अजनबी
अजनबी
“ कौन हो ?
“कहाँ चले आ रहे हो ? क्या चाहिए तुम्हें ? ये क्या दादागिरी है ? कुछ पूछ रही हूँ मैं ?कुछ बताते क्यों नहीं?”
“ सुन सकोगी ..?”
“ तुम्हारी बेटी मुझसे शादी करने जा रही है । “
“ अच्छा तो तुम भगा कर ले गए हो मेरी बेटी को ?”
“ नहीं ! मैं भगा कर नहीं ले गया हूँ । वह मेरे साथ भागने के लिए तैयार है। यही बताने आया
हूँ। “
“ क्या कहना चाहते हो ?”
“ यही कि वो आपके बंधन से मुक्त होना चाहती है।
“ मेरे बंधन से …?”
“ ऐसा ही कहती है “
“ तुम स्वतंत्र करोगे ?”
“ हाँ ?”
“ नाम क्या है तुम्हारा ?”
“ आफ़ताब ?”
“ तुम .. और स्वतंत्रता ..?”
“ हॉं ! तुमसे स्वतंत्रता तो दिला ही दूँगा शायद
पूरी स्वतंत्रता।”
“ नासमझ लड़की ..”