ज़िंदगी में तेरा होना
ज़िंदगी में तेरा होना
फ़ीकी फ़ीकी ज़िंदगी ये
तुम से ही है रंगभरी
खुरदरे से इस सफ़र में
एहसास ये मख़मली
तीखे कड़वे जायकों में
चंद यादें हों शिरीन
सलवटों की चुभन में
इक छुअन हो रेशमी
घुटी दबी सी खामोशी में
आवाज़ इक सुरभरी
खँडहर से उजाड़ घर में
एक कोना मरमरी
बर्फीली वादियों में
गर्म प्याली चाय की
पथरीले रास्तों में
एक सड़क छाया भरी
रेगिस्तानी राह पर
एक बगिया हरी भरी
तेरा होना है सुक़ून
जैसे ठंडक रूह की।