Abhishek Gaurkhede

Horror

1.6  

Abhishek Gaurkhede

Horror

झील

झील

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सुरेश , रमेश , अजय , संजय चारो दोस्त अपनी कार से पुणे से गोवा के लिए निकलते हैं , शाम का वक़्त था और अब धीरे धीरे अंधेरा भी होने लगा था। थोड़ी दूर जाने के बाद उन्हे एक खूबसूरत से झील नज़र आती हैं। वो कार से उतरते हैं और वही थोड़ा आराम करने लगते हैं।

सुरेश : "भाई लोग चलो पहले ही अंधेरा हो रहा है, यहाँँ रुके तो और अंधेरा हो जाएगा , चलो चलते हैं यहाँ से।"

अजय : "अबे तू तो बैठ कर जाने वाला है, गाडी तो हम तीनो को ही चलना है , तो भाई थोडा आराम करने दे और देख वैसे भी ये झील कितनी खुबसुरत है , संजय मेरे फोटो तो ले।"

फिर चारो फोटो क्लिक करना शुरू कर देते हैं। तभी रमेश की नजर एक लडकी पर जाती है, वो लडकी को पीछे कि तरफ से ही देख पाता है , उसने काले रंग का फुल गाऊन पहना है , और सर को काले रंग के दुपटे से ढक कर रखा है।

रमेश : "भाई लोग उधर देखो।"

संजय :" क्यू क्या हुआ।"तीनो रमेश की बात सुनकर पलटते हैं , लडकी सुरेश बोलता है।

अजय : "भाई ये लडकी इतनी रात को यहाँ क्या कर रही है।"

संजय : "आई होगी अपने आशिक़ से मिलने तुझे क्या करना है।"

रमेश : "भाई दिखने मे तो अच्छी लग रही है।"

अजय : "तुने कब देख लिया उसको।

संजय : "इसको तो हर लडकी खुबसुरत लगती है।"तीनो के तीनो हसते हैं।

रमेश : "अरे भाई लोग बैकग्राउंड से पता चल जाता है , कभी कभी की प्रॉडक्ट कैसा है।"

संजय : "बात तो सही बोल रहा है।"सुरेश बोलता है भाई यार अपने को क्या करना है चलो यहाँ से चलते हैं।

रमेश : "चल भाई उसे बात करते हैं , वो भी अकेली हम लोग भी।"तो चारो बात करने जाते हैं , वो चारो अभी लड्की के पीछे ही खड़े हैं।

रमेश : 'सुनिए आप इतनी रात को यहाँ कर रही हैं , इतनी रात को ऐसे नही रहना चाहिए।'वो लड्की बिना बोले थोड़ा आगे चली जाती है।

संजय : "आप बोले तो आपको आपके घर छोड़ दें" ,लड्की फिर अन सुना करके आगे बढ़ती है ,

अजय : "अरे मैडम जी कुछ तो बोलिए , मुंह मे आवाज़ नही है क्या।"

सुरेश : "क्या बोल रहा है तू , सोर्री लेकिन अगर कोई प्रोब्लेम हो तो हमे बताइये शायद हम लोग आपकी मदद कर सके।"

वो लड़की तभी भी अंजान की तरह बात सुनकर आगे बढ़ जाती है।इधर रमेश को अब गुस्सा आने लगता है और वो उसके सामने आता है।

रमेश : "इतने देर से हम लोग बातें कर रहे हैं , कोई जवाब नही दे रही हैं।"रमेश सामने जाता है और एक दम शोकड होकर बस उस लड़की को ही देखने लग जाता है।

संजय  उसको आवाज़ देता है "क्या भाई इतना शोक्ड क्यू हो गया ( रमेश को देखकर )"फिर तीनों के तीनों जा कर देखते हैं और तीनों के तीनों भी रमेश की तरह शोकड़ वय मे हो जाते हैं।

उनके पॉइंट ऑफ व्यू के थ्रू लड्की को दिखते हैं और लड्की का सर ही नहीं रहता है और फिर चारो को दिखते हैं , चारो शोकड़ वय मे ही रहते हैं। 


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