देश की आबो-हवा
देश की आबो-हवा
सबकी ज़िन्दगी अब यूँही चलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
सियासत अब हर चीज़ में घुलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
ग़रीबी जेब से झाँकने को मचलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
वर्दी में भी रवादारी यूँही ढ़लने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
देख मुल्क़, क़यामत आँख मलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
हर चीज़ है बिकाऊ, बात ये सलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
नफ़रत हर बात पे, दिलों में पलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
जमी थी खूँरेंज़ी, बर्फ़ वहाँ पिघलने लगी है,
मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।