Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!
Find your balance with The Structure of Peace & grab 30% off on first 50 orders!!

Abhishek Gaurkhede

Horror Others

2  

Abhishek Gaurkhede

Horror Others

द्रिश

द्रिश

4 mins
156


एक लड़का हॉरर बूक पढ़ रहा होता है, अचानक उसे महसूस होता है की गॅलेरी से उसे कोई देख रहा है,बूक साइड करता है और गॅलेरी की तरफ देखता है मगर वहां कोई नहीं रहता है, और उसको लगता शायद उसको आभास हुआ है और वो फिर से किताब पढ़ने मे लग जाता है। की तभी उसे महसूस होता है की कोई उसके पाँव पकड़ ऊपर आ रहा है वो हड़बड़ा कर पाँव झटकता है और उठ खड़ा होता है, वो बहुत घबरा जाता है उसको समझ ही नहीं आता है की ये सब क्या हो रहा है, वो बूक रख देता है, लाइट बंद करता है और सोने की कोशिश करता है की तभी उसको एक आवाज़ सुनाई देती है। आवाज़।" हैलो राजीव मुझे ही सोच रहे हो न।"

राजीव – "कौन कौन, एक दम डरते हुए बोलता है।"

आवाज़ "मैं वही जिसको तुम सोच रहे हो और ढूंढ भी रहे हो।"

राजीव – "(एक दम डरते हुए ) मैं नहीं सोच रहा हूँ किसी को न ही ढूंढ रहा हूँ।"

आवाज़ "अच्छा तो इतना डर क्यूँ रहे हो आराम से सो जाओ फिर।"

राजीव – "कौन डर रहा है मेरी मर्ज़ी मैं कभी भी सोऊँ तुम कौन होते हो मुझे बोलने वाले, हिम्मत है तो सामने आओ।"

आवाज़ "(हँसते हुए ) बोलता है सामने तो हूँ तुम्हारे।"

राजीव – " क क कहाँ हो कहाँ हो ( इधर उधर देखता हुए ) एक दम डरते हुए

आवाज़ फिर से हँसते हुए बोलती है।" अरे अरे तुम तो बहुत ज्यादा ही डर गये मैं तो मज़ाक कर रहा था।"

राजीव – "(ज़ोर से चिल्लाता है मगर डरे हुए लहेजे में बोलता है ) लेकिन तुम हो कौन।"

आवाज़ "तुम्हारी सोच।"

राजीव – "मतलब”

आवाज़ "अभी तुम हॉरर बूक पढ़ रहे थे न।"

राजीव – "तो तो ( एक दम डरते हुए )” किताब पढ़ रहा था तो उसमे क्या हुआ ?

आवाज़ "हुआ तो कुछ नहीं किताब पढ़ना बुरी बात नहीं है, मगर कुछ बातों को जिंदगी से जोड़ लेना गलत बात है। 

राजीव – " मतलब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा, तुम क्या बोल रहे हो, और तुम हो कौन, कहा हो, दिखाई क्यूँ नहीं दे रहे हो। "

आवाज़ "बताया तो तुम्हारी सोच, तुम किताब मे इतना खो गये कि तुम्हारी सोच ने मुझे ज़िंदा कर दिया।"

राजीव – " तुम क्या बोल रहे हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।" ( थोड़ा नॉर्मल होते हुए )

आवाज़ "तुम भूत को मानते हो क्या।"

राजीव – " नहीं " तुम भूत हो क्या भाई

आवाज़ "अरे नहीं नहीं तुम्हारी सोच जिसको तुम बेवजह कुछ भी सोचने पर मजबूर कर देते हो।"

राजीव – " भाई तुम क्या बोल रहे हो ,मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है।

आवाज़" अगर तुम भूत को नहीं मानते हो मगर तुम्हारी वजह से तुम्हारी सोच को भूत को मानना पढ़ा और बेवजह तुम डरे और उसका असर मुझ पर हो रहा है।

राजीव – "भाई कौन हो तुम, मैंने क्या किया तुम्हारे साथ, आज के बाद कसम खाता हूँ कभी भी भूत की किताब नहीं पढ़ूँगा।"

"भाई हो सके तो एक बार सामने आ जाओ।"

आवाज़ "मैं तुम्हारे साथ तो हूँ।"

राजीव – " तो तुम मुझे दिखाई क्यूँ नहीं दे रहे हो।"

आवाज़ "क्योंकि मैं तुम्हारे अंदर हूँ।"

राजीव – " (अपने अंदर झांकते हुए ) मतलब मतलब ( बहुत ज्यादा डरते हुए )

आवाज़ "अरे अरे डरो नही , मैं बस सोच हूँ तुम्हारी , तुम मुझे जो दोगे मैं तुम्हें वापस वही दूंगा।"

राजीव – " अच्छा ! याने तुम ये बोल रहे हो जो थोड़ी देर पहले मेरे साथ हुआ वो सब मेरी सोच का नतीजा है और वो सब से परेशान हो कर तुम मुझे समझाने आए हो।"

आवाज़ " हाँ।"

" तुम कहानी पढ़ो मगर सिर्फ कहानी की तरह, क्योंकि हर कहानी सच्ची नहीं होती, मगर तुम उस कहानी को हकीक़त की तरह देखोगे, तो तुम भी परेशान होंगे और मुझे भी परेशान करोगे।।"

राजीव – " बाप रे मेरी सोच मुझसे बात कर रही है मुझे यकीन नहीं हो रहा।"

आवाज़ "हाँ तुम्हें कैसे यकीन होगा ,बेवज की चीज़ों पर यकीन हो जाता है , मगर तुम्हारी वजह से मुझे कितना परेशान होना पड़ता है।"

" और तुम्हारी इन हरकतों की वजह से ही मुझे आना पढ़ा।"

राजीव – "मेरी तो जान ही निकाल दी थी तुमने”

आवाज़ "आज आता नहीं तो तुम बिना मतलब का सोच सोच के खुद को एक दिन वैसे भी मार डालते तुम।"

राजीव – " हाँ सॉरी भाई , अब कभी बिना मतलब का नहीं सोचूंगा कहानी सिर्फ कहानियो की तरह ही पढूंगा और सोचूंगा तो वो भी सिर्फ अच्छा अच्छा।"

अचानक से आवाज़ आती है।।" बेटा क्या हुआ, सॉरी सॉरी क्यूँ बोल रहे हो।

राजीव – हाँ माँ।

और ऐसा बोलकर वाशरूम चला जाता है।



Rate this content
Log in

More hindi story from Abhishek Gaurkhede

Similar hindi story from Horror