एक लड़का एक लड़की
एक लड़का एक लड़की
गोवा में आये समीर को एक सप्ताह हो गया। समीर एक फ्लैट में शिफ्ट हो गया। वह एक कम्पनी में इंजिनियर हैं। कम्पनी ही उसके लिये फ्लैट का मुहैया कराया था। समीर दिन भर बाहर काम करता ,मेंस में ही खा-पीकर आता। रात को फ्लैट में थक कर आकर सो जाता।
एक सप्ताह के बाद इतवार के दिन बीच पर घुमने गयाघुम कर आया तो अपनी मम्मा से बात की। फिर लैपटॉप पर अपना काम करने लगा। आज उसको नींद नहीं आ रही। रात के करीब एक बजे समीर को नींद आयी तो बेडरूम में सोने जाने लगा। तभी उसे अपने बेड रूम से एक लड़का एक लड़की की हँसने की आवाज आई। वह दरवाजे पर ही खड़ा था कि बिजली कट गईघुप्पअंधेरा
पर बेडरूम से लड़का-लड़की के खिलखिलाने की आवाज अनवरत गुंज रही थीसमीर ने अपने मोबाइल का टॉर्च जलाकर पूछा। कौन हो तुम। लोग। ।
बेड रूम के अंदर चला गया। ।
पर वहाँ कोई नहीं थाअब तो समीर का मुँह सुखने लगा। वह किचेन में जाकर पानी पियातभी लाइट आ गई।समीर का नींद उड़ गया। रात मेंं मम्मा को फोन कर परेशान करना नहीं चाहा। सो किसी तरह आँख मुंद कर बेड पर पड़ा रहाफिर उसे कब नींद आ गई उसे पता ही नहीं चला। ।
सुबह मम्मा से फोन पर बोला। मम्मा बोली तुम हनुमान चालिसा रखे हो तो रात में पढके सोना। डर नहीं लगेगा।वहाँ फ्लैट के बगल के पड़ोसी से पूछ लो तुम्हारे पहले उस फ्लैट में कौन रहता था। सुबह में कम्पनी चला गयाजब शाम को आया तो बगल के पड़ोसी के घर गया।बगल में बुजुर्ग अंकल आंटी रहते हैं उनसे रात वाली घटना के बारे में बताया तब उन्होंने बताया।
हाँ बेटा, उस घर मेंं जानकी-राघव घर से भाग कर आकर यहाँ पति पत्नी बनके रहते थे फिर पता नहीं कैसे दोनों का मर्डर हो गया कुछ पता नहीं चला।कोई कहता सुसाइड का केस है तो कोई कहता मर्डर का । हम बूढे पति-पत्नी इस तरफ के फ्लैट में रहते है। मेंरा बेटा विदेश रहता है। हमेंं अपने फ्लैट से बाहर आने जाने की कोई जरूरत नहीं रहती।
नौकर सभी समान ला देता है। ।यह सब बात की जानकारी मुझको
नौकर से पता चली । सो मैनें तुमको बता दिया। ।
समीर के साथ रात के समय फिर वहीं घटना घटीअब सुबह उठकर चर्च के पादरी केपास गया। फादर बोले। बेटा दोनों प्यार करने वाले सच्ची आत्मा है दोनों मुक्ति के लिये छटपटा रहे हैतुम दोनों को मुक्ति दिलवा दो। फिर जैसे जैसे फादर कहते गये। समीर करता चला गया। इस तरह दोनों प्यार करने वाले राघव-जानकी को मुक्ति मिल गयी समीर को ऐसा महसूस हुआ कि कोई अंजानी शक्ति उसे बहुत-सा आशिर्वाद दे रही हो।

