DURGA SINHA

Others

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DURGA SINHA

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परिवार

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“ तुम्हारी मॉं यहाँ कितने दिन रहने के लिए आ रही हैं ? निकिता ने पूछा।

“ जितने दिन तुम्हारी मॉं यहाँ रही थी “ प्रश्नार्थ में ही जवाब दिया नीलेश ने।

“ क्या मतलब ?”

“ क्यों समझ नहीं आया ?”

“ आया तो लेकिन इतने दिन के लिए क्यों आ रही हैं ?” 

“ क्यों तुम्हें ज़्यादा लग रहा है ?”

“ तुम्हें नहीं लग रहा ,ज़्यादा?

  तुम्हें क्यों लगेगा ? “

“ जैसे तुम्हें नहीं लगा था !“

“ दोनों में फ़र्क़ है”

“ यह तुमने बनाया है।”

“ मैं इतने दिन उन्हें नहीं झेल सकती !”

“ मैं भी यह वाक्य कह सकता   था। लेकिन नहीं कहा।  मॉं मॉं होती है मेरी और तुम्हारी  नहीं। “

 निकिता रसोईघर में चली गई  मॉं के स्वागत में पकवान बनाने व घर सजाने लग गई।



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