बहरूपिया भुत
बहरूपिया भुत
ये एक सच्ची घटना है मेरे घर के सामने अक्सर भांग के पौधे उग जाते थे जो बहुत ऊंचे ऊंचे जाते थे वहीं मेरे बड़े पापा का एक लड़का एक पुराने घर में जाता था जो खाली पड़ा था।
एक दिन वहां गए तो वहां उन्हें एक आदमी दिखा जिसे उसने नजरंदाज किया तो अगले ही पल वो उसके पापा का रूप धारण कर लिया वो उनसे कुछ बात करके वापस मुड़े ही थे कि उन्हें कुछ याद आया और वो पीछे मुडे तो देखा उसके सामने उसका भाई खड़ा था ये देखकर वो समझ गए ये कोई बहरूपिया है जो रूप बदल कर उसके सामने आ रहा है।
उस समय दोपहर का समय था और मेरे दादा जी ने बताया था कि बहरूपिया ऐसे दोपहर में ही दिखता है जहां आसपास कोई ना हो।
जैसे ही उन्हें अहसास हुआ कि उनके सामने एक बहरूपिया खड़ा है वो तेजी से वहां से भाग और याद करने लगें कि कैसे वो उसके पिता का रूप लेकर उसे अपने पास बुला रहा था अगर वो उसके पास चला जाता तो पता नहीं क्या होता।