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Jyoti Dhankhar

Others

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Jyoti Dhankhar

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मेरा प्यार

मेरा प्यार

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जतिन बहुत कम बोला करता, हम तीन लोग ही थे घर पर, जतिन उसकी बहन काव्या और मैं माधुरी, इन दोनों की मां।

बोर्डिंग स्कूल में नौकरी थी मेरी और दोनों ही बच्चे वहीं पढ़ते थे। 

जतिन के जन्म लेने से पहले ही उसके पिता शहीद हो गए थे, फौजी थे वो, क्या रूबाब था उनका ? देश के लिए ही जिए और देश के लिए ही चले गए। 

कारगिल युद्ध में वीरता पुरस्कार तो मिला उनको पर हमें अनाथ कर गए। सात साल के ब्याह में दो बच्चे और जीवन भर का प्यार दे कर वो देश पर जान लूटा गए। 


खुद पर गुरूर भी होता है और जब अकेलापन खाता मैं खुद को नौकरी और बच्चों में व्यस्त कर लेती। 

गर्ल्स ओनली स्कूल में ही जतिन भी पढ़ा, टीचर का बेटा था, पहाड़ पर स्कूल था, दूर मैं भेजना नहीं चाहती थी इसलिए उसी स्कूल में ही जतिन को दाखिल करवा दिया। 

अपवाद स्वरूप टीचर के बच्चों को पढ़ाई करने दी जाती थी। 

खैर जतिन सिर्फ लड़कियों के साथ बड़ा हुआ। उसके मन में सब लड़कियों के लिए अलग ही रिस्पेक्ट थी। मां हूं हर बात का खयाल रखा करती पर जाने कैसे भूल गई की वो दर्पण में खुद को वैसे ही निहारता है जैसे काव्या और मैं। 


कभी कभी नाखूनों पर पालिश भी लगता, कभी दीदी की स्कर्ट भी पहनता और डांस में उसका कोई सानी नहीं था। लड़कियां भी उसको छेड़ती पर ये कभी ध्यान में ही न आया की उसकी शारीरिक बदलाव कुछ अलग है। 

खैर बारहवीं में उसके बहुत अच्छे नंबर आए और न्यूयॉर्क की बेहतरीन यूनिवर्सिटी में उसको दाखिला मिल गया, काव्या भी अमेरिका जा चुकी थी। 


स्कूल के सब बच्चों में जतिन बहुत प्रिय था। एक दिन एक मेरी छात्रा ने मुझे इंस्टाग्राम पर एक वीडियो दिखाया। एक लड़का दाढ़ी मूंछ में साड़ी पहने कैटवॉक कर रहा था। मैंने हैरान हो कर छात्रा से पूछा की बेटा ये जतिन है ? 


उसने कहा हां मैडम ये जतिन सर ही हैं। एक बार को तो दिमाग घूम गया पर मां हूं ना, तुरंत जतिन को फोन लगाया, जतिन, बेटा इंस्टाग्राम पे क्या है ये सब ? जतिन का जवाब था मां, आप समझोगे तो मेरे लिए बहुत आसानी होगी, मेरा शरीर बेशक लड़के का है पर भावनाएं लड़कियों वाली हैं, मां मुझे बस  " मैं " बन कर जीना है। बस आप साथ दोगे तो मुझे कोई परवाह नहीं। 


एक बार को तो मैं घबरा गई की समाज क्या कहेगा, एक वीर का बेटा ऐसा निकला। रात भर सोचती रही फिर जतिन को फोन किया की बेटा तेरा जीवन है और मुझे तेरी खुशी से बढ़ कर कुछ नहीं है। तू जी अपनी जिंदगी, तेरी मां तेरे साथ है। 


अपनों के साथ होने से जतिन का हौसला बढ़ा और वो आज के वक्त में अपनी डांस एक्डेमी चला रहा है। पराए देश में भी अपनी पहचान बना चुका है। 

मुझे अपने बेटे पर गर्व है। 


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