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Dinesh Divakar

Horror Thriller

4  

Dinesh Divakar

Horror Thriller

डर की एक रात

डर की एक रात

19 mins
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एक छोटे से शहर का नाम था Black Hollow, जो घने जंगलों और पहाड़ों के बीच बसा हुआ था। यहाँ के लोग हमेशा शांत रहते थे, लेकिन कुछ महीने पहले एक अजीब घटना घटी थी। लोग कहते थे कि Black Hollow में कुछ तो है जो सामान्य नहीं है।

अलेक्ज़ेंडर (Alex) और उसकी बहन सारा, जो हाल ही में लंदन से अपने परिवार के पास छुट्टियाँ बिताने आई थी, एक दिन जंगल में घूमने निकल जाते हैं। यह जंगल उनके गांव के पास था, लेकिन लोगों का कहना था कि जंगल के अंदर कभी कोई भी बिना नुकसान के नहीं लौटता।

सारा का कहना था, “Alex, तुमने सुना है ना उन आवाजों के बारे में?”

अलेक्ज़ेंडर हंसी में जवाब देता है, “तुम्हें डर है क्या? ये बस कहानी हैं, कुछ नहीं।”

लेकिन फिर सारा एक अजीब सी चुप्प्प हो जाती है। उसके चेहरे पर डर साफ नजर आता है।

दूसरे ही पल, दोनों भाई-बहन Black Hollow के जंगल के बीच में एक पुराने, जर्जर से घर के पास पहुंचते हैं। घर की दीवारें लटकी हुई थीं, और खिड़कियाँ अजीब तरीके से टूटी हुई थीं। जैसे कोई कुछ समय पहले भागा हो।

सारा ने कहा, "हम यहाँ क्यों आए हैं? हमें वापस लौटना चाहिए।"

लेकिन अलेक्ज़ेंडर ने ठान लिया था। "बस थोड़ी देर और, फिर चलते हैं।"

जैसे ही वे घर के अंदर कदम रखते हैं, घर में एक अजीब सी हवा महसूस होती है। कमरे के अंदर पुरानी लकड़ी की कुर्सियाँ पड़ी हुई थीं, और हर जगह धूल जमी थी। एक पुराना पियानो रखा हुआ था, और उसकी आवाज़ जैसे खुद ही गूंज रही थी।

सारा की नज़रें अजीब सी दीवारों पर पड़ीं, जहाँ पुराने चित्रों की कटी-फटी तस्वीरें थीं, और उनमें हर चित्र में किसी महिला का चेहरा था।

अचानक, कमरे में एक ठंडी हवा का झोंका आता है, और दरवाजे की आवाज़ से एक बडी गड़गड़ाहट सुनाई देती है। सारा घबराती है, लेकिन अलेक्ज़ेंडर का ध्यान पियानो की ओर जाता है। वह पियानो की कुंजी दबाता है, और "टंन-टंन-टंन" की आवाजें गूंजती हैं।

सारा चिल्लाती है, “अलेक्ज़ेंडर! रुको! यह ठीक नहीं है!”

लेकिन तभी… उस पियानो की ध्वनि अचानक तेज हो जाती है, जैसे किसी ने उसे जोर से बजाया हो। कमरे की लाइट एक पल के लिए चली जाती है, और फिर वापस आती है। लेकिन अब कमरे में कुछ और था — उस महिला की छाया।

सारा की आँखों में भय और घबराहट साफ़ नजर आ रही थी। उसने अलेक्ज़ेंडर से कहा, "हमारे पास समय नहीं है, हमें यहाँ से निकलना होगा।"

लेकिन अलेक्ज़ेंडर की जिज्ञासा बढ़ चुकी थी। उसने सोचा कि यह सब बस दिमागी ख्याल है। मगर जैसे ही उसने दूसरी बार पियानो की कुंजी दबाई, कमरे का तापमान ठंडा हो गया। और पियानो की आवाज़ एक मनमोहक गूंज में बदल गई।

पियानो की आवाज़ अब किसी इंसान के हंसने की आवाज़ जैसी लगने लगी। सारा कांपते हुए चिल्लाई, “यह कुछ गलत है, अलेक्ज़ेंडर! हमें यहाँ से जाना होगा!”

लेकिन अलेक्ज़ेंडर की आँखें अब उसकी तरह नहीं थीं। उनका ध्यान पियानो से हट नहीं रहा था। उन्होंने एक गहरी सांस ली और पियानो के पास जाकर उसे जोर से बजाया। जैसे ही उसने एक और स्ट्रोक मारा, घर की दीवारें दरकने लगीं, और हवा में अजीब सी घुंघराले आवाज़ें सुनाई दीं।

यह था वह पल जब अलेक्ज़ेंडर ने महसूस किया कि कुछ असामान्य हो रहा था। फिर…

आँखें। उन दीवारों के अंदर सैकड़ों आँखें खुलने लगीं, जैसे दीवारें खुद जीवित हो गईं।

अलेक्ज़ेंडर और सारा घबराए हुए घर से बाहर भागने की कोशिश करते हैं, लेकिन फिर उनके सामने बर्फ से ढकी हुई लाशों की कतार दिखाई देती है। ये लाशें वहां मरे हुए लोगों की थीं, जिनका चेहरा खौ़फनाक तरीके से मुस्कुरा रहा था। उनकी आँखें काली और मृत थीं।

सारा चीखती है, “यह क्या है?!”

और फिर, अचानक एक कड़ी आवाज़ आती है। एक गहरी गुंज भरती है…

“सभी बर्फ़ में दफ्न हो गए हैं, लेकिन अब मैं तुम्हें ले जाऊँगी...”

वह महिला, जिसकी छाया पहले घर में दिखी थी, अब सामने खड़ी थी। उसका चेहरा छिपा हुआ था, लेकिन उसकी आँखों की चमक साफ़ दिख रही थी।

"तुम दोनों मेरे घर में क्यों आए? अब तुम्हें कभी भी बाहर नहीं जाने दिया जाएगा।"

सारा काँपते हुए बोली, “क्या तुम वह हो जो इन सब लाशों को अपने साथ ले आई?”

महिला की मुस्कान में एक रहस्यमय भय था, और उसने कहा, “तुम दोनों को यहीँ मरना होगा, ताकि मैं जिन्दा रह सकूं…”

सारा और अलेक्ज़ेंडर भागते हैं, लेकिन जैसे ही वे दरवाजे की ओर बढ़ते हैं, लाशों की हाथों से खींचे जाते हैं। यह महिला उन्हें पकड़ चुकी थी, और अब उसका चेहरा उभर कर सामने आ चुका था।

सारा और अलेक्ज़ेंडर ने सही समय पर दरवाजे को खोलकर बाहर कूदने की कोशिश की, लेकिन तभी घर का फर्श चटक कर टूटता है, और वे दोनों अंदर गिर जाते हैं।

वह महिला अब लाशों के साथ फिर से गायब हो जाती है, और घर फिर से सुनसान हो जाता है।

सारा और अलेक्ज़ेंडर के लिए यह हादसा एक डरावने सपना जैसा था। उनका शरीर कांप रहा था, और सांसों की तेज़ आवाज़ मानो पूरे जंगल में गूंज रही थी। वे जैसे ही दरवाजे से बाहर कूदे, सारा की आँखों में एक गहरी घबराहट थी, जबकि अलेक्ज़ेंडर का चेहरा बिल्कुल बुझा हुआ था। वे पूरी रात जंगल के अंदर भटकते रहे, लेकिन किसी भी दिशा में निकलने का कोई रास्ता नहीं मिला। उन्हें यह महसूस हो रहा था कि यह जंगल किसी रहस्यमयी दुनिया में बदल चुका था, जहाँ से बाहर निकलना अब नामुमकिन था।

अचानक, सारा ने देखा, जैसे एक धुंध उनके सामने छाने लगी हो। यह धुंध गहरी और काली थी, जैसे कोई स्याही ने पूरी हवा को रंग दिया हो। वह डर के साथ बोल पड़ी, “क्या यह सब सच है? क्या हम वाकई बच पाएंगे?”

अलेक्ज़ेंडर ने उसे शांति देने की कोशिश की, लेकिन खुद भी अब बिल्कुल घबराया हुआ था। वह बोला, “हमने अभी हार नहीं मानी है। हमें बस एक रास्ता ढूँढ़ना होगा, किसी भी हाल में हमें बाहर निकलना होगा।”

तभी, अचानक चारों ओर एक सिहरन सी फैल जाती है, और महिला की आवाज फिर से सुनाई देती है। यह आवाज अंधेरे के बीच कहीं दूर से आ रही थी, और सारा की हड्डियाँ तक कांप उठीं। वह बोली, “तुम दोनों मेरा पीछा नहीं कर सकते, तुम मेरे घर से बाहर नहीं जा सकते। तुम्हें मुझे और मेरे दरवाजों को छोड़ देना होगा…”

सारा और अलेक्ज़ेंडर को समझ आ गया कि इस घर से भागने का तरीका महिला के रहस्यमय रहस्य को हल करने में ही है। उन्हें चाहिए था कि वह उसकी आत्मा को शांति दिलाएं, तभी वे इस अंधेरे जाल से बाहर निकल पाएंगे।

जैसे ही दोनों जंगल में और आगे बढ़ते हैं, वे महसूस करते हैं कि यह जंगल कहीं न कहीं चक्रव्यूह जैसा बन गया है। हर पेड़, हर पत्थर, और हर रास्ता अब उसी पुराने भूतिया घर की ओर वापस ले जाता था। यह सब जैसे कोई भूतिया ताकत थी, जो उन्हें उसी जगह फंसा रही थी।

अलेक्ज़ेंडर को अब यह महसूस हो रहा था कि यह घटना सिर्फ एक रात का भूतिया खेल नहीं थी, बल्कि यह कुछ बहुत गहरे और खतरनाक रहस्य का हिस्सा था। वह बोला, “सारा, हमें पीछे मुड़कर घर की ओर जाना होगा। सिर्फ वहां जाकर हम उस महिला की आत्मा को शांति दे सकते हैं।"

सारा डरते हुए बोली, “लेकिन वह हमें वहाँ नहीं छोड़ेगी, हमें वहाँ वापस जाने की क्या ज़रूरत है?”

अलेक्ज़ेंडर ने कहा, “यह एकमात्र रास्ता है। हमें अपनी जान की कीमत पर सही रास्ता ढूँढ़ना होगा।”

अलेक्ज़ेंडर और सारा ने वापस उस पुराने घर की ओर रुख किया। वे अब तक समझ चुके थे कि यह भूतिया घर नहीं बल्कि संपूर्ण गांव एक पुराने भूतिया किले के साथ जुड़ा हुआ था। यह किला ना सिर्फ भूतिया था, बल्कि आध्यात्मिक शक्तियों से भी भरा हुआ था। जब वे फिर से घर के अंदर कदम रखते हैं, तो वही ठंडी हवा, वही अजीब आवाज़ें, और वही दीवारों में छिपी हुई आँखें उनका स्वागत करती हैं।

अलेक्ज़ेंडर और सारा ने अब डर को छोड़ने का निर्णय लिया। वे दोनों एक साथ उस कमरे में पहुंचे जहाँ पियानो रखा था। अलेक्ज़ेंडर ने धीरे से कुंजी दबाई और संगीत फिर से गूंजने लगा, लेकिन अब संगीत में कोई दर्दनाक चीख थी।

सारा ने घबराते हुए पूछा, “क्या यह वही पियानो है?”

अलेक्ज़ेंडर ने सिर झुकाया और कहा, “यह वही है… लेकिन अब यह सब सिर्फ एक मुलायम आवाज नहीं है, बल्कि इस घर का सच बाहर आ रहा है।”

पियानो की आवाज़ तेज़ होती गई और अचानक कमरे की दीवारों में दरारें दिखने लगीं। अलेक्ज़ेंडर ने कुछ और कुंजी दबाईं, और जैसे ही उसने एक आखिरी कुंजी दबाई, कमरे के सभी चित्र गिर गए, और दीवारों की अंदर से एक और दरवाजा खुल गया।

यह दरवाजा एक गहरे अंधकार से भरी सुरंग की ओर ले जाता था, जो कहीं नीचे अंधेरे में खोई हुई थी।

सारा ने डरते हुए कहा, “क्या यह सच है? क्या हमें वहाँ जाना चाहिए?”

अलेक्ज़ेंडर ने नज़रें नीचे की ओर डालीं और कहा, “हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है। यही एकमात्र रास्ता है जिससे हम उस महिला की आत्मा को शांति दे सकते हैं।”

दोनों उस रहस्यमय सुरंग में उतरे। सुरंग में सन्नाटा था, और अंधेरे में अजीब सी गंध फैली हुई थी। जैसे ही वे नीचे पहुँचे, उनके सामने एक पुरानी दरवाजे की ध्वनि सुनाई दी। दरवाजा धीरे से खुला, और सामने एक अत्यधिक विशाल कक्ष दिखाई दिया, जिसमें एक बहुत पुराना पियानो रखा हुआ था, जैसे उस महिला की आत्मा ने उसे वहीं छोड़ा था।

जैसे ही अलेक्ज़ेंडर और सारा कक्ष में प्रवेश करते हैं, अचानक हवा में भूतिया आवाजें सुनाई देती हैं। एक आत्मा सामने आती है, और वह महिला की छाया बनकर उनके सामने खड़ी हो जाती है। महिला का चेहरा अब पूरी तरह से साफ़ था, और उसकी आँखें गहरी काली हो चुकी थीं। उसने कहा, “तुम दोनों कभी नहीं निकल सकते। तुम मेरे घर में हो, और तुम अब मेरी ताकत का हिस्सा बन चुके हो।”

लेकिन तभी सारा ने वह पुराना पियानो बजाना शुरू किया। उसने मन ही मन प्रार्थना की और पूरी ताकत से संगीत की धुन बजाई, जिससे धीरे-धीरे महिला की आत्मा की ताकत कम होने लगी। यह आवाज़ पूरी सुरंग में गूंजने लगी और महिला की छाया धुंध में बदलने लगी।

सारा और अलेक्ज़ेंडर ने पियानो बजाते हुए महसूस किया कि जैसे ही संगीत की धुन तेज़ होती गई, महिला की छाया पूरी तरह से काले धुंध में विलीन होने लगी। लेकिन वह छाया अपनी आवाज़ में एक दर्दनाक चीख छोड़ गई, जो दोनों के कानों में गूंज रही थी। जैसे ही वह गायब हुई, कमरे में गहरी सुनामी जैसी शांति आ गई।

सारा और अलेक्ज़ेंडर दोनों लगभग कांप रहे थे, लेकिन वह जानते थे कि इस समय उन्होंने जो किया था, वह सही था। लेकिन अभी भी एक डर था, जैसे कुछ बाकी था। क्या महिला की आत्मा सच में चली गई थी, या वह फिर से वापस आ सकती थी?

अलेक्ज़ेंडर ने धीरे से सारा से कहा, “सारा, हमे जल्दी से बाहर निकलना होगा। यह घर अब कुछ और ही है, और हमें यहाँ से जल्दी निकलने की ज़रूरत है।”

सारा ने सिर हिलाया और दोनों ने उसी रास्ते से बाहर निकलने का प्रयास किया, जिस रास्ते से वे पहले आए थे।

जैसे ही वे बाहर की ओर बढ़ते हैं, सारा की नज़र अचानक एक दीवार पर पड़े पुराने चित्र पर पड़ती है। चित्र में एक महिला दिखाई दे रही थी, जो उसी भूतिया घर के अंदर खड़ी थी, लेकिन उसके चेहरे पर एक अजीब सी मुस्कान थी, जैसे वह कुछ छुपा रही हो।

सारा को यकीन नहीं हो रहा था कि क्या यह वही महिला थी, जिसका वह पीछा कर रहे थे। लेकिन एक और बात थी, जो उसे परेशान कर रही थी। उसने देखा कि चित्र में खड़ी महिला के आंखों में एक लाल चमक थी, जो उसे डराने के लिए काफी थी। वह बोली, “क्या यह सच में महिला थी, या कुछ और?”

अलेक्ज़ेंडर ने उसे नज़रअंदाज़ किया और कहा, “सारा, हमें अब बाहर निकलने पर ध्यान देना होगा, जो इस घर में है, वह अब हमारे पीछे नहीं आ सकता। लेकिन हमें इस घर के बारे में जानने की जरूरत है, ताकि हम आगे बढ़ सकें।”

जैसे ही अलेक्ज़ेंडर और सारा घर से बाहर निकलते हैं, अचानक घर के दरवाजे की सीटी की आवाज़ सुनाई देती है। यह आवाज़ एक भूतिया चेतावनी की तरह थी। यह आवाज़ ऐसी थी, जैसे कोई भारी चीख किसी दूर से आ रही हो, लेकिन अब आवाज़ की सुनाई देना उन्हें पहले से ज्यादा डरावना लगता था।

अलेक्ज़ेंडर और सारा दोनों पलटकर फिर से घर की तरफ देखे। लेकिन इस बार वह घर पहले जैसा नहीं था। दीवारों पर अब खून के धब्बे थे और फर्श पर अजीब निशान दिखाई दे रहे थे। घर अब जिंदा हो गया था, और उसने दोनों को चुनौती दे दी थी।

सारा ने घबराकर कहा, “यह क्या हो रहा है? क्या यह घर फिर से हमें पकड़ने की कोशिश कर रहा है?”

अलेक्ज़ेंडर ने गहरी सांस ली और कहा, “हमें यहां से सचमुच भागना होगा, यह घर अब और भी खतरनाक हो चुका है। हम ज्यादा देर और नहीं रुक सकते।”

सारा और अलेक्ज़ेंडर ने पूरे घर का एक आखिरी चक्कर लगाया और फिर सीधी राह की ओर बढ़ने लगे। लेकिन जैसे ही वे घर के दरवाजे से बाहर निकलने के करीब पहुंचे, अचानक एक घनी धुंध चारों ओर फैलने लगी।

अलेक्ज़ेंडर ने घबराते हुए कहा, “यह तो फिर से वही धुंध है, जिसे हमने पहले महसूस किया था। जैसे यह हमें कहीं न कहीं पकड़ने की कोशिश कर रहा हो।”

सारा के चेहरे पर चिंता बढ़ी, लेकिन उसने हिम्मत से कहा, “हमारे पास एक ही रास्ता है। हम इस धुंध को पार कर सकते हैं अगर हम एक-दूसरे का साथ दें।”

धुंध में उनका हर कदम अब जैसे एक कठिन चुनौती बन चुका था। वो जैसे ही एक कदम और बढ़ाते, धुंध और घनी होती जाती। यह मानो वे सुरंग में फंसे हुए थे, और हर दिशा में वही काला अंधकार बढ़ रहा था।

अलेक्ज़ेंडर ने सोचा कि अगर उन्होंने अभी हार मानी तो वे हमेशा के लिए इस रहस्यमयी जगह में खो जाएंगे। लेकिन फिर, अचानक उन्हें एक स्ट्रांग झटका महसूस हुआ, और धुंध में से एक अजीब कटा हुआ चेहरा सामने आया।

यह चेहरा वही महिला का था, जो अब भी भूतिया रूप में सामने खड़ी थी, उसकी आँखें काली थीं और चीखें सुनाई दे रही थीं।

सारा और अलेक्ज़ेंडर की घबराहट अब चरम पर पहुँच चुकी थी। महिला की आत्मा अब उन्हें अपने जाल में फंसा चुकी थी। लेकिन अलेक्ज़ेंडर ने एक आखिरी प्रयास करते हुए उसे ध्यान से देखा और कहा, “तुम हमें कभी भी सच्ची शांति नहीं दे पाओगी, क्योंकि तुम्हारी आत्मा अब हमें छोड़ चुकी है!”

महिला ने एक खौ़फ़नाक हंसी के साथ कहा, “तुम दोनों कभी नहीं निकल सकते, क्योंकि मैं इस घर के हर कोने में बसी हुई हूँ। मैं तुम्हारी आत्माओं को हमेशा के लिए निगल लूंगी।”

लेकिन तभी सारा ने अपनी आखिरी ताकत से वह पियानो फिर से बजाया, और संगीत की धुन जैसे ही तेज़ हुई, महिला की आत्मा फिर से गायब हो गई। साथ ही धुंध भी धीरे-धीरे साकार होने लगी और सब कुछ शांति से घिर गया।

सारा और अलेक्ज़ेंडर ने एक-दूसरे को देखा और फिर से घर के बाहर निकले, लेकिन अब वे जानते थे कि यह उनके जीवन की सबसे खौ़फ़नाक रात थी।

सारा और अलेक्ज़ेंडर अब घर से बाहर थे, लेकिन एक अजीब सी गहरी खामोशी चारों ओर फैल गई थी। जैसे ही उन्होंने घर की ओर देखा, उन्हें ऐसा महसूस हुआ जैसे घर के दरवाजे पर एक नई छाया खड़ी हो। उनका दिल जोर-जोर से धड़कने लगा, और वे दोनों एक दूसरे को देखे बिना चुपचाप बढ़ने लगे।

अलेक्ज़ेंडर ने सारा से धीरे से कहा, “हम अब कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। वह आत्मा अभी भी हमें छोड़ने वाली नहीं है।"

सारा का चेहरा भय से सफेद हो गया था, लेकिन वह जानती थी कि वह और अलेक्ज़ेंडर अब किसी न किसी तरीके से इस समस्या का हल निकालेंगे। वह खुद को संभालते हुए बोली, “हमेशा के लिए तो हम नहीं भाग सकते। अगर हमें इससे निकलना है, तो हमें उसके सच का पता लगाना होगा। हमें उस आत्मा का रहस्य जानना होगा।”

उन दोनों ने यह निर्णय लिया कि वे काले होलो के खंडहर के पुराने लाइब्रेरी में जाएंगे, ताकि वहाँ कुछ और सुराग मिल सके।

जब वे लाइब्रेरी पहुंचे, तो उनके कदमों की आवाज़ घने सन्नाटे में गूंज रही थी। वहाँ के सिर्फ धूल से सजी किताबें और खाली मेज़ें सब कुछ डरावना सा लग रहा था। जैसे ही अलेक्ज़ेंडर ने एक पुरानी किताब उठाई, वह महसूस करता है कि किताब का कवर अजीब ढंग से गर्म हो गया है, जैसे उसके अंदर कुछ अदृश्य था।

सारा ने अलेक्ज़ेंडर से पूछा, “क्या वह किताब तुम्हें कोई सुराग देती है?”

अलेक्ज़ेंडर ने गहरी सांस ली और कहा, “यह किताब किसी पुराने धार्मिक मंत्र से भरी हुई है। मुझे लगता है, यह वही रहस्य है जिसे हमें जानने की जरूरत है।”

जब अलेक्ज़ेंडर ने किताब को खोला, तो उसकी आँखों में अचानक एक लाल रंग की रोशनी चमकी। किताब के पन्नों पर लिखा था:

"काले होलो का घर, वह जगह जहाँ समय और आत्माएँ आपस में मिलती हैं। वहाँ की आत्मा को फिर से जीवित करने के लिए, शैतानी शक्ति को एक मासूम जीवन का बलिदान देना होगा। एक आत्मा जो कभी नहीं छोड़ी जाती, एक खौ़फ़नाक धुंध के रूप में जीवन में हमेशा बनी रहती है।"

सारा और अलेक्ज़ेंडर दोनों ने एक-दूसरे को घबराहट से देखा। उन्हें अब यह समझ में आया कि जिस महिला की आत्मा वे देख चुके थे, वह सिर्फ एक प्रारंभिक संकेत थी, और असल खतरा अभी बाकी था। यह घर और यहाँ की शक्तियाँ अब उन्हें खींचने वाली थीं।

जैसे ही अलेक्ज़ेंडर और सारा किताब में अगला पन्ना पलटते हैं, एक तेज़ सांसें लेने की आवाज उनके कानों में गूंजती है। यह आवाज एक पुरुष की थी, जो किसी अंधेरे कोने से आ रही थी। सारा का दिल जोर से धड़कने लगा, और उसने अलेक्ज़ेंडर से कहा, “हमें अब यहाँ से जल्दी निकलना चाहिए।”

लेकिन जैसे ही वे बाहर जाने के लिए मुड़े, अचानक एक अंधेरे और भारी साया उनके सामने आ खड़ा हुआ। वह साया पहले से कहीं ज्यादा बड़ा और डरावना था। अब यह मरे हुए आत्मा का नेता, वह पुराना प्राचीन रक्षक था, जो घर की असल शैतानी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता था।

सारा ने डरते हुए कहा, “यह क्या है? क्या यह वही पुरुष है जिसे हम किताब में पढ़ रहे थे?”

अलेक्ज़ेंडर ने उसे धीरे से बताया, “यह वही रक्षक है। वह उस महिला का साथी था, और वह अब हमें समाप्त करने के लिए यहाँ आया है। हमें उसे हराना होगा, वरना हम कभी नहीं बचेंगे।”

रक्षक ने गहरे और खौ़फ़नाक स्वर में कहा, “तुम दोनों को यहीं पर खत्म कर दिया जाएगा। तुम्हें यह नहीं समझ आया कि काले होलो का घर कभी नहीं छोड़ता। तुम दोनों अब मेरी शक्ति का हिस्सा बनोगे।”

अब अलेक्ज़ेंडर और सारा के पास एक ही विकल्प था - या तो वे इस रक्षक से भिड़ेंगे, या फिर यह घर उन्हें हमेशा के लिए अपने जाल में फंसा लेगा।

अलेक्ज़ेंडर ने सारा से कहा, “सारा, ध्यान रखना, हमें इस रक्षक को खत्म करने के लिए उसके शक्ति स्रोत को जानना होगा। वह खुद एक भूतिया शक्ति नहीं है, वह किसी बड़ी अलौकिक ताकत का प्रतिनिधित्व करता है। अगर हम इसे नष्ट नहीं कर सके, तो हम हमेशा के लिए फंसे रहेंगे।”

सारा ने एक गहरी सांस ली और कहा, “ठीक है, अलेक्ज़ेंडर। हम इसे खत्म करेंगे। हम उसकी शक्ति को उसके खुद के धार्मिक मंत्र से कमजोर करेंगे।”

जैसे ही रक्षक ने अपनी शक्तियों को इकट्ठा किया, और एक अजीब सी संगीन बर्फीली हवा चारों ओर घिरी, अलेक्ज़ेंडर और सारा ने एक साथ मंत्र पढ़ना शुरू किया, ताकि वह रक्षक की आत्मा को शांत कर सकें।

रक्षक ने उन्हें चुनौती दी, “तुम दोनों किसी बात की उम्मीद मत रखना। मैं काले होलो का अंतिम रक्षक हूं। मुझे तुम दोनों को खत्म करने का आदेश मिला है।”

लेकिन अलेक्ज़ेंडर और सारा ने उसकी ताकत को अपनी आध्यात्मिक शांति और संगठित मंत्रों से कमजोर कर दिया।

मंत्रों के साथ जैसे ही एक तेज़ चमक से रक्षक की शक्ति में कमी आने लगी, वह अचानक बुरी तरह चिल्लाते हुए अपने अस्तित्व से बाहर गिरने लगा। उसकी धुंधली आत्मा फूटकर हवा में फैल गई और एक बड़े संगीन प्रकाश में विलीन हो गई।

सारा और अलेक्ज़ेंडर दोनों गहरे थके हुए थे, लेकिन उन्होंने महसूस किया कि अब वे रक्षक की पकड़ से मुक्त हो गए थे।

काले होलो के खंडहर में चुप्प की गहरी खामोशी अब पूरी तरह से फैल चुकी थी। रक्षक की आत्मा के अंत के बाद, सारा और अलेक्ज़ेंडर ने राहत की सांस ली थी, लेकिन एक अजीब सा डर अभी भी उनके दिलों में बना हुआ था। घर के अंदर का माहौल अब भी उतना ही डरावना था, जितना पहले था।

सारा ने धीरे से कहा, “क्या हमें सच में सुरक्षित हो गए हैं?”

अलेक्ज़ेंडर ने उसे देखे बिना जवाब दिया, “हमने रक्षक को खत्म कर दिया है, लेकिन यहां कुछ तो और है। यह जगह अभी भी हमें छोड़ने का नाम नहीं लेती।”

सारा ने गहरी सांस ली और कहा, “क्या हम यहाँ से जा सकते हैं?”

अलेक्ज़ेंडर ने एक और नज़र डाली और कहा, “यह जगह हमें कहीं नहीं जाने देती। हर मोड़ पर कुछ और है। यह घर, ये दीवारें, ये कमरे, सब किसी न किसी कारण से हमें बांध कर रखे हुए हैं।”

सारा ने यह महसूस किया कि जो उन्होंने पहले नहीं समझा था, वह अब पूरी तरह से स्पष्ट था – यह घर एक तरह का जीवित साया था, जो किसी अज्ञात कारण से उनके आत्मा से जुड़ा हुआ था।

वे दोनों धीरे-धीरे खंडहर के अंदर और गहरे जाने लगे। जैसे ही वे एक पुराने स्टोर रूम के पास पहुंचे, वहां अजीब सी आवाजें सुनाई दीं। वह आवाजें हल्की सी फुसफुसाहट जैसी थीं, जैसे कोई उन्हें पुकार रहा हो।

सारा के हाथ से अचानक एक पुरानी, फटी हुई किताब गिर गई। जब उन्होंने उस किताब को उठाया, तो उसमें एक धुंधला सा मैप छुपा हुआ था। वह मैप पुराने खंडहर के उन हिस्सों को दर्शाता था, जिन्हें उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था।

अलेक्ज़ेंडर ने किताब के पन्ने पलटे और फिर उसका ध्यान मैप पर केंद्रित हो गया। मैप में कुछ खास चिन्ह थे, जिनका अर्थ शायद अब उन्हें समझने की आवश्यकता थी।

“यह वो हिस्सा है जहाँ हम कभी नहीं गए,” अलेक्ज़ेंडर ने कहा। “यह उस काले दरवाजे का रास्ता है, जिससे हमें गुजरना है।”

सारा ने घबराकर कहा, “क्या तुम सोचते हो कि वह दरवाजा कहीं हमारे लिए खुल जाएगा?”

अलेक्ज़ेंडर ने गंभीरता से कहा, “हमारे लिए यही एक रास्ता है। अगर हम इसकी जांच नहीं करेंगे, तो यह घर हमें कभी चैन से जीने नहीं देगा।”

सारा और अलेक्ज़ेंडर ने तय किया कि वे उस काले दरवाजे तक जाएंगे। जैसे ही वे उस कमरे के पास पहुंचे, एक अंधेरे, घने कोहरे ने चारों ओर घेर लिया। कमरे के भीतर का माहौल बिल्कुल भूतिया था, और दरवाजे के पास पहुंचते ही एक अजीब सी गंध महसूस होने लगी।

जब अलेक्ज़ेंडर ने दरवाजे को छुआ, तो वह दरवाजा अचानक से खुल गया, और एक सर्द हवा ने उन्हें अंदर खींच लिया।

यह दरवाजा किसी अलौकिक दुनिया का द्वार प्रतीत हो रहा था। जैसे ही वे अंदर कदम रखते हैं, उनके सामने धुंधली, अपारदर्शी छायाएँ उभरने लगती हैं।

अंदर आते ही एक सर्द, ठंडी आवाज उन्हें सुनाई देती है। वह आवाज किसी इंसान की नहीं, बल्कि आत्माओं के समूह की लग रही थी।

“तुम दोनों यहाँ क्यों आए हो?” वह आवाज गहरी और रहस्यमयी थी। “क्या तुम समझते हो कि काले होलो का घर कभी किसी को जाने देता है?”

सारा ने कांपते हुए कहा, “हमें जाने दो। हम अब यहाँ से नहीं रुके रह सकते। हमें निकलने दो!”

लेकिन वह आवाज फिर से गूंजी, “तुम दोनों की किस्मत पहले से तय है। तुम दोनों कभी भी नहीं जा सकोगे।”

अलेक्ज़ेंडर ने कुछ साहस जुटाते हुए कहा, “हमारे अंदर जो भी शक्ति है, वह हमें यहाँ से बाहर निकालने की अनुमति देगी। हमें इस घर का हर राज़ जानना होगा।”

आवाज में एक हल्की सी हंसी थी। “तुम दोनों क्या समझते हो, तुम काले होलो के राज़ को जानने के लायक हो? तुम दोनों वही लोग हो जो इस घर में फंसे थे और हमेशा के लिए फंसे रहोगे।”

जैसे ही आवाज़ खत्म हुई, कमरे में अचानक तेज़ रोशनी का विस्फोट हुआ, और एक धुंधली आकृति सामने आ खड़ी हुई। वह आकृति कुछ अजीब सी और विकृत थी, जैसे वह किसी प्राचीन राक्षस का रूप हो। उसकी आंखों से अदृश्य आक्रोश झलक रहा था।

अलेक्ज़ेंडर और सारा ने देखा कि वह आकृति धीरे-धीरे उन्हें घेरने लगी। सारा ने घबराकर कहा, “यह क्या है? हमें इसे हराना होगा।”

अलेक्ज़ेंडर ने कहा, “यह वह शक्ति है जिसे हम जानते नहीं। लेकिन यह अब हमारा मुकाबला करने के लिए यहाँ है। हमें इसे खत्म करने का कोई तरीका ढूँढना होगा।”

वे दोनों अब समझ चुके थे कि उनका सामना काले होलो की असली आत्मा से था, और यह आत्मा उन्हें कभी भी छोड़ने वाली नहीं थी।

अलेक्ज़ेंडर और सारा ने अपनी पूरी आध्यात्मिक शक्ति को समेटते हुए उस विकृत आकृति से मुकाबला शुरू किया। वे दोनों एक साथ संगठित मंत्रों का जाप करने लगे, जिससे एक तेज़ बवंडर का निर्माण हुआ।

सारा और अलेक्ज़ेंडर की आवाजें अब गहरी और तेज़ हो रही थीं, और उस बवंडर की घुमावदार आंधी में वह आकृति कमजोर होने लगी। उसके चारों ओर जो धुंध थी, वह धीरे-धीरे गायब होने लगी, और वह विकृत आकृति अंधेरे में विलीन हो गई।

फिर अचानक, सब कुछ शांत हो गया। सारा और अलेक्ज़ेंडर ने एक दूसरे को देखा, और यह महसूस किया कि वे शायद अब काले होलो के जाल से मुक्त हो गए और एक गहरी सांस लेते हुए वहां से बाहर निकल ग‌ए।


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