड़ा। तो उसने भी अपने तरीके से वाओ को एक्जामिन करने का सोचा।
तो, तिसरी ओर से ली के अंकल जॉ भी गोल्डन अंडे देने वाली मुर्गी सिली को अपने हाथ से जाने नहीं देना चाहते थे। उन्होंने भी अपनी शकुनि चाल चलने का मन बना लिया। और उस काम को अंजाम देने के लिए दो क़दम और आगे बढ़ाने लगा।
वाओ तिब्बत का एरियल व्यू देखने लगा। उसने महसूस किया कि, तिब्बत की वो हसीन वादियाँ मानों उसे पुकार रही हो। गले लगाने के इंतज़ार में बाहें फैलायें उसीकी ओर क़दम दर क़दम आगे बढ़ती जा रही हो।
तभी, वाओ ने भी अपनीं बाहें फैलाई। और दूसरे ही पल वो अपना संतुलन खो बैठा। यकायक उसका पैर रोलर स्केट्स पर जा टिका। और वो निन्यानवें फ्लॉर की खिड़की के बाहर पैराशूट सा लटकने लगा।
आसमान को, तो कभी नीचे धरा को, इतने ऊपर से देख वाओ सुपरमैन सा उड़ने लगा।
और अपनी ली को पुकारते हुए चिल्लाया - "आय लव यू ली !"
उड़ते उड़ते वो कब ली के पचपनवें फ्लॉर वाली कैबिन की ओर खींचता चला गया।उसका अंदाज़ा उसे फ़र्श पर गिरने के बाद पता चला।
अपनी कैबिन की खिड़कियाँ खोल रैलिंग से सटी खड़ी ली को जोरों का झटका लगा। और कोई भारी भरकम चीज उसकी ओर लपकीं। और वो वहीं फ़र्श पर ढेर हो गई।
ख़ुद को कुछ हद तक संभालने की कोशिश में उसके हाथों वाओ का गेट अप मास्क आ गया। और खीजते हुए उसने उसे जोर से खींचा। और वो मास्क पर्मेनन्ट ग्लू से चिपकाया हुआ होने के बावजूद खुल गया।
"वांग्चुक तुम ! और यहाँ ! कैसे ? और वाओ कहाँ है ?"
वाओ के स्थान पर वांग्चुक को देख ली को वाओ पर बेहद गुस्सा आया। और कुछ सेकंड्स पहले खुश हो रहे उसके दिल को वो कोसने लगी।
'आज फिर एक बार वो मेरे हाथ में आते आते फिसल गया। देख लूँगी मैं तुम्हें वाओ त्सुनग !'
बड़बड़ाते हुए ली ने वांग्चुक को अपने से अलग किया। और ब्ल्यूटूथ में किसीको ऑर्डर्स देती हुई तेज़ी से कहीं ओर चली गई।
अंकल जॉ को अपनी गोल्डन मुर्गी पर पहली बार डाउट आया। और वो अपने सोर्सिस से पता लगाने की कोशिश में जुट गया। पर कुछ तय नहीं कर पाया। तो उसने सारे प्रोग्राम्स री-इंस्टॉल करने की ट्राय की।
पर उसकी उन सारी कोशिशों से वो खुद ही डिलीट होने लगा।
वाओ के बेस्ट फ्रेंड वांग्चुक के अनोखे अंदाज से अंकल जॉ की करतूतों का प्रदर्शन बेनक़ाब हो गया। ली के लेपटॉप पर वो किसी शॉर्टफिल्म के प्रोमो सा शॉ होने लगा।
और ली के हाथों में वाओ ने उसीके अंकल जॉ का पास्ट, प्रेज़न्ट और फ्यूचर तीनों ही खुली क़िताब सा खोलकर रख दिया।
ली ने अंकल जॉ को तिब्बती पुलिस के हवाले कर दिया। फिर भी चैन की साँस लेने की बारी वाओ के नसीब में न रही।
ली को उसके लिज़ल हाउस ड्रॉप करके वाओ अंकल जॉ के प्लान्स को और गहराई से नापने के लिए उनके क्विचोंग बीच पर गया। पर उसके हाथ कुछ खास न आया।
इधर अंकल जॉ पर मुक़दमा चला और उन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई दी।
ली अब अकेली पड़ गई। वाओ के ऊपर संदेह करनें हेतु उसे बहोत पछतावा महसूस हुआ। और उसने खुद से होकर वाओ से सुलह कर ली।
कुछ वक़्त बाद ली और वाओ लॉन्ग ड्राइव पर चले गए।
और वाओ का बेस्ट फ्रेंड वांग्चुक नए शिकार की तलाश में निकल पड़ा।