DURGA SINHA

Others

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DURGA SINHA

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दोस्त

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“भाई साहब ? “  अस्पताल में बैठे अपने नम्बर की  प्रतीक्षा में दूसरे अजनबी प्रतीक्षारत बुज़ुर्ग से हरिशंकर ने

सादा का प्रश्न किया । वो सज्जन भी घुटने के दर्द से परेशान थे ।

“ घुटने जवाब दे गए हैं जी ।” सादा सा उत्तर 

“क्या कहता है डॉ० आपको ?”

“ घुटने बदलवा लीजिए ।”

“ कारण क्या बताया डॉ० ने ?”

“ मैं रोज़ 10 से 15 मील लगभग सैर करता था।”

“ तो ...?” 

“ तो क्या ... डॉ० बोला इतना नहीं चलना था ।

  डॉ० कहते हैं आपने इतना ज्यादा काम लिया अपने पैरों से कि घुटने जवाब दे गए ।” 

“ आप ...? आपको क्या परेशानी है ?”

“मेरे भी घुटने गए ..क्योंकि .. मैं तो एक क़दम भी  चलता ही नहीं था ।” दोनों के चेहरे पर पल भर को मुस्कुराहट की महीन रेखा कौंध गई।दर्द की दोस्ती पक्की हो गई। 



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