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Abhishek Gaurkhede

Others

4.1  

Abhishek Gaurkhede

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बदलती मोहब्बत

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शीतल और सुनील भाई बहन है, एक दिन की बात है उनके मम्मी पापा घर पर नहीं होते है, किसी काम से बाहर गए हुए होते है, और शाम को आएगे ऐसा बोलकर जाते है। तो सुनील अपने बहन शीतल के पास आता है और बोलता है,


सुनील : दीदी मुझे आपसे एक बहुत जरुरी बात करनी है।

शीतल : बहुत ज्यादा ज़रुरी है क्या, मुझे कॉलेज के लिये देरी हो रही है, शाम को बात करे क्या।

सुनील : शाम को मम्मी पापा आ जायेंगे, फिर बात नहीं हो पायेगी।

शीतल : ठीक है जल्दी बोलो।

सुनील : दीदी मुझे न प्यार हो गया है, लेकिन समझ नहीं आ रहा है कैसे कहूँ।

शीतल : अरे वाह मेरे भाई को प्यार हुआ, किसे मुझे भी तो बता कौन है। सुनील : दीदी तुम्हें गुस्सा तो नहीं आयेगा न।

शीतल : अरे इसमे गुस्से क्या बात है, प्यार ही तो हुआ है।

सुनील : पक्का न दी।

शीतल : अरे तू कैसी बात कर रहा है, प्यार हुआ है कोई चोरी थोड़ी कि है तू ने, तू बिंदास बोल।

सुनील: दी मुझे एक लड़के से प्यार हो गया है।


शीतल एक दम शाकड होकर उसको बोलती है।

शीतल : क्या ये क्या बोल रहा है तू, तुझे एक लड़के से प्यार हो गया है,

सुनील : हाँ दीदी, शीतल : भाई तू ठीक है न, तुझे लड़के से प्यार हुआ, याने तुझे लड़के पसंद है, याने तू गे है।


थोड़े दुखी और हँसते हुये बोलती है।

शीतल : आये रे मेरे भाई को, ये क्या हो गया है, उसके माथे को छू कर तू ठीक तो है न, तुझे सच मे लड़के से प्यार है।

सुनील : हाँ दीदी, बचपन से मुझे लड़के पसंद है, मैं कभी ये कह नहीं पाया मम्मी पापा के डर से, लेकिन दीदी सच मे मुझे वो बहुत अच्छा लगता है।

शीतल : कौन है वो।

सुनील : दीदी आप नाराज नहीं होंगे न पक्का न।

शीतल : नही, बोल। सुनील : मुझे आपके बॉयफ्रेंड से प्यार हो गया है।


शीतल एक दम शोकड और गुस्से से 

शीतल : ये क्या बोल रहा है तू,

सुनील : हाँ दीदी यही सच है।

शीतल : पागल हो गया है तू, कुछ भी बोल रहा है, तुझे समझ मे आ रहा है, तेरी बहन का बॉयफ्रेंड है वो।

सुनील : हाँ दीदी जानता हूँ, लेकिन क्या करूँ मैं उसे बहुत प्यार करता हूँ, ये देखो उसके नाम का टेटु भी बनाया है।


और अपना हाथ दिखता है और उसमे संजू नाम लिखा रहता है

शीतल : सुनील, सुनील तू क्या बोल रहा है ये,

और बेड पर बैठ कर रोने लग जाती है और बोलती है।

शीतल : मेरा भाई मेरी सौतन’

तभी डोर बेल बजती है, सुनील डोर ओपेन करता है, और संजू की एन्ट्री होती है, सुनील संजू को देखकर एक दम खुश हो जाता है। संजू सुनील से बोलता है, 


संजू : सुनील तुमने शीतल को सारी बात बता दी न, सुनील : हाँ बता दिया।

और संजू का हाथ पकड़ लेता है, शीतल ये सारी चीज़े देखती है।


शीतल : क्या बता दिया,और संजू तुमने ये सुनील का हाथ क्यूँ पकड़ा है।

संजू : शीतल मुझे तुमसे कहना था कि 

शीतल बीच मे ही बोलती है, शीतल : क्या कहना था संजू : बताता हूँ, देखो तुम शांति से सुनना शीतल : जल्दी बोलो क्या बोलना है तुम्हें

संजू : मुझे सुनील पसंद है। शीतल : मतलब ( एक दम शोकड होकर ), क्या मतलब है तुम्हारे बोलने का

संजू : सुनील से मैं प्यार करता हूँ ।

शीतल : क्या बोल रहे हो तुम ( एक दम चिल्ला कर )

संजू : शीतल ये सच है, मैने तुमसे दोस्ती सिर्फ सुनील तक पहुचने के लिये कि, जानता हूँ मैने तुम्हारा दिल दुखाया है, मुझे माफ़ कर देना । 


फिर सुनील और संजू हाथ पकड़ कर बाहर चले जाते है ।

शीतल को बोलते हुये दिखते है, पहले तो सिर्फ लड़कियाँ ही लड़के को ले जाती थी, अब तो लड़के भी और वो भी मेरा भाई ( रोते हुए) ।



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