Ravi Ranjan Goswami

Abstract

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Ravi Ranjan Goswami

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गधा

गधा

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अगर आप मेहनती और सीधे हैं तो बहुत से लोगों के लिए आप एक गधे है। जिसकी किस्मत में बोझा ढोना ही लिखा है।

संजीव कंपनी में क्लर्क था।

एक दिन सुबह सुबह मेनेजर ने बुला लिया। जब वो आज्ञा लेकर उनके कमरे में दाखिल हुआ तो उन्होने कहा ,"साहब दो दिन छुट्टी पर है। तुम सम्हाल लेना।"

संजीव ने पूछ ही लिया, "आप छुट्टी पर जा रहे हैं?"

मेनेजर ने संजीव की ओर देखा और कहा, "साहब सिंह आज और कल छुट्टी पर है। ''

संजीव ने सोचा नाम जोरदार है। साहब भी साहब कह कर बुलाता है। मेनेजर ने जाने का इशारा किया। संजीव थैंक्स सर कह कर कमरे से बाहर आ गया। कमरे से बाहर आया तो सभी उसे देख रहे थे। यहाँ तक कि सफाई वाली मालती भी सुहानुभूति से देख रही थी। गजरे वाली माया के बगलवाली सीट से तिवारी ने तंज़ किया, “साहब बन गया?

संजीव ने कहा,“ हाँ। साहब सिंह की सीट का काम मुझे संभालने को कहा है।“

माया ने पूछा, “तुमको पता है साहब सिंह छुट्टी क्यों लिया ?”

संजीव ने पूछा, “क्यों?”

माया ने कहा,” तुम को पता नहीं? दो दिन बाद निरीक्षण होने वाला है ?”

संजीव ने कहा,”पता है।“

माया बोली, “इसी के लिए कामचोरी को वो छुट्टी लिया।“

संजीव ने कहा, “कोइ बात नहीं माया जी। निरीक्षण साहब सिंह का नहीं। पूरे कार्यालय का होना है।

यह कहकर वह साहब सिंह की सीट की ओर बढ़ गया।

माया ने तिवारी की ओर देखा।

तिवारी ने मुस्कराते हुए फुसफुसा कर कहा, “गधा है तो लादा ही जाएगा।"

संजीव के कान में भी पड़ा लेकिन उसने अनसुना कर दिया। 


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