एक बंदर और बच्चों की दोस्ती
एक बंदर और बच्चों की दोस्ती
एक समय की बात है, मध्य भारत के जंगल में मोंटू नाम का एक बंदर रहता था। वह पूरे जंगल के जानवरों में सबसे चंचल किन्तु मित्रतापूर्ण स्वभाव का बंदर था। मोंटू को एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर छलांग लगाना।पेड़ की डाल से लटक कर झूलना, दूसरे जानवरों से फल छीनना और अपने दोस्तों के साथ मज़ाक करना पसंद था।
एक दिन, जब मोंटू पेड़ की डालों से झूल रहा था, उसकी नज़र छोटे बच्चों के एक समूह पर पड़ी जो अपने माता पिता के साथ कैंपिंग करने के लिये वहाँ पहुंचे थे। बच्चों ने मोंटू की कलाबाजी को देखा साथ ही उसके चंचल स्वभाव से भी वह प्रभावित हुए । वे तुरंत उसकी ओर आकर्षित हो गए और उसके साथ खेलने लगे।
मोंटू नए दोस्तों के साथ खेलने का अवसर&n
bsp;पाकर बहुत खुश था। उसने उनका अपने अन्य मित्रों से परिचय कराया और उन्हें पेड़ पर चढ़ना व झूलना सिखाया।
बच्चे और मोंटू पक्के दोस्त बन गए थे। उन्होंने खेल खेले, पिकनिक मनाई और कहानियाँ सुनाईं। बच्चे जंगल में उसके साहसिक कारनामों और उसके पशु मित्रों की हरकतों के बारे में मोंटू की कहानियों से मोहित हो गए थे ।
कैंप की समाप्ती पर मोंटू ने बच्चों को जंगल के फ़लदार पेड़ों से ताजे फल लाकर दिये । बच्चों ने उसे चाकलेट दिये । बड़े लोग आश्चर्य से मोंटू और बच्चों की दोस्ती देखते रहे। बच्चे मोंटू से विदा लेकर लौट गये। मोंटू पेड़ पर चढ़ कर उन्हें जाता देखता रहा। फिर वह अपने जंगल के मित्रों के बीच उन्हें चाकलेट बांटने चला गया।