एक तमाशा...। एक तमाशा...।
अब पूरा भागलपुर दंगे की गिरफ्त में था।सैकड़ों परिवार उजड़ चुके थे। अब पूरा भागलपुर दंगे की गिरफ्त में था।सैकड़ों परिवार उजड़ चुके थे।
कहीं से हवा का तेज़ झोंका आया और वर्दी को उड़ाकर ले गया! कहीं से हवा का तेज़ झोंका आया और वर्दी को उड़ाकर ले गया!
जमी थी खूँरेंज़ी, बर्फ़ वहाँ पिघलने लगी है, मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है। जमी थी खूँरेंज़ी, बर्फ़ वहाँ पिघलने लगी है, मेरे देश की आबो-हवा बदलने लगी है।
वो शून्य सीटें जीती थी और अंततः अपने पैसे बचाने में कामयाब हुई ! वो शून्य सीटें जीती थी और अंततः अपने पैसे बचाने में कामयाब हुई !
रंग बदलती दुनिया का रंगीन चेहरा पेश करती यह कहानी...! रंग बदलती दुनिया का रंगीन चेहरा पेश करती यह कहानी...!