फैसला
फैसला
शुक्रवार का दिन था। कचहरी में अधिवक्ता संगीता जी को ज्यादा काम नहीं था। सो संगीता जी अपने कुर्सी पर आराम फरमा रही थी। तभी बीस- बाइस साल का लड़का संगीता जी के पैर पर झुकते हुये प्रणाम किया। संगीता जी उस लड़के को देख चौक गई। संगीता जी ने उससे कहा ....सॉरी मैंने आपको पहचाना नहीं । तब वह बोला..मैं अभय..अभय कुमार। तभी संगीता जी ने पहचानने से इनकार कर दिया। तब वह बोला... दीदी मैं पांच छह साल पहले एक सेठ का मोबाइल चुराया था उसी के जुर्म मुझे जेल भेजा गया, तब उस समय आपकी वजह से ही मुझे बेल मिला था।
तब एकाएक संगीता जी के जेहन में याद आया कि वो मासूम पन्द्रह-सोलह साल का लड़का जो मुंह चुराये उदास सा हाथ में हथकड़ी डाले, दो सिपाही के साथ खड़ा था।
उस समय संगीता जी हाल फिलहाल कचहरी ज्वाइन की थी। अभय का केस माइनर में था। उसका केस संगीता जी के सीनियर देखते थे। संगीता जी सीनियर के साथ रह के इस केस पर भी अध्ययन कर रही थी। संगीता जी अभी हाल मे कोर्ट ज्वाइन की थी इसलिए वकील का कोट एवं बैन अभी नहीं ली थी। बस सिविल पोशाक पहन कर कचहरी आ जा रही थी।
जिस दिन अभय का बेल था। उस दिन दोनों पक्षों के वकीलों में बहस हो रही थी। संगीता जी उस दिन कचहरी देर से आई। संगीता जी सीट पर आई तो ताईद द्वारा ज्ञात हुआ की सीनियर वकील कोर्ट में माइनर लड़का के लिये बहस कर रहे है। संगीता जी भी उस कोर्ट में जाने लगी। जैसे ही कोर्ट के अंदर गयी इजलास पर से ही जज साहब बोले ...यह महिला कौन है? अभी कुछ संगीता जी जवाब देती कि गार्ड ने उन्हें निकल जाने को कहा। संगीता जी अपने सीट पर चुपचाप आकर बैठ गई। जब बहस खत्म हो गया तब जज साहब इजलास से उतर कर अपने ऑफिस में चले गये। सीनियर वकील भी अपने सीट पर आ गये। तब उस कोर्ट का पेशकार संगीता जी की सीट पर आकर कहता हैं ,मैडम आपको ऑफिस में जज साहब बुलाये है।संगीता जी चकरा गई की मुझे जज साहब क्यों बुलाये हैं? फिर सीनियर से आदेश लेकर जज साहब के ऑफिस में गई। जज साहब ने उन्हें कुर्सी पर बैठने को कहा। संगीता जी कुर्सी पर बैठ गई। तब आराम बात करते हुये जज साहब ने कहां... वकील साहिबा आप मेरे स्थान पर होती तो क्या करती।
शांत भाव से संगीता जी कहती हैं ...अभी वह लड़का माइनर हैं। उसे एक मौका संभलने के लिये मिलना चाहिये।
जज साहब इधर-उधर की बात करके संगीता जी को जाने दिये।
कोर्ट से कुछ देर के बाद आर्डर आया कि अभय को बेल मिल गया। वहीं अभय आज पास में खड़ा हैं।
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