STORYMIRROR

Jyoti Dhankhar

Abstract

4  

Jyoti Dhankhar

Abstract

दर्द में छुअन की महत्ता

दर्द में छुअन की महत्ता

2 mins
359

रजनी दर्द में तड़प रही थी उसको अचानक से लेबर पेन शुरू हो गए, घर में फूफा जी की हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी उसी वजह से रजनी को लेबर पेन शुरू हो गया था।

सासू मां और बाकी सब को संस्कार पर जाना जरूरी था और वैसे भी रजनी की परवाह ही किसे थी। उसको हॉस्पिटल में एडमिट करवा सब संस्कार पर चले गए। अकेले बिस्तर पर पड़ी दर्द में तड़पती रजनी को मां बाप भाई सब याद आ रहे थे। एक तो शारीरिक दर्द फिर मानसिक तनाव। उसकी शादी के कुछ ही महीनों बाद एक एक्सीडेंट में पूरा मायका खत्म हो गया था।

पहला बच्चा होने को है, कोई पास नहीं है। कहां घर की सबसे लाडली और आज जब उसको प्यार की स्नेह की स्पर्श की सबसे ज्यादा जरूरत है कोई नहीं है उसके पास।

खैर उसके पति पास के शहर में ही नौकरी करते थे और डिलीवरी के लिए ससुराल आई थी, राघव को भी सूचित कर दिया गया था वो चल पड़े थे।

अचानक से किसी ने सर पर हाथ फेरा की रानी बिटिया हम हैं साथ, घबराओ मत। गीले कोरो से रजनी ने देखा डॉक्टर साहिबा थी। उनके ममत्व भरे स्पर्श से रजनी की रुलाई छूट गई।

डॉक्टर ने एक दाई मां जो बुजुर्ग थी रजनी के पास नियुक्त कर दी। जो थोड़ी थोड़ी देर में ऑरेंज जूस पिलाती और कमर सर को सहलाती जा रही थी। रजनी अपनत्व का अहसास महसूस कर रही थी।

राघव भी हॉस्पिटल पहुंच गए थे, अब रजनी को लेबर रूम में लेके जा रहे थे। राघव ने आते ही रजनी के माथे को चूमा और गले लगाया फिर हाथ को हाथ में ले स्ट्रेचर के साथ साथ लेबर रूम तक साथ गए।

परेशानी में अपनों का थोड़ा सा स्पर्श और स्नेह आप में जान फूंक देता है।

थोड़ी देर बाद अंदर से रोने की आवाज आती है और नर्स राघव को बुला कर बताती है, मुबारक हो आपके यहां लक्ष्मी आई है।

राघव गुडिया और रजनी के बाहर आने का इंतजार करता है की कब वो अपने जिगर के टुकड़े और बीवी को बाँहों में भर पाए।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Abstract