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Abhishek Gaurkhede

Drama Romance

4.6  

Abhishek Gaurkhede

Drama Romance

न्यू लव स्टोरी

न्यू लव स्टोरी

5 mins
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ऋषि और स्नेहल दो साल से साथ है, लेकिन ऋषि की बात बात पर टोकने की आदत से स्नेहल परेशान होने लगती है, वो कही भी जाती थी तो वहा नही जाओ ये मत करो उसके साथ मत रहो, और कही भी जाएगी तो ऋषि भी उसके साथ ही रहता है, उसका पर्सनल स्पेस कही खो सा गया था। स्नेहल से अब यह सब बर्दाश्त नही हो रहा था, वो एक दिन ऋषि को मिलने के लिए बुलाती है। ऋषि मुझे तुमसे कुछ कहना है,

स्नेहल : ऋषि ऐसा लगता है अब ये रिलाशेंशिप मे कंटिन्यू नही कर पाऊँगी।                                

ऋषि : क्या कोई गलती हो गयी क्या मुझसे, मुझे एक मौका दो मे सुधर जाऊँगा।                       

स्नेहल : ऋषि शायद अब बहुत देर हो गयी, ऋषि मेरा भी कोई वजूद है यार, लेकिन तुम्हारे साथ आने के बाद ऐसा लगता है, जैसे मे कही खो सी गयी हू, सोर्री ऋषि बट आई काँट।

और वहा से चली जाती है।

ऋषि भी वहा से निकाल जाता है, ऋषि बाईक चलते चलते जा रहा है, लेकिन उसके दिमाग सिर्फ स्नेहल की बातें घूमती रहती है। की तभी उसका एक्सिडेंट हो जाता है, और ऋषि के पैरेंट्स को पता चलता है, की ऋषि का एक्सिडेंट हो गया है, वो हॉस्पिटल मे है। वहाँ उन्हें पता चलता है, की ऋषि को सर पर बहुत घेरी चोट आई है, जिसके कारण वो कुछ सालो की यारदाश्त भूल चूका है। डॉक्टर उन्हे बताते है की, वो आप लोगो को पहचान तो पाएगा लेकिन उसको अभी की कुछ सालो की बातें शायद ही याद रहे है, ऋषि के बारे मे ये बात सुनकर उसकी मम्मी बहुत रोने लगती है। ऋषि के पापा उसके मम्मी को समझते है और चुप कराते है। डॉक्टर उनसे कहता है धीरे धीरे उसको सब याद आ जाएगा जैसे जैसे उसका दिमाग का भाग रिपेर होता है जाएगा,उसको अपनी सारी पुराने यादें याद आ जाएगी, लेकिन तब तक आप उसको कोई भी दिमागी प्रैशर मत होने दीजिये। ऋषि के पापा डॉक्टर को ठीक है बोलते है और ऋषि को हॉस्पिटल से घर लेकर आ जाते है।

ऋषि स्नेहल के बारे मे भी सब भूल चूका था, उसे अपने ऑफिस की भी याद नही थी। ऋषि के पापा सोचते है शायद यहा रहेगा तो कोई न कोई उसे पहचान वाला मिल जाएगा और कही उसके प्रोब्लेम न हो जाए। ये सोचकर दूसरे शहर मे अपना ट्रान्सफर करा लेते है।

ऋषि बाहर से बिलकुल ठीक हो चूका था, लेकिन अभी भी उसके बहुत सी बातें याद नही थी। ऋषि सोचता है अभी 2018 ही चल रहा है, लेकिन एक दिन उसको पता चलता है की ये 2020 है, तो वो कुछ समझ नही पाता है। तब उसके पापा उसको समझते है, बेटा आराम से सुना और ज्यादा मत सोचना, सब ठीक हो जाएगा क्यूकी। वो पापा से बोलता है क्या ठीक हो जाएगा, और आप ऐसा क्यू बोल रहे हो।

उसके पापा उसको बताते है की

उसका एक्सिडेंट हो जाए था, जिसके कारण वो अपनी कुछ बातें भूल चूका है, लेकिन डॉक्टर ने कहा है की तुमको सारी बातें धीरे धीरे याद आ जाएगी, तो बेटा बिलकुल भी टेंशन मत लो। ऋषि तभी भी सोचता है, जो साल उसको याद नही आ रहे है उसने क्या किया होगा और उसकी तबीयत बिगड़ जाती है, उसे फिर से हॉस्पिटल मे एड्मिट करते है, जा डॉक्टर कहता हो सके तो इसको ज्यादा टेंशन मत होने दीजिये नही तो इसकी जान भी जा सकती है।

वो लोग ऋषि को घर पर ले आते है, ऋषि को लगता है अब याद आना होगा तो आएगा सारी चीजे और अब वो अपनी यह लाइफ नॉर्मल वय मे जीने लगता है। उसके यहा नए दोस्त भी बन जाते है।

एक दिन ऋषि अपने दोस्त के साथ कैफ़ मे बैठा हुआ रहता है, की तभी उसकी नज़र एक लड़की की तरफ जाती है। ऋषि अपने दोस्त से कहता है, देख यार वो लड़की कितनी ब्यूटीफूल है,वो लड़की कोई और नही स्नेहल ही होती है। स्नेहल को ऋषि के बारे मे कुछ भी पता नही होता है की ऋषि आपने कुछ सालो की यारदाश्त भूल चूका है करके, जब ऋषि स्नेहल से बात करने की कोशिश करता है तो वो उसको अवॉइड करती है।

एक दिन स्नेहल अपने फ्रेंड से बात करती है, तो उसको पता चलता है, की ऋषि का एक्सिडेंट हो गया था, जिसमे वो अपने कुछ सालो को भूल चूका है। स्नेहल उदास हो जाती है, और फिर एक दिन ऋषि और स्नेहल कैफ़ मे अचानक से मिलते है, जा से उन दोनों की दोस्ती शुरू हो जाती है। ऋषि अब पहले वाला ऋषि नही था अब वो बिलकुल बदल गया था, वो सब की रिस्पेक्ट करता था, ये ऋषि स्नेहल को समझता था, इसको उसका स्पेस देता था। स्नेहल को पहले वाले रिश इऔर अभी वाले ऋषि की बात याद आती है, की कैसे पहले वो छोटी छोटी बाटो को लेकर उसे लड़ता था और ये वाला ऋषि उसे समझता था, उसकी वैल्यू करता था। स्नेहल फिर से ऋषि से प्यार करने लगती है। और ऋषि तो जब उसे कैफ़ मे देखता है तभी से उसे प्यार करने लगता है।

लेकिन धीरे धीरे ऋषि को सारी बात या आने लगती है, की किस तरफ से वो स्नेहल से बातें करता था पहले, उसको स्नेहल के साथ उसने जो जो बुरा किया सब ध्यान आने लगता है। ऋषि को समझ आता है की उसने कभी स्नेहल के फैसलो की रिस्पेक्ट नही की और न कभी स्नेहल की। और स्नेहल चाहा कर भी ऋषि से अपने दिल की बात नही कह पाती है क्यूकी उसको लगता है ये ऋषि फिर से वही न बन जाए।

एक दिन ऋषि स्नेहल को मिलने के बुलाता है, स्नेहल को अभी पता नही है की ऋषि को सब याद आ चूका है, वो मिलने जाती है। ऋषि स्नेहल को सारी बातें बताता है की उसको सब कुछ याद आ गया है, और अपनी पहले सारी गलतियो के लिए माफी मांगता है, वो उसे कहता है मे समझ चूका हू प्यार क्या है। वो स्नेहल से कहता है क्या तुम मुझे एक मौका दे सकती हो, क्यूकी मे तुमसे बहुत बहुत प्यार करता हू और मै अपनी सारी जिंदगी तुम्हारे साथ बिताना चाहता हू। और उसको शादी के लिए प्रपोज़ करता है।

स्नेहल के आंखो मे थोड़े से आसू आ जाते है और रोते रोते उसको हाँ बोल देती है। फिर दोनों एक साथ रहने लगते है।


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