Anju Kanwar

Horror Action

3.5  

Anju Kanwar

Horror Action

भूतिया जंगल

भूतिया जंगल

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रवि और नितेश दोनों दोस्त है, जहां जाते है साथ रहते है हॉस्टल के कमरे में दोनों साथी है, जब भी कॉलेज में शनिवार आता है, ये उसी रात घूमने चल पड़ते है, सुबह रविवार को हॉस्टल पहुँचते है, वार्डन को रिश्वत दे कर निकल जाते है। 


आज शनिवार है शाम के 7 बज गए रवि और नितेश दोनों हॉस्टल से निकलने के फिराक में है, 8 बज गए हॉस्टल की लाइट बंद हो गई दोनों दबे पांव निकले कमरे का दरवाजा धीरे से बंद किया, चारों तरफ देखने लगे कोई देख तो नहीं रहा। पीछे के दरवाजे से निकले जो की वार्डन से पहले ही खोल दिया था, दरवाजा खोलते ही भाग निकले, और रोड पर जाकर रुके और हाँफने लगे, दोस्त से मांगी कार पार्किंग में खड़ी थी, दोनों गाड़ी के पास आए, और रवि ने अपनी जेब टटोला और चाबी निकली और लॉक खोलकर दोनों गाड़ी में बैठ गए,

कहानी का हिस्सा अब बातचीत में......

"आज कहा चले भाई घूमने बोर हो गए हर बार वहीं डिस्को, बार में जाकर, रवि ने कहा"

"हाँ सही है, पर तू बता कहाँ चलें, इस बार भूतिया जंगल चले क्या नितेश ने कहा "भू ..भू ..भूतिया जंगल नहीं नहीं यार र र , वहाँ क्या है घूमने के लिए, कुछ खाने पीने का होटल नहीं है" रवि ने कहा "एक काम करते है 8 बजे है कोई होटल, या बार खुला होगा दोनों खाना और बीयर लेते है, और आज जंगल में पार्टी करते है, कोई आता नहीं है अपनी मौज है नितेश ने कहा"

नितेश ने अपनी गाड़ी घुमाई और जंगल के रास्ते चल पड़े, रास्ते में एक छोटे से होटल में खाना और बीयर की बोतलें ले ली। और जंगल पहुंचने वाले थे, रवि ने कहा "भाई कोई दिक्कत तो नहीं आएगी ना यहां, ये सुनसान रास्ता है, नितेश बोला " तेरा भी है ना साथ क्यों टेंशन लेता है,

गाड़ी जंगल पहुंच गई, दोनों गाड़ी में उठते और गाड़ी में खाने का सामान उतारा, और गाड़ी लॉक कर दी, रवि ने कहा " भाई अंधेरा है यहां तो कुछ दिख नहीं रहा, नितेश ने अपने हाथ में रखी टॉर्च जलाई, मैंने सब बंदोबस्त किया है सब ले के आया हूं।"

दोनों चलते गए जंगल में चप चप चप प प आवाज़ आई, रवि ने नितेश से कहा "भाई धीरे चल ले कितनी आवाज़ करते है तेरे जूते, मैं तो धीरे चल रहा हूं तेरे जूते चप चप कर रहे है, रवि ने अपने जूतों की तरफ देखा फिर कहां नहीं तो, अब दोनों ही धीरे धीरे दबे पांव चलने लगे। चप चप चप प प... फिर आवाज़ आई, दोनों ने एक दूसरे को देखा, अरे कोई बिल्ली होगी तू क्यों डर रहा है नितेश ने रवि से कहा"

थोड़ी दूर जाने के बाद नितेश ने कहा ये जगह सही है, थोड़ी सी जगह साफ की और सामान रख दिया दोनों बैठ गए, अचानक से डरावनी आवाज़ आई सुनसान जंगल साय साय साय य य करने लगा, दोनों दोस्त मस्ती से बातचीत करते खा रहे थे, टॉर्च की रोशनी अचानक से बंद होने लगी फिर चालू हो गई, धीरे धीरे झप झप प करने लगी, रवि ने थोड़ा हाथ से दबाया और टॉर्च फिर चालू हो गई।। रवि ने कहा " नितेश यार र र चल यहां अजीब अजीब हरकतें हो रही है मुझे डर लग रहा है, बिना हवा जंगल के पेड़ के पत्ते अपने आप हिलने लगे, सुनसान जंगल में डरावनी आवाजें आ रही थी, जैसे कोई जंगली गीदड़ हो, आसमान में अब लगातार चमगादड़ उड़ने लगे, उनकी आवाज इतनी भयंकर आने लगी थी कि दोनों ने अपने कान बंद कर लिए। रवि ने कहा " ये जंगल भूतिया है, काफी लोगों से सुना है हमें आना ही नहीं चाहिए था,"हाँ सही कह रहा है अब तो मुझे भी डर लग रहा है, चल निकलते है यहां से नितेश ने कहा "नितेश और रवि दोनों जल्दी जल्दी अपना समान बांधने लगे, और उठाकर चल पड़े, 

एक दम से हवा का झोंका आया और नितेश के हाथ को झटका लगा और टॉर्च नीचे गिर गई, जैसे नितेश टॉर्च उठाने लगा, उसे रवि नहीं दिखा, रवि को आवाज़ लगाई, रवि रवि रवि उसने जैसे ही गर्दन घुमाई, एक डरावना चेहरा सामने आया, आआह्हह आहउसकी चीख निकली, उसने जैसे ही टॉर्च जलाई कोई नहीं दिखा, अब नितेश जल्दी जल्दी रवि को ढूंढ ने लगा, आगे चला तो रवि दिखा, तू क्या कर रहा है मैं कब से ढूंढ रहा था, रवि ने कहा" यहां से जल्दी चलो मैं तुम्हारे साथ था, साथ चल रहा था आगे जाकर तुम गायब हो गए दिखे नहीं, और मुझे तुम्हारे उल्टे पैर दिख रहे थे यह सच्ची कोई भूत हैं जल्दी चलो।दोनों अब जल्दी जल्दी भागने लगे..चमगादड़ और आवाजें अब भी उनका पीछा नहीं छोड़ रही थी, वो अपनी गाड़ी के पास पहुंचे, जैसे ही नितेश ने चाबी के लिए जेब में हाथ डाला, चाबी नहीं मिली, अरेरे र चाबी कहीं गिर गई अब क्या करे ढूंढे क्या? रवि ने कहा अब वापिस नहीं जाए वहाँ किसी तरह गाड़ी को खोलो, वरना सुबह ले लेंगे गाड़ी पहले जान बचा ले अपनी।

नितेश ने कोशिश की गाड़ी खोलने की पर वह लॉक थी चल पैदल चलते है पहुंच जायेंगे, सारा सामान वहीं छोड़ दिया और केवल टॉर्च लेकर दोनों चल पड़े, थोड़ी दूर जाने के बाद एक रिक्शा आता हूं दिखाई दिया, दोनों हड़बड़ा उठे, उसे रुकवाने की कोशिश करने लगे, रिक्शा रुका दोनों ने देरी ना लगाते हुए बैठ गए, रिक्शा चला, रिक्शे वाले ने पीछे मुड़कर देखा वहीं डरावना चेहरा था, रवि और नितेश ने जैसे ही देखा दोनों चीखे आह ह ह ह ह ह ह। बचाओ ओ ओ,

अचानक से साहिल चीखने लगी, उसकी मम्मी पास जाती है "साहिल तुम्हें कितनी बार बोला है रात को डरावनी कॉमिस्क मत पढ़ा करो, पूरी रात तुम्हें सपनों में यही दिखाई देता है, भूत और उनके किस्से चलो सो जाओ अब स्कूल जाना है सुबह कमरे की लाइट बंद हो गई थी, और साहिल सो गया, और फिर से खो गया अब एक नई हॉरर कॉमिस्क के पन्नों में।।



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