अपर्णा गुप्ता

Drama Inspirational Others

2.5  

अपर्णा गुप्ता

Drama Inspirational Others

फिर भी मैं पराई हूँ

फिर भी मैं पराई हूँ

2 mins
597


”बहु-बेटी"

सुधा बाहर आई तो देखा सामने मीना की बहु अपने मायके जा रही है। उसे याद आया मीना ने कल ही तो बताया था कि बहु का भाई लेने आ रहा है ........


"कैसे होगा चली जायेगी तो मन नही लगेगा हाय मै कैसे रहूंगी अपनी पोती और बहु के बिना" ............मीना की बात सुनकर

सुधा को लगा हमेशा यही दिखाती है जैसे कितना प्यार है दोनो में..........  हुंह सास बहु और प्यार कभी हो ही नही सकता .......।


सुधा की बहु तो कब से लड़झगड़ कर अलग रहने चली गई थी यही वो सबको बताती भी थी......।


 सुधा ने देखा दोनो सास बहु आपस में गले लगकर रो रही थी। सुधा को बड़ा अटपटा लगा शायद कुछ गलत देख लिया था या विश्वास नही आया।


दुपट्टा डालकर वो अपनी प्यारी सहेली के पास जा पहूंची, बहु ने "अांटी नमस्ते" कहकर पैर छुये आैर कार में बैठ गई मीना को देखकर ऐसा लग रहा था कि उसकी बेटी विदा हुई है ...........


मीना बार बार दुपट्टे से आंखे पूंछ रही थी सुधा को देखकर बोली, "घर सूना रहेगा कुछ दिन...”


“अरे........सुधा मीना का हाथ पकड़कर बोली ....... तु तो ऐसे कर रही है जैसे तेरी बेटी अनु गई है......

सच कह रही हो सुधा मेरी बेटी तो है वो भी..."


"मै नही मानती बहु कभी बेटी नही बनती वो बहु ही रहती है”, मुंह बनाकर सुधा ने कहा।


 "नही सुधा, जानती हो जब अनु घर आती है तो जाते वक्त घर के कोने कोने में जाने क्या ढ़ूंढ़ती है शायद कोई लम्हा उसके बचपन की कोई याद कोनो में जाकर रो लेती है चुपचाप.......... ये लड़कियां न मायके की रह पाती है न ससुराल की अगर हम ही इन्हे न समझेंगे तो कौन समझेगा अपना वक्त तो भूला देते है हम सास बनते ही........ ...।

कैसे रोपती है ये खुद को दूसरे आंगन में......... । इन्हे प्यार की खाद चाहिये सुधा तभी तो पनपेगीं हमारे आंगन में। आते ही हम आशा करते है कि ये निभायें पहले हम निभाये..........।”


सुधा तो सहेली की कायल हो गई थी उसे पागलो की तरह देखे जा रही थी आज पहली बार एक बेटी की मां न होने का दुख जो हुआ था और बहु के साथ न रहने की तड़प महसूस हुई थी ......... ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama