एक अनोखा अनुभव
एक अनोखा अनुभव
आज जिस अनुभव की बात कर रही हूं वह मेरा नहीं बल्कि मेरी किसी अपनी का अनुभव है। मन किया कि उसे सबके साथ साझा करूं।
वह दिल्ली में ही रहती है। मेन रोड से जाती गली का तीसरा मकान उसका है जिसकी बड़ी सी बालकनी गली में खुलती है। एक दिन सुबह सुबह उसका फोन आया है की बात करनी है। कुछ परेशान कुछ घबराई हुई थी। मैंने पूछा क्या बात है? उसने बताया कि रात नींद नहीं आ रही थी। वह और उसका पति पलंग पर चौकड़ी मारकर बैठे बातें कर रहे थे। रात 2:30 बजे उसे नींद आने लगी और वह लेट गई। उसके पति बैठे रहे। लेटते ही उसे गहरी नींद आ रही पर जागृत अवस्था भी थी। उसे सपने में लगा की वह बैठी पति के साथ बातें कर रही है और गली में कुछ शोर कोलाहल से सुनाई दिया और घंटा बजने की आवाज आने लगी। सपने में ही वह अपने पति से कहती है कि देखो गली में कैसी आवाज आ रही है। वह देखते हैं और कहते हैं कि यह तो शव यात्रा है। यह सुनकर वह दोनों सर पर हाथ रख लेते हैं ।
ऐसी प्रथा है। उसके बाद उसे दिखाई देता है की शव यात्रा निकलने के बाद गाड़ी से जा रहे हैं। गली से निकलकर कोई दूर जगह पर गाड़ी रुक गई। पेट्रोल खत्म हो गया था। यहां आकर उसकी आंख खुलती है पर वह हिल नहीं पाती। लगा शरीर पत्थर का हो गया है मंत्र जाप करना चाहती है पर याद नहीं आता। चाहती है पर बोल नहीं पाती। कुछ देर बाद ट्रांस से निकलकर उसने पति को आवाज लगाई। उन्होंने उसे पानी पिलाया। उसे सोए हुए सिर्फ 20 मिनट हुए थे।
खैर यह दोनों सो गए। सुबह आंख खुली गली में होने वाली आवाजों से। गाड़ियां हटाई जा रही थी। काफी लोग थे गली में। यह दोनों बाहर निकले तो पता चला कि इनसे लगे घर में एक अंकल की मौत हो गई है रात के 2:30 बजे। वह बीमार भी नहीं थे बस अचानक गुजर गए। उन की शव यात्रा निकली नाती पोते घंटा बजाते आगे चल रहे थे। लोगों ने अपने सर पर हाथ रखा। यात्रा निकल जाने के बाद अपने बेटे को स्कूल छोड़ने के लिए गाड़ी से निकले तो कुछ दूर जाकर गाड़ी बंद हो गई। पेट्रोल खत्म। यह वही जगह थी जो रात सपने में दिखाई दी थी।
यह सब क्या था? क्या यह मात्र संयोग था या होने वाली घटना का पूर्व दर्शन। क्या हम भविष्य में घटने वाली घटना का पूर्वाभास पा सकते हैं? प्रश्न का उत्तर शायद किसी के पास नहीं है
है तो बस थोड़ा कुतूहल थोड़ा आश्चर्य।