चबूतरे का सच ! चबूतरे का सच !
अपनों के बीच...। अपनों के बीच...।
एक लघुकथा। एक लघुकथा।
"जगह देख कर ठहाका लगाया करो, वर्णित ! तुम्हारे चक्कर में मेरी भी हँसी छूट जाती है। आज उस इंटरव्यू मे... "जगह देख कर ठहाका लगाया करो, वर्णित ! तुम्हारे चक्कर में मेरी भी हँसी छूट जाती ह...
एक बार एक अमीर व्यक्ति को एक अनचाही स्थिति में, किसी कारणवश ऑटो में सफ़र करना पड़ा! एक बार एक अमीर व्यक्ति को एक अनचाही स्थिति में, किसी कारणवश ऑटो में सफ़र करना पड़ा...
दीनानाथ जी आपकी बहू का भूत उतार दिया है! दीनानाथ जी आपकी बहू का भूत उतार दिया है!