Kunda Shamkuwar

Abstract Others Drama

4.8  

Kunda Shamkuwar

Abstract Others Drama

अम्ब्रेला

अम्ब्रेला

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468


लंच टाइम में आमतौर पर होनेवाली बातचीत में यूँ ही किसी ने हँसते हुए मुझे कहा," यह जो पति होते हैं,आपका इनके बारे में क्या ख़याल है?"

बात जरा लाइट मूड में चल रही थी। मैंने कहा,"यह सवाल मेरे लिए नही है।आप तो जानती है कि मैं एक सिंगल वर्किंग वुमन हूँ।" उस महिला ने हँसते हुए कहा, "तभी तो आपसे पूछा जा रहा है यह सवाल!" 

मैंने भी हँसते हुए कहा,"पति की ही क्यों पूछ रही हैं आप, पत्नी के बारे में क्यों नही? मैं दोनों के बारे में कहूँगी।" मेरी बात से ग्रुप की सारी महिलाएँ हँस पड़ी।

उनमें से किसी एक ने कहा," शी इज द ओनली सिंगल वुमन हिअर,लेटस सी हर ओपिनियन।"मैं एक लंबे पॉज के बाद कहने लगी, "बारिश के दिनों में जब मेरे पास अम्ब्रेला नही होती है और अचानक बारिश होने मुझे लगता है कि बारिश आते ही मेरे पास काश कोई अम्ब्रेला आ जाये और बारिश खत्म होने के बाद वह फौरन ही चली जाये।" सारी महिलायें हँसने लगी। जरा उनकी हँसी रुकने पर मैंने कहा,"पतियों के लिए शायद पत्नियाँ भी उस अम्ब्रेला की तरह होती है।बारिश हो या धूप हो,हर जरूरत के लिए उसने वहाँ होना है। जैसे उन्हें पत्नी चाहिए खाना बनाने के लिए,घर संभालने के लिए, सोशल सर्किल में मूव करने के लिए, रात को सोने के लिए बिस्तर में..." कहते कहते मैं एकदम रुक गयी। बीइंग सिंगल शायद मुझे यह सब नही कहना चाहिए था। प्रेजेंस ऑफ़ माइंड यूज करते हुए मैं हँस पड़ी और बात को झट से संभाल लिया।

मेरी हँसी थमते ही मुझे वहाँ के सर्द माहौल का अहसास हुआ। थोड़ी देर पहले वहाँ हँसी के ठहाके गूँज रहे थे। अब वहाँ एक लंबी खामोशी पसरी हुयी थीवहाँ लंच करती हुयी सारी  मैरीड महिलाओं को जैसे काठ मार गया हो....

अचानक ऑफिस का प्यून आ गया और हम सारी महिलाएँ जल्दी से लंच फिनिश करने लगी...

उस समय वहाँ उस प्यून का आना भी हम सभी को एक अम्ब्रेला की तरह ही लगा जिसकी उस समय सबको सख्त जरूरत थी, उस सर्द माहौल को नार्मल करने के लिए!


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