Vijaykant Verma

Abstract

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Vijaykant Verma

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डियर डायरी 8/4/2020

डियर डायरी 8/4/2020

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अक्सर सुबह मुर्गे की बांग देने से मेरी नींद खुलती है, किंतु आज पड़ोसी का मुर्गा सिर्फ चार पांच बार कुंकडू कूं बोला और चुप हो गया। मैं डर गया। कहीं मुर्गे को भी तो कोरोना नहीं हो गया..? बाद में मुझे पता लगा, कि मुर्गे के मालिक ने उसे भी क्वारंटाइन कर दिया था, और लॉकडाउन न तोड़ने और चुप रहने की हिदायत दी थी। लेकिन सुबह-सुबह लॉकडाउन तोड़ने और ध्वनि प्रदूषण के आरोप में उसने उसे मौत की सजा दे दी। यह तो बहुत गलत हुआ। मैंने सोचा, इंसान इतना ध्वनि प्रदूषण करता है, लॉकडाउन भी तोड़ता है, फिर भी बच जाता है। और बेचारा मुर्गा जो सुबह-सुबह लोगों को उठाने का काम करता है, उसे लॉकडाउन तोड़ने और ध्वनि प्रदूषण के आरोप में मृत्युदंड की सजा सुनाना, यह कहां का न्याय है..? मगर समस्या यह थी, कि उसको न्याय दिलाऊं भी तो कैसे..? वो बेचारा तो इस समय किसी कि डाइनिंग टेबल की शोभा बढ़ा रहा होगा शायद..! इस घटना ने मुझे आलस न करने की भी एक शिक्षा दी। क्योंकि जब मुर्गे ने अचानक बांग देना बंद कर दिया, अगर उसी समय मैं आलस छोड़ कर वहां पहुंच जाता, तो उसकी जान बच सकती थी। क्योंकि तब मैं मैं मुर्गे के मालिक को उसके बांग देने की अहमियत बताता, कि पढ़ने लिखने वाले बच्चों को सुबह 4:00 बजे जगाने का कितना महत्वपूर्ण काम करते हैं ये मुर्गे..! और ये मुर्गे प्रदूषण नहीं फैलाते, बल्कि प्रदूषण न फैलाने की शिक्षा देते हैं..! और लॉकडाउन तो ये तोड़ ही नहीं सकते, क्योंकि अपने सीमित दायरे से आगे ये कभी नहीं जाते..! आज हमारा पूरा देश कोरोना से परेशान है। लेकिन इसमें भी गलती हमारी ही है। हम अपने कर्मों की ही सजा भुगत रहे हैं। आज भारत में उद्योग धंधे लगभग सब बंद है। अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है। हम सभी लॉकडाउन में चल रहे हैं । सरकार लाखों करोड़ रुपए जनता पर खर्च कर रही है। जबकि इसका कारण बहुत छोटा सा है। और वह कारण है सिर्फ हमारी लापरवाही। अगर हम लापरवाह न हों, अपने कर्तव्य के प्रति सजग हों तो किसी एक की भी कोरोना से मृत्यु नहीं हो सकती। और लॉकडाउन की भी जरूरत न पड़ती। लेकिन हमारी लापरवाही की सज़ा आज पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। अगर कोरोना वायरस से संक्रमित लोग खुद को क्वारंटाइन में रखते, तो खुद भी ठीक हो जाते और देश में भी कोरोना से कोई न मरता..! तो दोस्तों, अब से भी सुधर जाओ, क्वारंटाइन में रहो, कोरोना से बचने के जो नियम बताए गए हैं, उनका सही से पालन करो। खुद भी स्वस्थ रहो, खुश रहो और देश को भी खुशहाल बनाओ..!


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