ख़राब गाड़ी
ख़राब गाड़ी


एक बार एक अमीर व्यक्ति को एक अनचाही स्थिति में, किसी कारणवश ऑटो में सफ़र करना पड़ा! अस्पताल के बाहर ऑटो रोककर वो जब अंदर की तरफ़ भागा तो जल्दबाज़ी में अपना एक बैग ऑटो में छोड़ गया! थोड़ी दूर जाने के बाद जब ऑटोवाले की नज़र बैग पे पड़ी तो उसे तुरंत समझ में आ गया कि ये बैग उसी साहब का है जो कुछ समय पहले ही इस ऑटो में सफ़र कर के उतरे हैं! उसने तुरंत ऑटो अस्पताल की तरफ मोड़ा और देखा कि बाहर वो व्यक्ति बेतहाशा उस बैग को ढूँढ रहा है!
उसने उन साहिब को आवाज़ देकर बुलाया और जब बैग की निशनियाँ पूछकर उनसे ये पुख़्ता कर लिया कि बैग उनका ही है तो उसने उन्हें वो बैग लौटा दिया! उस आदमी ने ऑटोवाले का नंबर लिया और उसे फ़ोन करने का कह अंदर चला गया!
अगले दिन दोपहर के आसपास उसी ऑटोवाले के पास एक फ़ोन आया और उसे कहा गया कि फलाँ इलाके में फलाँ बंगले में आ जाए उससे साहब मिलना चाहते हैं! ऑटोवाला जब वहाँ पहुँचा तो देखता है कि सामने वही स
ाहब बैठे हुए हैं जिनका उसने बैग लौटाया था! साहब ने उसे अपने यहाँ ड्राईवरी की नौकरी का प्रस्ताव रखा जिसे उसने सहर्ष स्वीकार कर लिया! उन साहिबान ने उसे कहा कि "गाड़ी निकाले उन्हें कहीं जाना है!" साहब तैयार होकर लौटे तो देखा कि गाडी अब तक नहीं लगी थी! भुनभुनाते हुए जब वो गैराज की तरफ़ गए और जो कुछ उन्होनें देखा, उन्होनें अपना माथा पीट लिया!
ऑटो की आदत के मारे, वो नव-नियुक्त ड्राईवर, हैण्ड-ब्रेक को लीवर समझकर खीँचता और चाबी घुमा देता, मगर इस कदम गाड़ी कहाँ शुरू होनी थी? अंततः वो गाड़ी से उतरा और ये कहकर कि गाड़ी ख़राब है, इस्तीफ़ा देकर वापिस चला गया!
हमारे यहाँ भी ऑटो के चालकों को चुनाव जीतवा पॉश कार चलाने को दे दी जाती है और नतीजा ये निकलता है कि वो हैण्ड-ब्रेक खीँचते रहते हैं, गाडी चालू नहीं होती है और अंततः वो "गाड़ी ही ख़राब है" कहकर उसे जैसे का तैसा छोड़ देते हैं! गाड़ी अभी भी खड़ी हुई सही चालक के इंतज़ार में!