परिवार
परिवार
“ तुम्हारी मॉं यहाँ कितने दिन रहने के लिए आ रही हैं ? निकिता ने पूछा।
“ जितने दिन तुम्हारी मॉं यहाँ रही थी “ प्रश्नार्थ में ही जवाब दिया नीलेश ने।
“ क्या मतलब ?”
“ क्यों समझ नहीं आया ?”
“ आया तो लेकिन इतने दिन के लिए क्यों आ रही हैं ?”
“ क्यों तुम्हें ज़्यादा लग रहा है ?”
“ तुम्हें नहीं लग रहा ,ज़्यादा?
तुम्हें क्यों लगेगा ? “
“ जैसे तुम्हें नहीं लगा था !“
“ दोनों में फ़र्क़ है”
“ यह तुमने बनाया है।”
“ मैं इतने दिन उन्हें नहीं झेल सकती !”
“ मैं भी यह वाक्य कह सकता था। लेकिन नहीं कहा। मॉं मॉं होती है मेरी और तुम्हारी नहीं। “
निकिता रसोईघर में चली गई मॉं के स्वागत में पकवान बनाने व घर सजाने लग गई।