Abhishek Gaurkhede

Drama Tragedy

3.5  

Abhishek Gaurkhede

Drama Tragedy

ई - पार्ट १

ई - पार्ट १

4 mins
105


रितेश, अरुण, कोचिंग पढ़ने के लिए रजनी मैडम के यहाँ आए हुए है, तभी एक लड़की दरवाज़े पर नॉक करती है, एक बच्चा जा के के दरवाज़ा खोलता है और वो लड़की अंदर आती है और बोलती है।

ईशा : “ मे आई कम इन मैडम।"

रजनी मैडम : कम इन।

इधर रितेश कुछ वर्क कर रहा है की तभी वो रबर मांगने के लिए अपनी नज़र ऊपर करता है और वो लड़की उसके नज़रों के सामने होती है और वो कुछ देर के लिये उसको ही देखता रह जाता है।

रितेश : अरुण रबर दे तो।

अरुण : ये ले।

अरुण : रितेश कहाँ खो गया ये ले।

रितेश : (हड़बड़ा के ) कहीं नहीं भाई।

रजनी मैडम : ईशा तुम्हारी MATH की कॉपी देना।

रितेश : ईशा ( एक दम जोश से )।

सब बच्चे रितेश को ही देखने लग जाते है।

रजनी मैडम : क्या हुआ ( थोड़े गुस्से से )।

रजनी मैडम : ईशा math कॉपी।

ईशा math कॉपी निकलती है।

ईशा : ये लीजिये मैडम।

थोड़ी देर बाद क्लास कि छुट्टी होती है।

रजनी मैडम : कल सब ये होमवर्क में कर के लायेंगे 

स्टूडेंट्स : ओक मैडम।

और सब चले जाते है 

अरुण, रितेश अपनी साइकल निकाल रहे है कि तभी अरुण रितेश से पूछता है।

रितेश : आई ग।

अरुण : क्या हुआ ?

रितेश : भाई लगी यार,

अरुण : तो नजर साइकल के स्टैंड पर रख, कहीं और रखेगा तो लगेगी ही।

रितेश : भाई यार ज़ोर से लगी,

अरुण : कहाँ दिल में क्या ,

रितेश : भाई पैर पर लगी यार

अरुण : चल अभी 

वो दोनो अपनी साइकल लेकर निकल जाते है।

अरुण : अच्छा अब बतायेगा।

रितेश : क्या भाई।

अरुण : देख मैं तेरा बेस्ट फ्रेंड हूँ, और तू मुझे ही नहीं बतायेगा।

रितेश : पर क्या भाई।

अरुण : मुझे लगा तुझे वो ईशा अच्छी लगी।

रितेश : तुझे कैसे पता चला,

अरुण : जिस तरह तू ने जोर से उसका नाम लिया था न क्लास में सबको पता चल गया।

रितेश : हां यार, अरुण सच में कितनी प्यारी है न वो, शायद से प्यार का पहला पहला नशा होने लगा है।

अरुण : भाई क्या नशा, भाई होश में रहे ठीक से घर पहुँचना है, पहले ही तो पैर पर लगी है तेरे।

और दोनो बातें करते हुये जाते है 

कि तभी बहुत भीड़ भरा रोड आता है और अरुण थोड़ा आगे निकल जाता है।

इधर रितेश धीरे धीरे साइकल चलता रहता है कि तभी उसको ऐसा महसूस होता है कि आसमान और ज़मीन ऊपर नीचे हो रहे है और साइकल का पेडल भी नहीं मार पा रहा था और रितेश पसीना पसीना हो जाता है।  अरुण एक जगह रुक कर रितेश का वैट कर रहा है ।

अरुण : क्या हुआ तू इतना पसीना पसीना क्यूँ हो रहा है।

रितेश : कुछ नही चल अब सब ठीक है।

फिर अरुण अपने घर के पास पहुँचता है और रितेश को bye बोलता है।

रितेश भी अपने घर आ जाता है अपनी साइकल रखता है 

रितेश साइकल रख रखकर घर के अंदर जाता है ।

बिस्तर पर बैग रखता है और पानी पीने अंदर जाता है जैसे ही वो पानी का ग्लास हाथ में लेता है उसको फिर से ज़मीन ऊपर नीचे दिखने लगती है और ज़ोर से गिर जाता है और उसको चोट लग जाती है।

रितेश : आई क्या खाना बना रही हो।

आई : अभी गोबी काट रही हूँ।

रितेश : आ आ आई ....धड़ाम

आई : रितेश क्या क्या हुआ (घबराते आवाज़ में ) ... ये रितेश उठ क्या हुआ ... ( उसको बचाने की कोशिश करती है मगर उसको दरवाज़े की नोक लग जाती है आँखो के नज़दीक)

रितेश को रिक्शा में हॉस्पिटल लेकर आया जाता है उसकी आई भी उसके साथ है।

डॉक्टर के पास लेकर जाते है । 

आई : डॉक्टर देखिये न इसको क्या हो गया 

डॉक्टर : रितेश को बेड पर लेटाते है , कब हुआ

आई : पानी पी रहा था कि अचानक गिर गया और पुरी तरह से अकड़ गया और मुँह से झाग भी निकाल रहा था।

डॉक्टर : ओक कभी कभी पढ़ाई कि टेंशन से हो जाता है लेकिन अगर ऐसा 2-3 बार हुआ तो शायद कंडिशन सिरियस हो सकती है।

आई: डॉक्टर आप क्या बोलना चाहते है।

डॉक्टर : २-३ बार अगर ऐसा हो तो इसको मिर्गी को प्रोब्लेम हो सकता है ।

और उसी समय रितेश को फिर से दौरा पड़ता है और फिर तुरंत तुरंत एक और दौरा आता है और डॉक्टर बताता है की रितेश को मिर्गी का प्रोब्लेम है बताता है।

यह सुनकर रितेश की आई रोने लगती है।

TO BE CONTINUED......


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