अन्जाने रिश्ते के तहत

अन्जाने रिश्ते के तहत

1 min
234


जुनून 

बेवफाई मैने की थी उसका सिला मुझे भी बेवफाई से ही मिला, मै फिर तन्हा हो गया था ।एलीना किसी और के लिये मुझे छोड़कर जा चुकी थी ।

आज एक जलसे में जाना था जंहा हिन्दुस्तान के कुछ कवियो को सम्मानित किया जाना था ।

मै बिलकुल नही जाना चाहता था पर मेयर साब का फोन आ गया और मुझे जाना पड़ा ।

अचानक स्टेज पर गज़ल पढ़ते रमा को देखा तो चौक गया उसकी गज़ल का एक एक लफ़्ज आज भी मुझे ही गा रहा था ,मुझे ही गुनगुना रहा था, वो आज भी मेरे ही हर्फ़ दोहरा रही थी जिन्हें मै बड़ी बेदर्दी से भूल गया था वो बड़े प्यार से गा रही थी।

मुझे याद आया ,कभी मै गाया करता था वो सुना करती थी, मै उसकी गहरी आंखो में डूब जाता था और वो खो जाया करती थी ।

मै ही उसे छोड़कर चला आया था अमेरिका । पर वो वंहा मुझे ही लिखती रही ,मुझे ही चाहती रही, मेरे ही गीत गाती गुनगुनाती रही ,मेरीे ही गज़ले ओढ़ती बिछाती रही ।

शायद उसके इसी जुनूूून ने उसको मेरे सामने फिर लाकर खड़ा कर दिया था प्रशस्ति पत्र देते हुये मेरे हाथ कांप रहे थे और वो मुझे देखे जा रही थी तालियाँ बज रही थी ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance